Edited By Gourav Chouhan, Updated: 07 Nov, 2022 05:07 PM

डॉ नेहा ने यूजीसी की जूनियर रिसर्च फेलो की परीक्षा को पास कर यह साबित कर दिया कि भ्रूण हत्या के लिए बदनाम प्रदेश में लड़कियां अपनी मेहनत से आगे बढ़ रही हैं।
रोहतक: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी यूजीसी-नेट के परिणाम में हरियाणा के रोहतक जिले की बहू नेहा ने भी सफलता का परचम लहराया है। डॉ नेहा ने यूजीसी की जूनियर रिसर्च फेलो की परीक्षा को पास कर यह साबित कर दिया कि भ्रूण हत्या के लिए बदनाम प्रदेश में लड़कियां अपनी मेहनत से आगे बढ़ रही हैं। फिलहाल नेहा रोहतक की बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है।
असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं पीएचडी पास नेहा
बता दें कि अपनी सफलता के साथ मायके के साथ ही ससुराल वालों को भी गर्व का अनुभव करवाने वाली नेहा ने रोहतक स्थित एमडीयू से साल 2011 में वकालत की पढ़ाई की। यहां से एलएलबी करने के बाद नेहा ने वर्ष 2014 में कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एलएलएम की पढ़ाई की। नेहा यहीं नहीं रुकीं, जबकि इसके बाद इन्होंने पीएचडी की पढ़ाई करने का फैसला लिया। साल 2020 में ही नेहा ने खानपुर स्थित भगत फूल सिंह महिला कॉलेज से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। मौजूदा समय में डॉ नेहा बाबा मस्तान विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
जमींदार परिवार में शादी के बाद भी पूरा किया सपना
नेहा रोहतक जिले के भालौट गांव की बहू हैं। इनके पति हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में सुपरवाइजर के पद पर तैनात हैं। नेहा के ससुराल वाले गांव के सबसे बड़े जमींदार हैं। गांव में शादी होने के बावजूद भी नेहा ने साबित कर दिया कि मेहनत के जरिए हर सपने को पूरा किया जा सकता है। अपनी इस उपलब्धि के जरिए नेहा न सिर्फ युवाओं के लिए प्रेरणा बनी हैं, बल्कि शादी के बाद अपने सपनों को भूल जाने वाली लड़किों को भी उन्होंने एक राह दिखाई है।
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