Edited By Deepak Kumar, Updated: 03 Jan, 2025 04:57 PM
घर से भागकर शादी करने वाले प्रेमी जोड़ों को लेकर पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अब प्रेमी जोड़े सुरक्षा की गुहार के लिए सीधे हाइकोर्ट में याचिका दाखिल नहीं कर पाएंगे।
डेस्कः घर से भागकर शादी करने वाले प्रेमी जोड़ों को लेकर पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। अब प्रेमी जोड़े सुरक्षा की गुहार के लिए सीधे हाइकोर्ट में याचिका दाखिल नहीं कर पाएंगे। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को दिशा निर्देश जारी किए। इसके साथ लव मैरिज करने वाले जोड़ों को उनके परिवार या रिश्तेदारों से होने वाले खतरों से बचाने के लिए स्थानीय पुलिस को शुरुआती स्तर पर उनकी शिकायतों का निपटारा करने का अधिकार दिया गया है।
इस मामले में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को 30 दिन के अंदर मैकेनिज्म बनाना होगा। जस्टिस संदीप मोदगिल ने दिए आदेश और अब लव मैरिज कपल्स को पुलिस स्तर पर सुरक्षा मिलेगी और कोर्ट जाने की जरूरत कम ही पड़ेगी।
हाईकोर्ट ने नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि ऐसे जोड़ों को पहले स्थानीय पुलिस में नामित पुलिस अधिकारियों से संपर्क करना होगा। नामित अधिकारी जो एएसआई के पद से कम नहीं होगा, तीन दिनों के भीतर जोड़े की एप्लीकेशन पर निर्णय लेगा। यदि निर्णय से असंतुष्ट हैं तो जोड़े को अगले तीन दिनों के भीतर डीएसपी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता वाले अपीलीय प्राधिकरण से संपर्क कर सकते हैं।
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अपने दिशानिर्देश में कहा है कि डीएसपी को 7 दिनों के भीतर उनकी अपील पर निर्णय लेना होगा। डीएसपी के निर्णय से असंतुष्ट होने पर ही प्रेमी जोड़ा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया का पालन होने पर गंभीर और गंभीर खतरे के मामलों में ही हाईकोर्ट या अन्य अदालतों में याचिकाएं दाखिल होंगी।
हाई कोर्ट ने कहा कि हर दिन लगभग 90 याचिकाएं ऐसी दाखिल होती हैं, जिनमें कोर्ट का 4 घंटे से अधिक समय व्यर्थ होता है। यह समय अन्य महत्वपूर्ण मामलों को सुनने में उपयोग किया जा सकता है, जो पिछले कई सालों से लंबित हैं।