राहत: 1.60 करोड़ से होगा सीवर समस्या का समाधान

Edited By Manisha rana, Updated: 14 Sep, 2020 09:33 AM

relief 1 60 crore will solve sewer problem

नगर निगम ने शहर की सीवर समस्या को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सभी वार्डों के ठेके आउटर्सोसिंग पर दे दिए गए...

फरीदाबाद (दीपक पांडेय) : नगर निगम ने शहर की सीवर समस्या को खत्म करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सभी वार्डों के ठेके आउटसोर्सिंग पर दे दिए गए हैं। अभी तक 16 वार्ड में ठेकेदार काम संभाल चुके हैं। सीवर समस्या को खत्म करने के लिए निगम के खजाने से 1.60 करोड रुपए खर्च होंगे। वहीं अब लोगों की गली या मोहल्ले में सीवर समस्या है। तो वह सीधा जेई को अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। निगम को उम्मीद है कि लोगोंं के सीवर समस्या बिल्कुल खत्म हो जाएगी। 

एनआईटी और बडख़ल में सबसे अधिक दिक्कत 
शहर में सबसे अधिक सीवर समस्या एनआईटी और बडख़ल में है। आए दिन इन विधानसभा से लोग सीवर समस्या से परेशान होकर नगर निगम मुख्यालय में प्रदर्शन करते हैं। सीवर ओवरफ्लो की वजह से एनआईटी की सड़कें भी टूट गई है।  सीवर लाइनों पर नजर डालें तो सबसे पुरानी सीवर लाइनें एनआईटी फरीदाबाद में है। नगर निगम के अनुसार उसके एरिये में कुल 71 सेक्टर आते है। जिसमें ओल्ड फरीदाबाद में 20, एनआईटी मेंं 24 व बल्लभगढ़ में 27 सेक्टर आते है। इसके अलावा दर्जनों कॉलोनियों में सीवर की लाइनें बिछाई गई है।

इस वक्त नगर निगम ने 55 प्रतिशत सड़क के नीचे से 700 किलोमीटर सीवर की लंबी, छोटी लाइनें बिछाई है। जिनसे सीवर का पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक जाता है। इस वक्त सबसे ज्यादा सीवर जाम की समस्या एनआईटी फरीदाबाद व बडखल विधानसभा में है। लोगोंं की समस्याओं को देखते हुए निगम ने सीवर लाइनों की सफाई व मेंटिनेंस का ठेका छोड़ा और प्राइवेट ठेकेदारों को काम सौंपने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस वक्त 16 वॉर्डों का काम ठेकेदारों को दिया जा चुका है। बाकी के बचे वॉर्डों का काम भी इस महीने के अंत तक दे दिया जाएगा।

संसाधनों की कमी के कारण निगम को उठाना पड़ा कदम
नगर निगम अभी तक शहर की सीवर समस्या का समाधान नहीं निकाल पाया है। संसाधनों की कमी के कारण उसके सामने सीवर समस्या को खत्म करने की चुनौती है। शहर के तीनों जोन के लिए सुपर सकर मशीन की संख्या केवल 5 है। जिसमें से दो पुरानी होने के कारण खराब हो चुकी है और बाकी की 3 मशीन इस वक्त काम कर रही है। इसके अलावा 7 जेटिंग मशीन है। अगर कायदे से देखा जाए तो कम से कम 10 सुपर सकर मशीन इस वक्त शहर को चाहिए। वहीं लगभग 40 जेटिंग मशीन होनी चाहिए। इस कमी की वजह से ही नगर निगम ने सभी वॉर्डों की सीवर लाइनों की मेंटिनेंस का काम प्राइवेट ठेकेदारों को देने का प्लान बनाया है। प्रत्येक वॉर्ड में प्रति महीना 4 लाख रूपये का खर्च आएगा इस हिसाब से निगम खजाने पर प्रति महीना सीवर लाइनों की सफाई पर 1 करोड़ 60 लाख रूपये का खर्च आएगा।

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