रमण बाल्मीकि की मौत का मामला: पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट बाल्मीकि समाज

Edited By Isha, Updated: 01 Sep, 2020 12:08 PM

raman balmiki s death case balmiki society dissatisfied with police action

यमुनानगर जिला जेल में 25 अप्रैल को हुई रमण बाल्मीकि की मौत के मामले में पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट बाल्मीकि समाज ने चुना भट्टी एरिया में कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक बंताराम...

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): यमुनानगर जिला जेल में 25 अप्रैल को हुई रमण बाल्मीकि की मौत के मामले में पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट बाल्मीकि समाज ने चुना भट्टी एरिया में कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें भारी संख्या में लोगों ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विधायक बंताराम वाल्मीकि ने की । कार्यक्रम में भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भारी काफिले के साथ पहुंचे।जबकि कार्यक्रम में हरियाणा के विभिन्न हिस्सों के इलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं चंडीगढ़ से भी वाल्मीकि समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गुरमुख सिंह एडवोकेट, बॉबी कल्याण, रिंकू वाल्मीकि, भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष प्रदीप गौतम, दरबारी लाल चौहान, प्रवीण टाक सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि आज 4 महीने हो गए रमन बाल्मीकि को न्याय नहीं मिला। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री को 10 दिन का समय दे रहे हैं। वह परिवार को बुलाकर बात करें और सीबीआई जांच के आदेश दें। नहीं तो 10 दिन बाद समय हमारा है हम तैयारी करके मुख्यमंत्री का उनके आवास पर  घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में न्याय मांगना हमारा अधिकार है। उन्होंने कहा कि हम ना मुख्यमंत्री को चैन से सोने देंगे ना प्रदेश के कर्मचारियों को। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में पुलिस ने कोरे आश्वासन दिए हैं। जो एसआईटी गठित करने की बात कही थी वह जांच आगे नहीं बढ़ी है। उन्होंने कहा जब सुशांत राजपूत के मामले की सीबीआई जांच हो सकती है तो रमण बाल्मीकि के मामले की क्यों नहीं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अब हमें देश पर राज करना है और हम हलक में हाथ डालकर अधिकार लेना जानते हैं।

उल्लेखनीय है कि होली के दिन भाटिया नगर में दो पक्षों में मारपीट हुई थी जिसमें वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष राजेंद्र बाल्मीकि के पुत्र रमण बाल्मीकि पर फायरिंग करने का आरोप लगा था। इस संबंध में मुकदमा दर्ज किया गया था जिस पर रमण बाल्मीकि ने 21 अप्रैल को थाने में आत्मसमर्पण किया था जिस पर अगले दिन उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में 3 दिन बाद ही उनकी खाना खाने के बाद तबीयत बिगड़ गई ।उल्टी आने के बाद वह जेल में गिर पड़े और अस्पताल में जब उन्हें लाया गया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। रमन वाल्मीकि के पिता राजेंद्र बाल्मीकि का आरोप है कि उनके बेटे को जेल में जहर दिया गया। उन्होंने इस संबंध में दूसरे पक्ष के साथ पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया था। अब भीम आर्मी के चीफ द्वारा सीधा सीधा 10 दिन का समय मुख्यमंत्री को दिए जाने से यह मामला फिर से गरमा गया है देखना होगा अब सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है।

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