आंखों से छलका नर्सों के दिल का दर्द, बोलीं-बच्चों की याद तो आती है, लेकिन फर्ज सबसे पहले(VIDEO)

Edited By Isha, Updated: 28 May, 2020 05:22 PM

कोरोना महामारी में फ्रंट लाइन में खड़ी स्टाफ नर्स जब घर जाने की बात सोचती है तो चाहते हुए उनकी आंखों में आंसू छलक पड़ते है। कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी के बाद 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहने वाली ये स्टाफ नर्स बस दूर से बंद पड़े गेट के बाहर

रोहतक(दीपक)- कोरोना महामारी में फ्रंट लाइन में खड़ी स्टाफ नर्स जब घर जाने की बात सोचती है तो चाहते हुए उनकी आंखों में आंसू छलक पड़ते है। कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी के बाद 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहने वाली ये स्टाफ नर्स बस दूर से बंद पड़े गेट के बाहर सड़क को निहारती रहती है ताकि वे भी घर जाकर अपने बच्चों से मिल सके लेकिन वीडियो कॉल से ही अपने बच्चों से बात करके अपना मन बहला लेते हैं।

जब इन स्टाफ नर्सो से घर जाने की बात की तो बात करते करते ही भावुक हो उठी और दिल का दर्द आंखों से छलकने लगा।ग़ौरतलब है कि कोविड-19 वार्ड में एक हफ्ते की ड्यूटी करने के बाद 14 दिनों के लिए किसी एकांत जगह पर क्वारंटाइन किया जाता है बाद में अगर इनकी रिपोर्ट नेगिटिव आती है तो इन्हें केवल दो दिनों के लिए घर भेजा जाता है।
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कोविड-19 के मरीजो का इलाज कर रही स्टाफ नर्सो के लिए परिवार से पहले अपना फर्ज है, हालांकि बच्चों से मिलने की बात जुबा पर आते ही इनकी आंखे भर आती है,भावुक होकर इन नर्सो का कहना है कि बच्चों की बहुत याद आती है लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित लोग भी तो हमारे अपने हैं इसलिए घर से पहले ड्यूटी जरूरी है। हर रोज दूर से ही गेट के बाहर सड़क पर झांकती इनकी आंखे घर जाकर अपने बच्चों से मिलने के लिए बेताब है लेकिन फोन से वीडियो कॉल करके ही अपने मन को समझा लेती है।इनकी हकीकत जान कर तो आप भी यही कहेंगे कि "यही है असली कोरोना योद्धा" दरसल एक हफ्ते की कोविड-19 में ड्यूटी करने के बाद इन स्टाफ नर्सो को 14 दिन के लिए एकांत में क्वारंटाइन किया जाता है जिसके बाद ये किसी से न ही तो मिल सकते है और न ही कही बाहर जा सकते है।
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वहीं दूसरी ओर क्वारंटाइन में रह रही इन स्टाफ नर्सों का कहना है कि परिवार और बच्चों की बहुत याद आती है लेकिन परिवार से पहले हमारे लिए ड्यूटी है। नर्सों ने कहा कि शुरू शुरू में किट पहनने ओर कोरोना के मरीजो के पास जाने से डर लगता था लेकिन अब आदत सी हो गई है,क्योकि जो कोरोना पेशेंट पीजीआई में भर्ती है उनसे भी लगाव सा हो गया है इसलिए उनकी हर छोटी बड़ी जरूरतों का ध्यान रखा जाता हैं।गौरतलब है कि कोविड-19 वार्ड में ड्यूटी करने के बाद इन्हें क्वारंटाइन किया जाता है इस दौरान इनके कोरोना टेस्ट भी किए जाते है अगर रिपोर्ट नेगिटिव  आती है तो इन्हें दो दिन घर जाने की इजाजत होती है उंसके बाद फिर से ड्यूटी पर इस प्रक्रिया के अनुसार काम होता है।

 

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