Edited By Isha, Updated: 20 Sep, 2020 05:17 PM
सांसद सुनीता दुग्गल ने 2 अधयादेश पारित होने पर आज के दिन को एक इतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर की गई कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर टैक्स लगाने...
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी): सांसद सुनीता दुग्गल ने 2 अध्यादेश पारित होने पर आज के दिन को इतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020, राज्य सरकारों को मंडियों के बाहर की गई कृषि उपज की बिक्री और खरीद पर टैक्स लगाने से रोकता है। किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी उपज बेचने की स्वतंत्रता देता है।
सरकार का कहना है कि इस बदलाव के जरिए किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित आजादी मिलेगी, जिससे अच्छे माहौल पैदा होगा और दाम भी बेहतर मिलेंगे।इस अध्यादेश से किसान अपनी उपज देश में कहीं भी, किसी भी व्यक्ति या संस्था को बेच सकते हैं। इस अध्यादेश में कृषि उपज विपणन समितियों के बाहर भी कृषि उत्पाद बेचने और खरीदने की व्यवस्था तैयार करना है। इसके जरिए सरकार एक देश, एक बाजार की बात कर रही है।
किसान अपना उत्पाद खेत में या व्यापारिक प्लेटफॉर्म पर देश में कहीं भी बेच सकेंगे। इससे किसान अपनी उपज की कीमत तय कर सकेंगे, वह जहां चाहेंगे अपनी उपज को बेच सकेंगे जिसकी मदद से किसान के अधिकारों में इजाफा होगा और बाजार में प्रतियोगिता बढ़ेगी। किसान को उसकी फसल की गुणवत्ता के अनुसार मूल्य निर्धारण की स्वतंत्रता मिलेगी। लोकसभा में बिल पास करते हुए भी सरकार ने कहा कि इस बदलाव के जरिए किसानों और व्यापारियों को किसानों की उपज की बिक्री और खरीद से संबंधित आजादी मिलेगी। जिससे अच्छे माहौल पैदा होगा और दाम भी बेहतर मिलेंगे।
दुग्गल ने कहा कि यह कदम फसल की बुवाई से पहले किसान को अपनी फसल को तय मानकों और तय कीमत के अनुसार बेचने का अनुबंध करने की सुविधा प्रदान करता है। इस अध्यादेश में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात है। सरकार की मानें तो इससे किसान का जोखिम कम होगा। दूसरे, खरीदार ढूंढने के लिए कहीं जाना नहीं पड़ेगा। सरकार का तर्क है कि यह अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा। इससे बाजार की अनिश्चितता का जोखिम किसानों पर नहीं रहेगा और किसानों की आय में सुधार होगा। इस अध्यादेश से किसानों की उपज दुनियाभर के बाजारों तक पहुंचेगी। कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ेगी।