हरियाणा मंत्रिमंडल ने ग्रुप A और B की भर्ती के लिए आधार प्रमाणीकरण दी मंजूरी, जानें और क्या घोषणाएं हुई हैं

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 28 Dec, 2024 07:52 PM

haryana cabinet approves aadhaar for recruitment of group a and b

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित ग्रुप ए और बी पदों के लिए परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग को मंजूरी दी गई।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित ग्रुप ए और बी पदों के लिए परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग को मंजूरी दी गई। एचपीएससी पोर्टल पर इन पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित ग्रुप ए और बी पदों के लिए परीक्षाओं में उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों के लिए आधार प्रमाणीकरण सेवाओं के उपयोग को मंजूरी दी गई। एचपीएससी पोर्टल पर इन पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा।

आधार प्रमाणीकरण की शुरुआत का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना, धोखाधड़ी करने वाले उम्मीदवारों पर अंकुश लगाना और डी-डुप्लीकेशन के माध्यम से उम्मीदवारों के डेटा की सटीकता सुनिश्चित करना है। यह कदम भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बढ़ाएगा, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं में जनता का विश्वास और बढ़ेगा। 

मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (यात्रा भत्ता) नियम, 2016 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। संशोधन के अनुसार, यदि प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार द्वारा आवास और भोजन की व्यवस्था की जाती है, लेकिन प्रशिक्षु द्वारा इसका लाभ नहीं उठाया जाता तो उसे इस नियम के प्रयोजन के लिए ऐसी व्यवस्था का लाभ उठाया हुआ माना जाएगा और कोई होटल शुल्क स्वीकार्य नहीं होगा। हालांकि, यदि प्रशिक्षण संस्थान या हरियाणा सरकार आवास और भोजन की व्यवस्था नहीं करती तो प्रशिक्षु की पात्रता के अनुसार होटल शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाएगी।

हरियाणा सरकार ने राज्य सरकार ने न्यायिक अधिकारियों व अपने कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया है, इसे 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। यह वृद्धि 1 जनवरी, 2024 से प्रभावी होगी।

मंत्रिमंडल की बैठक में वर्ष 2024-25 से मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना (एमएमपीएसवाई) के क्रियान्वयन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दी गई। योजना की मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार, मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना के तहत पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई, पीएमकेएमवाई, पीएमएसवाईएमवाई और पीएमएलवीएमवाई के लाभार्थियों को प्रीमियम की प्रतिपूर्ति करने के बजाय, प्रति वर्ष प्रति पात्र परिवार 1000 रुपये दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु) में हस्तांतरित किए जाएंगे। जिन परिवारो की सभी स्रोतों से आय 1.80 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम या उसके बराबर हो और उनके पास परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) हो, वो पात्र होगे। 

बैठक में केंद्रीय सशस्त्र बल कर्मियों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों के युद्ध में मृत्यु हो जाने पर उनके परिवारों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि में संशोधन को मंजूरी दे दी है। संशोधित अनुग्रह राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने 2024-25 के अपने बजट भाषण में शहीदों और उनके परिवारों के बलिदान को मान्यता देते हुए अनुग्रह राशि को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये करने की घोषणा की थी। आज उसे मंत्रिमंडल में मंजूरी दे दी गई। 

मंत्रिमंडल की बैठक में हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रहियों के लिए पेंशन योजना में एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई है। मातृभाषा सत्याग्रहियों की पेंशन बढ़ाने का भारतीय जनता पार्टी अपने संकल्प पत्र में भी वादा किया था जिसे आज मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गई। संशोधित योजना के अनुसार, लाभार्थियों के लिए पेंशन राशि तुरंत प्रभाव से 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी है। पेंशन राशि में वृद्धि के बावजूद, योजना की पात्रता मानदंड और अन्य नियम व शर्तें वही रहेंगी।

मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 में और संशोधन करने के लिए अध्यादेश लाने के निर्णय को मंजूरी दी गई। इस संशोधन के तहत, "एक कैलेंडर वर्ष में" वाक्यांश को "अनुबंधित सेवा की एक वर्ष की अवधि के दौरान" से बदल दिया जाएगा। यह संशोधन संविदा कर्मचारियों द्वारा उनके सेवा दिवसों की गणना के संबंध में उठाए गए अनुरोध को देखते हुए  किया जा रहा है। वर्तमान में, कर्मचारियों ने अनुरोध किया था कि 240-दिवसीय सेवा आवश्यकता की गणना कैलेंडर वर्ष के बजाय एक वर्ष की संविदा सेवा अवधि के दौरान वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जाए। 

वर्तमान प्रणाली ने मई और दिसंबर के बीच शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए चुनौतियां पेश कीं, क्योंकि उनके रोजगार के पहले वर्ष के सेवा दिवसों की पूरी तरह से गणना नहीं की जा रही थी। उदाहरण के लिए, जिन कर्मचारियों की ज्वाइनिंग की तिथि मई के बाद और दिसंबर से पहले पड़ती है, वे अपनी सेवा के पहले कैलेंडर वर्ष के लिए 240 दिन की सेवा की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाएंगे, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा प्रभावित होगी।इसके अलावा, वर्ष 2024 के लिए, कर्मचारियों ने चिंता जताई कि 15 अगस्त, 2024 की कट-ऑफ-डेट तक दिनों की संख्या केवल 227 है, जो आवश्यक 240 दिनों से कम है। इन वास्तविक अनुरोधों के जवाब में, हरियाणा मंत्रिमंडल ने एक वर्ष की संविदा सेवा की अवधि के दौरान 240 दिनों की सेवा पर विचार करने के लिए संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिससे इन मुद्दों का समाधान हो जाएगा।

अब संशोधन से संविदा कर्मचारियों के लिए नौकरी सुरक्षा बेहतर ढंग से सुनिश्चित होगी। हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा की सुरक्षा) अधिनियम, 2024 के तहत, नौकरी की सुरक्षा का लाभ उन संविदा कर्मचारियों को मिलेगा जो 15 अगस्त 2024 से पहले 5 साल की संविदा सेवा पूरी कर लेंगे। 

मंत्रिमंडल की बैठक में जिला गुरुग्राम के पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर के संभाव्यता क्षेत्रों को कम संभाव्यता क्षेत्र से मध्यम संभाव्यता क्षेत्र में अपग्रेड करने के लिए संशोधन को मंजूरी दी गई। वर्तमान में, पटौदी-हेली मंडी और फर्रुखनगर को पंजाब अनुसूचित सड़क नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध नियम, 1965 (नियम 1965) की ‘अनुसूची-IV’ के अंतर्गत ‘कम संभावित क्षेत्र’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

ये नियम भूमि के उपयोग को परिवर्तित करने के उद्देश्य से संभावित क्षेत्र के आधार पर नियंत्रित क्षेत्रों में रूपांतरण शुल्क की दरों को रेखांकित करते हैं। संशोधन के साथ, पटौदी-हेली मंडी विकास योजना और फर्रुखनगर विकास योजना के अंतर्गत नियंत्रित क्षेत्रों को अब मध्यम क्षमता वाले क्षेत्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। यह परिवर्तन 1965 के नियमों की अनुसूची-IV में परिलक्षित होगा और हरियाणा अनुसूचित सड़कें और नियंत्रित क्षेत्र अनियमित विकास प्रतिबंध अधिनियम, 1963 के तहत लागू शुल्क और प्रभारों पर लागू होगा।

मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रुप-सी और डी पदों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी स्टेज 1 में) नीति, 2022 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति को सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति(संशोधन) नियम, 2024 कहा जाएगा। संशोधनों के अनुसार, हरियाणा के मूल (बोना-फाइड) निवासियों के लिए प्रदान किए गए सामाजिक आर्थिक मानदंडों हेतु 5 प्रतिशत वेटेज को हटा दिया गया है। उक्त संशोधन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार किए गए हैं।

राज्य सरकार के विभागों या किसी बोर्ड, निगम, वैधानिक निकाय या राज्य सरकार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित किसी अन्य एजेंसी में, राज्य अधिनियम द्वारा या उसके तहत स्थापित किसी विश्वविद्यालय के अलावा, सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से ग्रुप सी और डी पदों पर भर्ती के लिए नीति, (संशोधन) नियम, 2024 पुलिस सेवा, कारागार और गृह रक्षक आदि के पदों सहित ग्रुप सी पदों पर सीधी भर्ती के लिए लागू होगी, जिसमें (i) शिक्षण पद (ii) भूतपूर्व अग्निवीर और (iii) ग्रुप डी के पद शामिल नहीं होंगे, जिनके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2018 (2018 का 5) के तहत मैट्रिकुलेशन से कम है। 

राज्य सरकार ने आम जनता का विश्वास हासिल करने और बनाए रखने तथा हरियाणा सरकार में पदों पर विश्वसनीय और भरोसेमंद भर्तियां सुनिश्चित करने और शिक्षण पदों को छोडक़र पुलिस, जेल, होमगार्ड आदि के पदों सहित ग्रुप-सी और डी के सभी सीधी भर्ती के पदों पर सरकारी रोजगार के लिए भर्ती प्रक्रिया को मानकीकृत करने के उद्देश्य से 5 मई, 2022 को ग्रुप-सी और डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा शुरू की थी।

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