Edited By Isha, Updated: 09 Jul, 2025 11:18 AM

हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया मंगलवार को कैथल पहुंचीं, जहां उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1700 गर्भवती महिलाओं को रजिस्ट्रेशन के लिए जारी किए गए नोटिस पर प्रतिक्रिया दी।
कैथल (जयपाल रसूलपुर): हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया मंगलवार को कैथल पहुंचीं, जहां उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा 1700 गर्भवती महिलाओं को रजिस्ट्रेशन के लिए जारी किए गए नोटिस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस कदम को न केवल सकारात्मक, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए बेहद जरूरी बताया।
रेनू भाटिया ने कहा कि गर्भवती महिलाओं का समय पर रजिस्ट्रेशन न केवल स्वास्थ्य विभाग को सटीक आंकड़े देने में मदद करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि समय रहते हर जरूरतमंद महिला को उचित इलाज, देखभाल और सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा, "रजिस्ट्रेशन से यह जानकारी मिलती है कि कितने गर्भस्थ शिशु स्वस्थ हैं और कितनों को विशेष चिकित्सा की आवश्यकता है। सही डाटा का होना स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ है। इससे न केवल योजनाएं बेहतर तरीके से लागू होती हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर जरूरतमंदों तक सुविधाएं पहुंच पाना भी संभव होता है।"
महिला आयोग की चेयरपर्सन ने यह भी कहा कि बिना रजिस्ट्रेशन के जब महिलाएं स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सामने आती हैं, तो न तो विभाग के पास उनके बारे में कोई जानकारी होती है और न ही कोई तैयार व्यवस्था। इससे न केवल विभाग की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, बल्कि कई बार जच्चा-बच्चा दोनों को जान का खतरा तक हो सकता है।
रेनू भाटिया ने यह भी कहा कि सही समय पर रजिस्ट्रेशन से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि गर्भवती महिला को कब जांच की जरूरत है, कौन सी दवाएं समय पर देनी हैं, और किस स्थिति में उसे अस्पताल रेफर किया जाना चाहिए। यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र की जवाबदेही को भी मजबूत करता है। उन्होंने कहा, "सही डाटा संग्रह से न केवल गणना में पारदर्शिता आती है, बल्कि भ्रम की स्थिति भी खत्म होती है। जब हमें मालूम होता है कि कौन महिला किस स्थिति में है, तब हम सही फैसले ले सकते हैं और जरूरतमंद को समय पर सहायता पहुंचा सकते हैं।"
उन्होंने सभी गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों से अपील की कि वे स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे रजिस्ट्रेशन कार्य में पूर्ण सहयोग दें। उन्होंने कहा कि यह न केवल एक प्रशासनिक कार्य है, बल्कि एक जिम्मेदारी है, जिससे लाखों बच्चों और माताओं का भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है।