Edited By Isha, Updated: 13 Feb, 2025 04:16 PM
![rail corridor will be built from up delhi to haryana](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_16_15_465942645train-ll.jpg)
आने वाले समय में यूपी को ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में बनने वाला एक रेल कॉरिडोर मिलने वाला है. यह यूपी कि एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली और
हरियाणा डेस्क: आने वाले समय में यूपी को ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में बनने वाला एक रेल कॉरिडोर मिलने वाला है. यह यूपी कि एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जो उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा को जोड़ेगी. इस परियोजना से न केवल यातायात में सुधार होगा, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच का सफर आसान होने वाला है। गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के उद्योग जगत की रफ्तार बढ़ाने के लिए ईस्टर्न आर्बिटल रेल कॉरिडोर के निर्माण का प्रोसेसे तेज हो गया है।ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में बनने वाला एक रेल कॉरिडोर है. यह कॉरिडोर, उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद, बागपत, मेरठ, और गौतम बुद्ध नगर ज़िलों से होकर गुज़रेगा. यह कॉरिडोर भविष्य में उद्योग जगत के लिए मील का पत्थर साबित होगा, क्योंकि माल वाहक ट्रेनें इस रूट से गुजरेंगी.
इस कॉरिडोर से नोएडा, ग्रेटर नोएडा जैसे प्रमुख शहरों को सार्वजनिक परिवहन से जोड़ा जाएगा. इस कॉरिडोर के निर्माण से, दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही, माल परिवहन सुगम होगा और प्रदूषण की समस्या भी कम होगी.
यह कॉरिडोर करीब 135 किलोमीटर लंबा होगा। इस कॉरिडोर के ज़रिए, एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने के लिए दिल्ली-एनसीआर में जाने की ज़रूरत नहीं होगी। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 135 किलोमीटर है। इसमें हरियाणा में यह 45 किलोमीटर होगी, जबकि यूपी में 90 किलोमीटर इसकी लंबाई होगी।इस कॉरिडोर के बनने से यूपी के जेवर एयरपोर्ट, दादरी, न्यू बोडाकी डीएफसी, डीएनजीआईआर, ग्रेटर नोएडा फेस-2, गाजियाबाद, मेरठ और बागपत के एरिया के लोगों को फायदा मिलेगा. 45 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा में होगा।
इस कॉरिडोर का निर्माण 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए, गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने फ़िज़िबिलिटी स्टडी रिपोर्ट तैयार करने का काम सौंपा गया है।इसके निर्माण होने से दिल्ली-एनसीआर की सड़कों और रेल यातायात पर दबाव भी कम होगा। यानी ट्रैफिक स्मूथ हो जाएगा। प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। इसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के तमाम लॉजिस्टिक हब के साथ लिंक किया जाएगा।
इसके अलावा इसे कई नैशनल हाइवे, रेलवे लाइन, आरआरटीएस, डेडीकेडेट फ्रेट कॉरिडोर, जेवर इंटरनेशनल एअरपोर्ट और न्यू नोएडा इंडस्ट्रियल टाउनशिप के साथ ही लिंक किया जाएगा, जिससे इंडस्ट्रियल डिवलपमेंट को बढ़ावा मिलने की बात कही जा रही है। संभावित एलाइनमेंट के हिसाब से 8 रेलवे लाइन, तीन स्थानों पर आरआरटीएस, 2 जगहों पर यमुना नदी और एक जगह पर हिंडन नदी को क्रॉस किया जाना है, जबकि 10 स्थानों पर नैशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे को क्रॉस किए जाना प्रस्तावित है।गाजियाबाद में मुरादनगर और डासना में दो प्लैटफॉर्म बनेंगे। ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर में कुल 18 स्टेशन प्रस्तावित हैं. कॉरिडोर में 12 क्रॉसिंग और 6 हॉल्ट स्टेशन होंगे।पैसेंजर ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. गुड्स ट्रेन की स्पीड को 100 किलोमीटर प्रति घंटे रखा जाएगा।