हरियाणा की नई विधानसभा के लिए जमीन हस्तांतरण के मामले में आया नया मोड़, जानिए क्या है मामला

Edited By Isha, Updated: 27 Dec, 2024 06:10 PM

new twist in the matter of land transfer for the new haryana vidhan sabha

हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से दी जाने वाली 10 एकड़ जमीन के हस्तांतरण मामले में अब नया मोड़ आ गया है। पंजाब के नेताओं और अन्य संगठनों की ओर से हरियाणा को नई विधानसभा बनाने

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी ): हरियाणा विधानसभा के नए भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से दी जाने वाली 10 एकड़ जमीन के हस्तांतरण मामले में अब नया मोड़ आ गया है। पंजाब के नेताओं और अन्य संगठनों की ओर से हरियाणा को नई विधानसभा बनाने के लिए चंडीगढ़ में दी जाने वाली जमीन का विरोध होने के कारण अब केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले में अलर्ट हो गया है। हालांकि पर्यावरण मंत्रालय जमीन हस्तांतरण में आड़े आ रही इको सेंसेटिव जोन की रूकावटों को दूर कर चुका है, लेकिन पंजाब की ओर से लगातार हो रहे विरोध और राजनीति के चलते अब केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इसे गंभीरता से ले रहा है। दअरसल गृह मंत्रालय को आशंका है कि हरियाणा की नई विधानसभा के भवन के लिए चंडीगढ़ में जमीन के प्रस्तावित हस्तांतरण का उपयोग सार्वजनिक अशांति को भड़काने के लिए किया जा सकता है।

जानकारों की माने तो गृह मंत्रालय की ओर से इसे लेकर चंडीगढ़ प्रशासन को एक पत्र भी लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि चंडीगढ़ से हरियाणा को नई विधानसभा की बिल्डिंग बनाने के लिए जमीन देने का प्रस्ताव आने वाले दिनों में और अधिक जोर पकड़ सकता है। इसके चलते विभिन्न राजनीतिक, धार्मिक और कट्टरपंथी नेता जन भावनाओं को भड़काने के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। हरियाणा और पंजाब की और से हमेशा चंडीगढ़ पर अपना दावा किए जाने के कारण यह हमेशा से ही दोनों राज्यों के लिए भावनात्मक मुद्दा रहा है। पंजाब की ओर से चंडीगढ़ में हरियाणा को नई विधानसभा बनाने के लिए दी जाने वाली जमीन पर आपत्ति जताने के साथ ही इस बारे में पहले पंजाब के राजनीतिक दलों के साथ सामाजिक और धार्मिक संगठनों से बात करने को कहा गया है।

जमीन बदलने के लिए नीति निर्धारित नहीं
हरियाणा सरकार के साथ भूमि अदला-बदली के मुद्दे पर चंडीगढ़ प्रशासन का शहरी योजना विभाग कह चुका है कि चंडीगढ़ मास्टर प्लान-2031 में ऐसी भूमि अदला-बदली के लिए कोई नीति निर्धारित नहीं है। रेलवे स्टेशन के पास विधानसभा बनाने के लिए जो जमीन चयनित की गई है, मास्टर प्लान 2031 में इस जमीन को हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आरक्षित रखा गया है। यूटी उपायुक्त को पिछले साल लिखे एक पत्र में विभाग ने हरियाणा विधानसभा भवन के लिए चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा 10 एकड़ भूमि देने और बदले में हरियाणा सरकार द्वारा 12 एकड़ भूमि देने के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों स्थलों की पहुंच और शहरी योजना के दृष्टिकोण से मापदंड समान नहीं हैं। विभाग ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा दी गई भूमि से एक प्राकृतिक ड्रेन गुजरती है, जो भूमि को दो हिस्सों में विभाजित करती है। इस प्राकृतिक ड्रेन के पास निर्माण करना संभव नहीं है क्योंकि यह काफी चौड़ा है।

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गृहमंत्री ने दी थी मंजूरी
जुलाई 2022 में जयपुर में एनजेडसी की बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विधानसभा की नई बिल्डिंग के लिए चंडीगढ़ में जमीन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। नई विधानसभा के लिए चंडीगढ़ की ओर से रेलवे स्टेशन से आईटी पार्क को जाने वाली सड़क के पास 10 एकड़ जमीन दिए जाने का प्रस्ताव है। बदले में हरियाणा से मनसा देवी कांप्लेक्स के साथ लगती 12 एकड़ जमीन ली जाएगी। यह इको सेंसटिव जोन में आती है, जिस पर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बदलाव कर दिए हैं। इसके तहत अब जमीन में जो रुकावट थी, वह दूर हो गई है। हरियाणा सरकार पहले जमीन के लिए 550 करोड़ की राशि देने के लिए भी तैयार था।

अपना कही बात पूरी करते हैं शाह
चंडीगढ़ में हरियाणा के लिए नई विधानसभा भवन के लिए प्रस्तावित जमीन को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मंजूरी दी गई थी। उनकी मंजूरी के बाद ही पूरी प्रक्रिया की शुरूआत की गई थी। पंजाब की ओर से आपत्ति जताए जाने के बाद भले ही मामला कुछ समय से टल गया हो, लेकिन अमित शाह जिस बात को कहते हैं, उसे पूरा जरूर करते हैं। इसके लिए उनके कईं किस्से भी प्रचलित है। हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने नायब सिंह सैनी को पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया था, जिसे उन्होंने पूरा भी किया। हालांकि चुनाव के दौरान चर्चा चली थी कि शायद बीजेपी की ओर से चुनाव के बाद किसी अन्य व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन अमित शाह ने अपने किए वादे को पूरा करते हुए नायब सिंह सैनी को मुख्यमत्री पद की शपथ दिलाई। सैनी के शपथ ग्रहण में शाह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री भी शामिल हुए थे।
 

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