Edited By Deepak Kumar, Updated: 01 Jan, 2025 04:52 PM
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में किसान संगठनों ने 4 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत बुलाई है। महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) हरियाणा ने किसानों को एकजुट करने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): पंजाब के किसानों की ओर से एमएसपी की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर दिए जा रहे धरने के बीच अब अन्य प्रदेशों के किसान भी एकजुट होने शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना में किसान संगठनों ने 4 जनवरी को राष्ट्रीय स्तर की किसान महापंचायत बुलाई है। महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) हरियाणा ने किसानों को एकजुट करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इस किसान महापंचायत में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और देशभर के कई अन्य किसान नेताओं के जुटने का दावा किया जा रहा है। पंजाब से भी बड़ी संख्या में किसानों इसमें शामिल हो सकते हैंष
किसानों को एकजुट करने में जुटा बीकेयू
महापंचायत को लेकर एसकेएम के सदस्य भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने भी अपनी भूमिका निभाने में जुटा हुआ है। एक दिन पहले ही बीकेयू ने करनाल में भी बैठक की थी, जिसमें संगठन के तीन जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए थे। बीकेयू हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष रतन मान ने किसानों की अधूरी मांगों को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर सरकार ने एक्शन में देरी जारी रखी तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बैठक में किसानों ने हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 24 फसलों की खरीद के सरकार के दावों को खारिज किया। रतन मान ने ने कहा कि सीएम नायब सिंह सैनी को झूठे बयान देने की जगह एमएसपी कानून के लिए केंद्र सरकार से गारंटी पत्र प्राप्त करना चाहिए। रतन मान ने आगे कहा कि भाजपा सरकार लगातार किसानों के मुद्दों को अनदेखा कर रही है और वे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए मजबूर हैं। मान ने अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बिगड़ते स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जताई।
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