Edited By Yakeen Kumar, Updated: 18 Dec, 2024 05:04 PM
आज देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अकसर कई ऐसे किस्से सुनने को मिल जाते हैं, जिसमें किसी भी बिल्डिंग का उद्घाटन होने के कुछ समय बाद ही वह गिर जाती है।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : आज देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अकसर कई ऐसे किस्से सुनने को मिल जाते हैं, जिसमें किसी भी बिल्डिंग का उद्घाटन होने के कुछ समय बाद ही वह गिर जाती है। ऐसे में सिटी ब्यूटीफुल का दर्जा हासिल करने वाले चंडीगढ़ में बनी सरकारी ईमारतें 71 साल गुजरने के बाद आज भी पूरी मजबूती के साथ शान के साथ खड़ी इतरा रही है।
मानों उनकी जैसी मजबूती और रचना देश के किसी और हिस्से में बनी किसी बिल्डिंग में नहीं है। इन्हीं बिल्डिंग में से एक है चंडीगढ़ में बने हरियाणा-पंजाब के सचिवालय की बिल्डिंग। इस बिल्डिंग के निर्माण कार्य की शुरूआत आज से करीब 71 साल पहले देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। उन्होंने 7 नवंबर 1953 में सचिवालय की बिल्डिंग की आधारशीला रखी थी। उस समय हरियाणा का गठन नहीं हुआ था, बल्कि संयुक्त पंजाब एक संपूर्ण राज्य था।
चंडीगढ़ जैसे खूबसूरत शहर की रचना में लगे आठ साल
चंडीगढ़ को ‘सिटी ब्यूटीफुल’ का तमगा ऐसे ही नहीं मिल गया है। इस शहर की संरचना बनाने और बसाने में सालों तक कड़ी मेहनत की गई। जिसके बाद यह शहर देश का पहला प्लान और खूबसूरत शहर बनकर उभरा। इस शहर को बनाने और बसाने में सबसे बड़ा योगदार ‘ली कार्बूजिए’ की है। देश के पहले खूबसूरत और प्लान शहर का दर्जा हासिल करने वाले चंडीगढ़ शहर की रचना में पूरे आठ साल का समय लगा था। चंडीगढ़ जैसे खूबसूरत शहर की रचना फ्रांसीसी नागरिक ली कार्बूजिए ने की थी।
1952 से 1959 के बीच भारत में अपने आठ साल के प्रवास के दौरान कार्बूजिए ने चंडीगढ़ शहर और उसकी बिल्डिंग के ऐसे डिजाइन तैयार किए कि आज भी देखने में यह पूरी तरह से आधुनिक लगते हैं। ली कार्बूजिए ने ही चंडीगढ़ की रचना के दौरान इस शहर का नक्शा और बिल्डिंगों का डिजाइन भी तैयार किया था। ली कार्बूजिए की सोच और डिजाइन के कारण ही चंडीगढ़ आज अपनी खूबसूरती और हरियाली के लिए मशहूर है। चंडीगढ़ अन्य शहरों की तरह नहीं है।
यह पूरी तरह से प्लांड और हरियाली से भरपूर शहर है। ली कार्बूजिए ने शहर का नक्शा व मैप तैयार करने के अलावा यहां के न्याय भवन, कला वीथी व संग्रहालय, चंडीगढ़ सचिवालय, राज भवन और विधान सभा भवन का डिजाइन भी तैयार किया था। आज भी दूर दराज से अनेक लोग इस शहर की खूबसूरती के साथ यहां बनी बिल्डिंगों की सुंदरता को निहारने के लिए आते हैं।
ऐसे बना हरियाणा-पंजाब की राजधानी
एक नवंबर 1966 को पंजाब पुनर्गठन एक्ट पास किया गया। इस एक्ट के पास होने के बाद पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ अस्तित्व में आया। उस समय चंडीगढ़ को पंजाब और हरियाणा की राजधानी बनाया गया। हिमाचल प्रदेश 1970 तक केंद्र शासित प्रदेश था। जानकारों की माने तो उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था कि शुरुआत में चंडीगढ़ दोनों राज्यों की राजधानी रहेगी, जो बाद में पंजाब में मिल जाएगी।
चंडीगढ़ को उस समय दोनों राज्यों की राजधानी इसलिए बनाया गया था, क्योंकि उस समय चंडीगढ़ के पास ही प्रशासनिक ढांचा था। पंजाब पुनर्गठन एक्ट में ये भी तय किया कि चंडीगढ़ की संपत्तियों का 60 फीसदी हिस्सा पंजाब और 40 फीसदी हिस्सा हरियाणा को मिलेगा।
पंजाब को मिलते-मिलते रह गया चंडीगढ़
चंडीगढ़ पर दावों को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच शुरू से ही विवाद रहा है। पुनर्गठन के 20 साल बाद 1985 में राजीव-लोंगोवाल समझौता हुआ। इसमें चंडीगढ़ पंजाब को सौंपने की पूरी तैयारी हो चुकी थी, लेकिन ऐन मौके पर राजीव गांधी ने इस समझौते से हाथ खींच लिए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1970 में केंद्र सरकार ने हरियाणा को 5 साल में अपनी राजधानी बनाने को कहा था। इसके लिए 10 करोड़ रुपये की मदद देने की भी पेशकश की गई थी।
CISF के हवाले सुरक्षा
वैसे तो चंडीगढ़ में यूटी पुलिस के अलावा पंजाब और हरियाणा पुलिस के भी कई कार्यालय है, लेकिन हरियाणा-पंजाब के संयुक्त सचिवालय की जिम्मेदारी हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ पुलिस की बजाए पूरी तरह से सीआईएसएफ के हवाले है।