मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने पीपीपी की गिनवाई खूबियां, कहां पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा डाटा

Edited By Shivam, Updated: 15 Sep, 2021 09:37 PM

principal secretary to chief minister enumerates the merits of ppp

हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के दौरान परिवार पहचान पत्र पर डाटा सिक्योरिटी को लेकर तरह-तरह के प्रश्न चिह्न लगाए गए। मुख्य विपक्षी दल के विभिन्न नेताओं ने सरकार के इस कदम पर खूब घेरने की कोशिश की। साथ ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा,...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा विधानसभा मानसून सत्र के दौरान परिवार पहचान पत्र पर डाटा सिक्योरिटी को लेकर तरह-तरह के प्रश्न चिह्न लगाए गए। मुख्य विपक्षी दल के विभिन्न नेताओं ने सरकार के इस कदम पर खूब घेरने की कोशिश की। साथ ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी समय-समय पर मीडिया के माध्यम से इस मुद्दे को भुनाने की भी काफी कोशिशें चलती रही। लेकिन आज मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी वी उमाशंकर ने इन सभी प्रश्न चिन्हों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान इसकी खूबियों को लेकर खूब सराहना की।

उमाशंकर ने कहा कि यह पूरी तरह से सुरक्षित है और पिछले डेढ़ साल से पीपीपी पर गहनता से काम किया जा रहा है। इसमें लीकेज जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की 5 साल पहले की ऐसी कल्पना है, जो प्रदेश वासियों के लिए वरदान साबित होने वाली है।

उमाशंकर ने कहा कि 6 सितंबर को राज्यपाल के अनुमोदन के बाद पहचान अथॉरिटी एक्ट को नोटिफाइड किया गया। परिवार पहचान पत्र द्वारा ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं पात्र आमजन तक पहुंचे उसके लिए सभी सरकारी सुविधाओं को पीपीपी के साथ जोडऩे के लिए सभी विभागाध्यक्षों के साथ गहन विचार विमर्श किया गया। जिससे प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई सभी स्कीम-सभी सब्सिडी-सभी लाभ सीधे पात्र व्यक्ति तक पहुंचे, उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े, इसके लिए 1 नवंबर को इंटीग्रेशन के लिए डेडलाइन रख दी गई। इसके बाद सीधे सिटीजन डिलीवरी सिस्टम तक हम पहुंच जाएंगे। 40 ऑफलाइन सर्विसेज को भी पीपीपी मोड में जोड़ा गया है। पहले पात्र लोग सरकार के कार्यालयों में सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए चक्कर काटते थे। लेकिन अब सरकारी लोग पात्र लोगों के पास जाकर उन्हें स्कीम के ऑफर करेंगे जोकि देश में एक बहुत बड़ा उदाहरण बनेगा।

वी उमाशंकर ने बताया कि मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना और मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी, लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पाया। अब पीपीपी के साथ इन योजनाओं को भी जोड़ा गया है, जिसके लिए बजट की भी घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री का सपना प्रदेश में आर्थिक रूप से सबसे निम्न 1 लाख परिवारों की आय बढ़ाने की तरफ क्रांतिकारी कदम उठाए जाएं। इस प्रक्रिया को पीपीपी के साथ जोड़कर इसमें तेजी लाई गई है। विभागों को जिम्मेदारियां सौंप दी गई है।हमारा 2 महीने के अंदर इन परिवारों को सुविधा देने का प्रयास है।

वी उमाशंकर ने बताया कि प्रदेश के ढाई करोड़ लोगों ने डाटा अपडेट कर दिया है। साइन कंसेंट दे दी है। हम उनके साइन कंसेंट पर ही आगे बढ़ते हैं। आज तक प्रदेश सरकार की स्कीमों का लाभ बहुत से अपात्र व्यक्ति ले रहे हैं और बहुत से पात्र इससे वंचित हैं। परिवार पहचान पत्र में डाटा वेरिफिकेशन के बाद पात्रता और अपात्रता का ऑटोमेटिक निरीक्षण हो जाएगा। धारा 28 में यह साफ है कि यह सरकारी सुविधाओं के लिए ही उपलब्ध होगी। किसी और पर पर्पस के लिए अगर कोई व्यक्ति इसे यूटिलाइज करेगा तो वह दंडित हो सकता है। उसे जेल भी हो सकती है। इसलिए राजनीतिक प्रयोग की शंका भी इसमें नहीं होनी चाहिए। सरकारी स्कीमों की कल्पना बनाने के सरकार के पास पूरे अपने अधिकार हैं। जो भी सकीम सरकार अपने सिस्टम से पारित करेगी, उस पर पीपीपी लागू हो सकेगा।

वी उमाशंकर के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री के इस 5 साल पुराने सपने की कल्पना पर हम लगातार आगे बढ़े हैं। दो बार पहले के लिए प्रयास भी किए गए। लेकिन दोनों प्रयासों को हम पूरा नहीं कर पाए, लेकिन दोनों प्रयासों से सीख लेते हुए हम कल्पना को सामने पूरा होते आज देखने की स्टेज पर आ गए हैं, लेकिन समय सीमा का निर्धारण करना थोड़ा मुश्किल है। लेकिन यह तय है कि इस डेटाबेस में जो भी परिवार आ गए हैं उनकी पात्रता-अपात्रता के हिसाब से स्कीम का लाभ ऑटोमेटिक उन्हें मिलना शुरू हो जाएगा। इस लाभ को देखकर और भी परिवार अपने आप इससे जुड़ेंगे। अभी तक इसके लिए किसी पर दबाव नहीं डाला गया है। लोगों ने अपने आप कंसेंट दिए हैं, अपने आप जुड़े हैं। लोगों को इससे काफी फायदा भी देखने को मिला है। जैसे इस बार पीपीपी के साथ जुड़े हुए बच्चों के एडमिशन वेरिफिकेशन प्रोसेस में उन्हें काफी आसानी देखने को मिली है। 

खुद प्रिंसिपल कह रहे हैं कि एक एप्लीकेशन की वेरिफिकेशन में 15 मिनट पहले समय लगता था, आज एक 2 मिनट में ही वेरिफकेशन हो पा रही है। बच्चे का रेजिडेंस डोमिसाइल सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, कास्ट सर्टिफिकेट इत्यादि इसमें जुडऩे के बाद उन्हें एडमिशन में अपने उक्त सर्टिफिकेट वेरीफाई नहीं करवाने पड़े। उन्हें कहीं किसी दफ्तर में जाने की जरूरत नहीं पड़ी। कोई सर्टिफिकेट अटैच करने की जरूरत नहीं पड़ी। ऑटोमेटिक यह सारा डाटा वेरीफाइड माना गया। एक्ट में यह भी साफ है कि परिवार पहचान पत्र नहीं देने पर सर्विस डिनायल नहीं होगी। लेकिन उसे वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ेगी।

पीपीपी के यह फायदे
सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़ा थमेगा। सिर्फ पात्र लाभाॢथयों को ही योजनाओं का लाभ मिलेगा और अपात्र  लाभार्थी ऑटोमेटिक सामने आ जाएंगे। सरकार के पास पूरा रिकॉर्ड रहेगा कि किस व्यक्ति को किस योजना का लाभ मिल रहा है और किसे नहीं। योजनाओं का लाभ लेने के लिए सरकारी दफ्तरों के धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। सॉफ्टवेयर निर्धारित आयु सीमा सहित तमाम जानकारी निकालकर लाभार्थी को उसका लाभ पहुंचाना, सुनिश्चित करेगा। बुढ़ापा पेंशन सहित तमाम पेंशन परिवार पहचान पत्र के जरिये मिलेंगी। योजनाओं का लाभ लोगों को उनके दरवाजे पर मिलेगा। सरकार को पता रहेगा कि परिवार किस क्षेत्र में रहता है। हर क्षेत्र के लिए अलग कोड बनाया गया है। शहर एवं गांवों के लिए अलग कोड होगा।

पीपीटी के माध्यम से इन विभागों में बड़े घोटालों का हो सकता है पर्दाफाश
हरियाणा में परिवार पहंचान पत्र के माध्यम के दो बड़े घोटाले जल्दी खुल सकते हैं। पहला घोटाला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के राशन कार्डों से सम्बंधित है। जिनमे अभी तक अनुमानित 3 लाख बोगस राशन कार्ड बने होने के संकेत है। राशन कार्डों के इस बोगस खेल को जांचने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के पूर्व ए सी एस पी के दास ने जांच शुरू करवाई थी। देश में लगभग एक करोड़ 60 लाख बीपीएल, एवाईवाई, ओपीएच और एपीएल कार्ड है। जिनमें से लगभग एक लाख 38 हजार कार्ड आईडेंटिफाई किए जा चुके हैं। अभी तक विभागीय जानकारी के अनुसार 3 लाख परिवार ऐसे हैं जिनकी दोबारा पड़ताल की जा रही है। दूसरा बड़ा घोटाला विभिन्न पेंशनों से जुड़ा हुआ है।जिनमे वृद्ध अवस्था पेंशन में 2 लाख से अद्धिक बोगस पेंशन धारक सामने अभी तक आने के संकेत है। हरियाणा में लगभग 26 लाख 67 हजार लोगों को बुढ़ापा पेंशन मिल रही है। जिसमें से 24 लाख 65 हजार लोग परिवार पहचान पत्र के थ्रू आईडेंटिफाई किए जा चुके हैं। बाकियों की पहचान के लिए सर्वे चल रहे हैं। हर जरूरतमंद पात्र व्यक्ति को पेंशन मिले सरकार इसके लिए पूरी तरह से गंभीर है। लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पड़ोसी राज्यों हिमाचल, उत्तर प्रदेश से माइग्रेटेड लेबर इसका फायदा उठा रहे हैं।

परिवार पहंचान पत्र की आवश्यकता जहां-जॉब के लिए, कंट्रेक्च्युल वर्कर को रखने, मेरी फसल मेरा ब्यौरा में, सरल की सभी सर्विसिज में।सभी प्रमाण पत्रों को जोडऩे व पंजीकरण में, कास्ट सर्टिफिकेट, डोमोसाईल जैसे सभी जगह इसकी आवश्यकता रहेगी। वहीं ऐसे तथ्यों से जो लोग फर्जीवाड़े कर सरकारी लाभ ले रहे हैं कि पहंचान भी खुलनी शुरू हो गई है। फिलहाल परिवार पहंचान पत्र के माध्यम से मिल रही इन घोटालों की जानकारी पर हरियाणा सरकार के तल्ख तेवर नही हैं। सरकारी सूत्र बताते हैं कि अभी ऐसे बोगस कार्य कर लाभ लेने वालों को इस मामले में अपनी गलती सुधारने का मौका दिया जा रहा है। अगर 3 लाख बोगस राशन कार्ड व 2 लाख से अद्धिक बोगस पेंशन धारको के मामले में आने वाले दिनों में सरकार कड़ी कार्यवाही भी कर सकती है। ऐसे बोगस खेल में शमिल रहे लोगों से रिकवरी भी हो सकती है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो जन्म मृत्यु पंजीकरण कार्यालय में पंजीकृत होते ही भविष्य में उस व्यक्ति के द्वारा जहां से जो लाभ लिए जा रहे थे कि रिकॉर्ड में वह एंट्री हो बेनिफिट्स कट जाएंगे। इसी प्रकार वृद्ध अवस्था पेंशन के लिए योग्य व्यक्ति की आयु 60 वर्ष होते ही खुद ब खुद उसकी पेंशन शुरू करने जेसे विकल्पों को भी जोड़ा जा रहा है।अभी यह सब चीजें भविष्य के गर्भ में हैं लेकिन अगर सार्थक साबित हुई तो परिणाम पारदर्षिता वाले रह सकते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!