पलवल विधानसभा में त्रिकोणीय हुई लड़ाई, INLD-BSP गठबंधन से पवन भड़ाना ने चुनाव लड़ने का किया ऐलान

Edited By Saurabh Pal, Updated: 08 Sep, 2024 10:22 PM

pawan bhadana will contest the election from palwal assembly on inld ticket

पलवल विधानसभा में चुनाव अब त्रिकोणीय हो चुका है, क्योंकि इनेलो-बसपा गठबंधन से पार्षद पवन भड़ाना ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस से पूर्व मंत्री करन दलाल और भाजपा से युवा नेता गौरव गौतम चुनावी मैदान में थे...

पलवल(दिनेश कुमार): पलवल विधानसभा में चुनाव अब त्रिकोणीय हो चुका है, क्योंकि इनेलो-बसपा गठबंधन से पार्षद पवन भड़ाना ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर कर दिया है। इससे पहले कांग्रेस से पूर्व मंत्री करन दलाल और भाजपा से युवा नेता गौरव गौतम चुनावी मैदान में थे। पवन भड़ाना ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ये फैसला गुर्जर धर्मशाला में पंचायत कर लिया। उन्होंने कहा कि वो व्यवस्था परिवर्तन के लिए 36 बिरादरी के आशीर्वाद से चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी जीत होगी। आपको बता दें की पार्षद पवन भड़ाना पलवल के युवाओं में गहरी पैठ रखते हैं। 

पवन भड़ाना पलवल नगर परिषद से लागर तीन बार से पार्षद हैं। वह पूर्व मंत्री कल्याण सिंह और विधायक सुभाष चौधरी के परिवार से ताल्लुकात रखते हैं। बात करें राष्ट्रीय पार्टियों की तो भाजपा ने मौजूदा विधायक दीपक मंगला का टिकट काटकर युवा नेता गौरव गौतम को दे दिया तो वहीं कांग्रेस से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के रिश्तेदार पूर्व मंत्री करन दलाल चुनावी मैदान में हैं। इसी बीच पंचायत कर सुभाष चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। आज पवन भड़ाना ने अपने समर्थकों की पंचायत कर इनेलो- बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ने की घोषणा की।

उन्होंने कहा की वो लगातार तीन बार पलवल से पार्षद रहे हैं, विपक्ष में रहते हुए उन्होंने कभी लोगों को निराश नहीं किया। अपने निजी खर्चे से वार्ड में विकास कार्य कराये हैं। 24 घंटे समाज की सेवा की है कभी किसी को निराश नहीं किया। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों की बुराई करने वाले लोग तो आपको मिल सकते हैं, लेकिन पवन की बुराई कोई नहीं कर सकता। आज सरकारी दफ़्तरों में भ्रष्टाचार फैला हुआ है लोगों की सुनवाई नहीं होती, अस्पतालों में ना दवाई है ना डॉक्टर हैं, न  ही पलवल में युवाओं के लिए अच्छे  खेल स्टेडियम हैं। आज युवा बेरोजगार घूम रहे हैं और लोग  व्यवस्था परिवर्तन चाहते हैं। बुजुर्गों के आशीर्वाद से वह इस चुनाव को लड़ने जा रहा हूं।  36 बिरादरी का आशीर्वाद उन्हें मिल रहा है। जिसकी बदौलत निश्चित तौर पर उनकी जीत होगी। चाहे सामने कोई भी प्रत्याशी हो उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता समाज का भाईचारा उनकी सबसे बड़ी ताकत है। 

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