Edited By Isha, Updated: 03 Jan, 2025 06:09 PM
हरियाणा में नई रेलवे लाइन बिछने के बाद दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा। एक्सप्रेस-वे, हाईवे, रेलवे और मेट्रो सेवाओं के विस्तार से लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसी कड़ी में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो गई...
हरियाणा डेस्क: हरियाणा में नई रेलवे लाइन बिछने के बाद दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा। एक्सप्रेस-वे, हाईवे, रेलवे और मेट्रो सेवाओं के विस्तार से लोगों को अच्छी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसी कड़ी में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके निर्माण से आईएमटी मानेसर की तस्वीर बदल जाएगी।
हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड पलवल-मानेसर-सोनीपत के बीच हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर विकसित करने की योजना बना रहा है। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, HORC प्रोजेक्ट का सेक्शन A धुलावट से बादशाह तक है। 29।5 किमी लंबी विद्युतीकृत दोहरी ट्रैक रेलवे लाइन नूंह और गुरुग्राम जिलों से होकर गुजरेगी।
सोनीपत से इस रेल कॉरिडोर पर तुर्कपुर, खरखौदा, जसौर खेड़ी, मांडौठी, बादली, देवरखाना, बाढ़सा, न्यू पातली, पचगांव, आईएमटी मानेसर, चंदला डूंगरवास, धुलावट, सोहना, सिलानी और न्यू पलवल पर स्टेशन बनाए जाएंगे। खास बात यह है कि यह रेल कॉरिडोर देश की सबसे बड़ी ऑटो मोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी के प्लांट से महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित होगा। आइए आपको बताते हैं कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के पूरा होने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कैसे राहत मिलेगी?
हरियाणा रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर पर मालगाड़ियों से प्रतिदिन 5 करोड़ टन माल का परिवहन संभव हो सकेगा। इस रेलवे ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। कॉरिडोर पर 2 सुरंगें बनाई जाएंगी। खास बात यह है कि इस सुरंग का निर्माण इस तरह किया जाएगा कि डबल स्टैक कंटेनर भी आसानी से गुजर सके। दोनों सुरंगों की लंबाई (ऊपर-नीचे) 4।7 किलोमीटर, ऊंचाई 11 मीटर और चौड़ाई 10 मीटर होगी। KMP एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ हरियाणा रेल कॉरिडोर विकसित किया जाएगा। चूंकि, यह कॉरिडोर मानेसर स्थित मारुति सुजुकी प्लांट से महज 200 मीटर की दूरी पर है। अभी तक प्लांट से 5 किलोमीटर दूर तक कारें लोड की जाती हैं।
ऐसे में रेल कॉरिडोर नजदीक होने से गाड़ियां आसानी से लोड होंगी और सड़कों पर गाड़ियों की आवाजाही कम होगी। इससे न सिर्फ डीजल की बचत होगी बल्कि प्रदूषण भी कम होगा। हरियाणा रेल ऑर्बिटल कॉरिडोर पृथला और तावडू में समर्पित माल गलियारे को जोड़ेगा। इससे देश के किसी भी हिस्से में कम से कम समय में कारें पहुंच सकेंगी।