सार्थक हो रही पुलिस की पहल, साल 2024 में सड़क हादसों में आई इतनी कमी...जानिए पूरा आंकड़ा

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 23 Jan, 2025 07:52 PM

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हरियाणा में सड़क हादसों के दौरान होने वाली मौतों को रोकने के मकसद से पुलिस की ओर से शुरू की गई पहल का असर अब दिखाई देने लगा है। 2023 की तुलना में 2024 में जहां सड़क हादसों की संख्या में कमी आई।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा में सड़क हादसों के दौरान होने वाली मौतों को रोकने के मकसद से पुलिस की ओर से शुरू की गई पहल का असर अब दिखाई देने लगा है। 2023 की तुलना में 2024 में जहां सड़क हादसों की संख्या में कमी आई। वहीं, सड़क हादसों में मरने वालों और घायल लोगों की संख्या में भी काफी कमी दर्ज की गई।

हरियाणा में साल 2024 के दौरान 9806 सडक़ हादसे हुए। इन हादसों में करीब 4689 लोगों की जान चले गई जबकि 7914 लोग घायल हुए। यह आंकड़ा साल 2023 के मुकाबले काफी कम है। क्योंकि 2023 में करीब 10463 सडक़ हादसे हुए थे। जिनमें 4968 लोगों की जान गई और 7914 लोग घायल हो गए थे। खास बात यह है कि पुलिस ने साल 2024 के सडक़ हादसों में घायल होने वाले 5313 लोगों को फस्ट एड की सुविधा मुहैया करवाई, वहीं 7090 घायलों को तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया।

चालान से वसूली 51 करोड़ से अधिक की राशि

सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस की ओर से नियमों की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ किए जा रहे एक्शन के तहत साल 2024 में 23 लाख से अधिक चालान किए, जिसमें पुलिस ने 51 करोड़ से अधिक राशि अर्जित की। इस राशि का कुछ हिस्सा सडक़ सुरक्षा पर भी खर्च किया गया। यही वजह है कि प्रदेश में सडक़ हादसों में कटौती आई। वहीं पुलिस ने 2024 में 2300 से अधिक सडक़ सुरक्षा जागरूकता अभियान भी चलाए। पुलिस द्वारा 2024-25 में सडक़ सुरक्षा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 22000 से अधिक स्कूल-कॉलेजों के 44 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया।

दुर्घटनाग्रस्त क्षेत्र में किया सुधार

प्रदेश में 300 से अधिक एक्सीडेंट प्रोन एरिया है, जो अकसर सडक़ हादसों का कारण बनते हैं। पुलिस द्वारा इनमें समय-समय पर सुधार भी किए जाते रहे हैं। वहीं रिफ्लेक्टर या साइन बोर्ड लगाकर लोगों को जागरूक भी किया जाता है। पुलिस ने 150 से अधिक एक्सीडेंट प्रोन एरिया को सुधार दिया है। वहीं सडक़ सुरक्षा पर कुछ लघु फिल्में तैयार की गई हैं। जिसमें समय-समय पर प्रसारित किया जाता रहा है। पुलिस द्वारा जिला स्तर पर सडक़ सुरक्षा समितियों की भी बैठक ली जाती है।

लगाए जा रहे सीसीटीवी

पुलिस विभाग द्वारा सडक़ सुरक्षा और अपराध की रोकथाम के लिए सीसीटीवी भी लगवाए जा रहे हैं। इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा सभी जिलों को फंड भी मुहैया करवाया गया है ताकि चयनित जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगवाकर अपराध की रोकथाम की जा सके। साथ ही सडक़ हादसों से जुड़े कारणों का भी पता चल सके। इस पर सभी जिलों ने काम भी शुरू कर दिया है।

निशुल्क मिलता है इलाज

सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर उसका निशुल्क इलाज किया जाता है। घायल के इलाज पर शुरूआती कुछ घंटों में खर्च होने वाली राशि का वहन सरकार की ओर से किया जाता है। इसके साथ ही पुलिस की ओर से भी घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से पूछताछ नहीं की जाती। यहीं कारण है कि अब आम जन भी पुलिस की मुहिम के साथ जुड़कर हादसों में घायल होने वाले व्यक्तियों को बिना किसी झिझक के अस्पताल पहुंचाने में मदद करने लगे हैं।

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