Edited By Isha, Updated: 21 Oct, 2019 12:54 PM
शहर के हांसी रोड से गुजर रही जुई कनाल में रविवार सुबह नहाने के लिए उतरे 3 युवकों में से एक युवक की मौत हो गई तो 2 युवकों को एक कैंटर चालक ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नहर में छलांग लगा बचा लिया। मृतक युवक रोहतक
भिवानी (सुखबीर): शहर के हांसी रोड से गुजर रही जुई कनाल में रविवार सुबह नहाने के लिए उतरे 3 युवकों में से एक युवक की मौत हो गई तो 2 युवकों को एक कैंटर चालक ने अपनी जान की परवाह किए बगैर नहर में छलांग लगा बचा लिया। मृतक युवक रोहतक में कार्यरत जेल वार्डन सुंदर का बेटा कुलदीप है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा उसे परिजनों के हवाले कर दिया। हुआ यूं कि शहर के देवनगर में रह रहे जेल वार्डन सुंदर का बेटा कुलदीप, जिले में कार्यरत ए.एस.आई. बिजेंद्र का बेटा मंजीत और देवसर निवासी सुमित रविवार सुबह अपने साथियों के साथ कबड्डी खेल रहे थे। जब उनका खेल खत्म हुआ तो ये तीनों अपने शरीर पर लगी रेत धोने के लिए जुई कनाल नहर पर चले गए। हालांकि इन तीनों को तैरना नहीं आता था, इसलिए उन्होंने एक पतली सी रस्सी को नहर किनारे एक पेड़ से बांधा और नहर में उतर गए।
रस्सी टूटने से हुआ हादसा
मगर उसी समय वह रस्सी उन तीनों का दबाव नहीं सह सकी और टूट गई। इसके चलते तीनों युवक डूबने लगे। उसी दौरान वहां से दूध से भरे कैंटर को लेकर जा रहे चालक धर्मेंद्र को जब ये युवक डूबते दिखे तो उसने कैंटर को एकदम से रोक नहर में छलांग लगा दी। इसके बाद उसने सुमित और मंजीत को तो नहर से बारी-बारी कर सुरक्षित बाहर निकाल लिया। मगर तब तक तीसरा युवक पानी में डूब चुका था।
सूचना मिलने पर डी.एस.पी. और गोताखोर पहुंचे मौके पर
इस बात की सूचना मिलने पर डी.एस.पी. हैडक्वार्टर विरेंद्र श्योराण के अलावा कई पुलिसकर्मी और गोताखोर मौके पर पहुंचे। इसके बाद गोताखोरों ने पानी में डूबे युवक की तलाश शुरू कर दी। उन्होंने करीब 3 घंटे बाद मौका ए वारदात से करीब आधा किलोमीटर दूरी पर डूबे हुए युवक के शव को नहर से बाहर निकाला। मगर तब तक उस युवक की सांसे भी उस रस्सी की तरह टूट चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और दोपहर बाद उसका पोस्टमार्टम करा उसे परिजनों के हवाले कर दिया।
यह बोले डी.एस.पी.
इस बारे में डी.एस.पी. हैडक्वार्टर विरेंद्र श्योराण ने बताया कि ये तीनों युवक सुबह करीब 8 बजे कबड्डी खेलने के बाद नहर में नहाने के लिए उतरे थे। उन्होंने बताया कि जब उनकी रस्सी टूटी तो यह हादसा हो गया और इनमें से एक युवक की डूबने से मौत हो गई। उन्होंने बताया कि अगर कैंटर चालक साहस नहीं दिखाता तो 2 और युवकों की जान जा सकती थी।
यह बोला कैंटर चालक
इस बारे में कैंटर चालक धर्मेन्द्र ने बताया कि जब वह नहर के ऊपर से अपना कैंटर निकाल रहा था तो एक बच्चा नहर में बार बार पानी से बाहर निकलते हुए चिल्ला रहा था। इस पर उसने उसी समय कैंटर को सड़क पर ही रोक दिया और उन बच्चों को बचाने के लिए नहर में छलांग लगा दी। उन्होंने बताया कि उसने बारी बारी कर पानी में डूब रहे 2 युवकों को नहर से निकाल लिया, लेकिन तब तक तीसरा युवक डूब चुका था। इसलिए उसे इस बात का अफसोस है कि वह उस युवक को नहीं बचा पाया।