पुलिस का क्या फायदा जब इंसाफ के लिए सड़कों पर आना पड़े, कार रैली निकालकर लगाई न्याय की गुहार

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 27 Jul, 2024 06:05 PM

society residents protest outside gurgaon police commissioner office

स्विमिंग पूल में डूबकर हुई पांच साल के मिवांश सिंगला की मौत मामले में पुलिस कार्रवाई करने में आनाकानी कर रही है। खानापूर्ति के लिए पुलिस ने लाइफ गार्ड और सिक्योरिटी गार्ड को तो अरेस्ट कर लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी बिल्डर और बिल्डर कंपनी द्वारा बनाई...

गुड़गांव, (ब्यूरो): स्विमिंग पूल में डूबकर हुई पांच साल के मिवांश सिंगला की मौत मामले में पुलिस कार्रवाई करने में आनाकानी कर रही है। खानापूर्ति के लिए पुलिस ने लाइफ गार्ड और सिक्योरिटी गार्ड को तो अरेस्ट कर लिया है, लेकिन मुख्य आरोपी बिल्डर और बिल्डर कंपनी द्वारा बनाई गई मैनेजमेंट को गिरफ्तार नहीं किया है।

गुड़गांव की खबरों के लिए इस लिंक https://www.facebook.com/KesariGurugram पर क्लिक करें।

 

पुलिस सीधे तौर पर आरोपियों को संरक्षण दे रही है। ऐसी पुलिस का क्या फायदा जब लोगों को इंसाफ के लिए सड़कों पर ही उतरना पड़े। यह बात हम नहीं बल्कि सेक्टर-37डी की बीपीटीपी पार्क सरीन सोसाइटी निवासियों का कहना है। सोसाइटी निवासियों का कहना है कि मिवांश की मौत को चार दिन हो गए हैं, लेकिन पुलिस कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति करने में जुटी हुई है। यहीं कारण है कि पिछले चार दिनों वह उन्हें रोजाना सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। शुक्रवार देर शाम को जहां सोसाइटी निवासियों ने कैंडल मार्च निकाला था वहीं, शनिवार सुबह सोसाइटी निवासियों ने न्याय की गुहार लगाते हुए कार रैली निकालकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय का रुख कर लिया। यहां लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बिल्डर की गिरफ्तारी की मांग की।

 

 

वहीं सोसाइटी के रहने वाले लोगों का कहना है कि बिल्डर की तरफ से केवल कर्मशियल एक्टिविटी करने पर जोर दिया जा रहा है। बिल्डर को लोगों की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है वह केवल यह प्लान बनाता है कि आखिर सोसाइटी निवासियों से किस तरह से ज्यादा से ज्यादा रकम वसूली जाए। सुरक्षा की तरफ ध्यान दिया हाेता तो आज मिवांश हम सभी के बीच होता। सोसाइटी के हालात यह हो गए हैं कि अब बच्चे पूल में नहाने और लिफ्ट में अकेले जाने से डरने लगे हैं। चार दिन पहले एक बच्चा लिफ्ट में फंस गया था, लेकिन उसकी मदद करने के लिए कोई नहीं आया। बिल्डर को शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। यही कारण है कि अब न्याय के लिए लोगों को सड़कों पर ही उतरना पड़ रहा है।

 

पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर पहुंचे लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि पुलिस द्वारा मामले में की जा रही खानापूर्ति से लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वहीं, मामले में लोगों के बीच पहुंचे एसीपी सुरेंद्र जवाबदेही से बचते नजर आए। पुलिस की कार्यशैली पर जब सवाल उठने लगे तो एसीपी द्वारा भी खानापूर्ति करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी करने और मामले की जांच के लिए समय मांगा गया है। 

 

लोगों ने साफ कर दिया है कि जल्द ही अगर बिल्डर और मैनेजमेंट की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह सड़कों पर उतरकर अपने आंदोलन को और तेज कर देंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी गुड़गांव पुलिस की होगी।

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!