हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन की कार्यवाही जारी है। सीएम नायब सैनी बजट पर उठाए गए सवालों के जवाब दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आपने मुझे बजट चर्चा पर बोलने का अवसर दिया इसके लिए आपका धन्यवाद करता हूं।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के 11वें दिन की कार्यवाही जारी है। सीएम नायब सैनी बजट पर उठाए गए सवालों के जवाब दे रहे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आपने मुझे बजट चर्चा पर बोलने का अवसर दिया इसके लिए आपका धन्यवाद करता हूं। सीएम ने कहा कि वर्ष 2025 – 26 के लिए मेरे बजट प्रस्तावों पर कुल 8 घंटे 26 मिनट विचार मंथन हुआ। सभी सथियों का उनके विचारों और रचनात्मक सुझावों के लिए आभार प्रकट किया।
सीएम ने बजट भाषण के पेजों पर विपक्ष को घेरा
विपक्ष ने बजट भाषण के पेजों की संख्या, उसमें पैराग्राफ की संख्या और बजट अनुमान की बढ़ौतरी की बात कही। इसपर सीएम ने कहा कि 2011-12 के बजट भाषण में 55 पेज, 2013-14 के बजट भाषण में 48 पेज और 2014-15 के बजट भाषण में 36 पेज थे। मेरे बजट भाषण में कुल 161 पैरा थे। इसकी तुलना में इनके 2011-12 के बजट भाषण में 170 पैरा थे। बजट भाषण के 161 पैरा में से 11 पैरा केवल और केवल ऐसे सैंकड़ों सुझावों पर थे, जो हरियाणा के आम जन से मुझे मिले। इन 11 पैरा ने कुल 27 पेजों का स्थान ले लिया।
उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि बजट भाषण का एक-तिहाई से भी अधिक हिस्से का कोई भी वाक्य मेरा वाक्य नहीं था, बल्कि हरियाणा के जनमानस की सोच थी। प्रदेश के कोने-कोने से मिले सुझावों को एकत्रित करने की इस प्रकिया को हमनें महाकुंभ की संज्ञा दी। हरियाणा की श्रद्धेय मातृशक्ति, कर्मठ किसानों, मेहनती मजदूरों, ऊर्जावान उद्यमियों, विवेकी व्यापारियों, योग्य युवाओं, सम्मानित बुजुर्गों और अपने गरीब भाइयों व बहनों का उनके बहुमूल्य सुझावों के लिए धन्यवाद। सीएम ने कहा कि 28 पेज वाले मापदंड पर जिस भाषण के 27 पेज सिर्फ हरियाणा की जनता ने लिखे हों, उस पर रूटीन की छींटाकशी नहीं होनी चाहिए।
बजट को लेकर भूपेन्द्र सिंह हुड्डा दोबारा गुणा-भाग कर लेंः सीएम सैनी
सीएम नायब सैनी ने बताया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बजट 2024-25 से केवल 6-7 प्रतिशत वृद्धि दिखाता है और मैंने इसे 13.7 प्रतिशत बताया। वर्ष 2025-26 का 2,05,017 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव रखा गया,आज वर्ष 2025-26 का ना तो कोई संशोधित अनुमान (Revised Estimate) है और ना ही वास्तविक (Actual) आंकड़ा है और न ही हो सकता है। मौजूदा वर्ष अर्थात् 2024-25 के बजट के केवल दो आंकड़ें Budget Estimate और Revised Estimate आज उपलब्ध हैं।
मेरे द्वारा वर्ष 2025 - 26 के लिए प्रस्तावित 2,05,017 करोड़ रुपये वर्ष 2024 - 25 के बजट से कितने प्रतिशत अधिक हैं। इस प्रश्न के दो उत्तर संभव। 2024–25 के Revised Estimate से वृद्धि निकालेंगे तो यह 13.7 प्रतिशत होगी और यदि 2024 -25 के Budget Estimate से वृद्धि निकालेंगे तो यह 7.97 प्रतिशत होगी। वित्त वर्ष का बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए वह पिछले बजट से कितने प्रतिशत अधिक है, यह बताने के लिए दो ही संभावनाएं होती हैं। मैंने इसके लिए 2024-25 के Revised Estimate से प्रतिशतता निकाल कर न तो कोई गलत काम किया और न ही कोई नया काम किया
बजट भाषण 2013-14 का पैरा 138 में तत्कालीन वित्त मंत्री सरदार हरमोहिंदर सिंह चट्ठा सदन में जो कहा वो इस प्रकार है।
“वर्ष 2013-14 के लिए बजट अनुमानों के तहत कुल खर्च (पुनर्भुगतानों को छोड़कर) 53,073.59 करोड़ रुपये दर्शाया गया है, जिसमें राजस्व खर्च 46,223.56 करोड़ रुपये और पूंजीगत खर्च 6,850.03 करोड़ रुपये है। तब हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने कहा था कि संशोधित अनुमान 2012-13 के संगत आंकड़ों की तुलना में इन श्रेणियों में क्रमशः 6660.30 करोड़ रुपये, 5236.11 करोड़ रुपये तथा 1424.19 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज हुई है।
सीएम ने कहा कि वित्त मंत्री अपने विवेक से प्रतिशत वृद्धि पिछले वर्ष के बजट अनुमान से तुलना करके बता दें या फिर पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान से तुलना करके बताएं। विपक्ष के वित्त मंत्री संशोधित अनुमान से वृद्धि बताएं तो ठीक और मैं बताऊं तो गलत - यह तो उचित नहीं। उन्होंने कहा कि 2,05,017 करोड़ रुपये का मैंने जो बजट प्रस्ताव रखा ,उसे भूपेन्द्र सिंह हुड्डा साहब ने वर्ष 2024-25 के अनुमानित 1,89,000 करोड़ रुपये से 6 -7 प्रतिशत अधिक बताया है। भूपेन्द्र सिंह हुड्डा दोबारा गुणा-भाग कर लें तो यह प्रतिशत 7.97 प्रतिशत यानि 8 प्रतिशत निकलेगी।
सीएम ने कहा कि 2025-26 का मेरा बजट एस्टीमेट, वर्ष 2014-15 के बजट एस्टीमेट जो 73,301 करोड़ रुपये का था, से 180% ज्यादा है। वर्ष 2014-15 के रिवाइजड एस्टीमेट जो 72,096 करोड़ रुपये था, उससे 184 प्रतिशत ज्यादा और वर्ष 2014-15 के वास्तविक आंकड़ा जो 61,904 करोड़ रुपये था, उससे 231 प्रतिशत ज्यादा है। उन्होंने कहा कि मैंने परंपरा को निभाते हुए पिछले साल के रिवाइजड एस्टीमेट से ही तुलना की। वर्ष 2014-15 तक हरियाणा का बजट इसलिए कम था कि तब महंगाई कम थी। महंगाई मापने का पैमाना होता है होलसेल प्राइस इंडेक्स अर्थात WPI।
सैनी ने कहा कि वर्ष 2011 -12 के स्थिर मूल्यों पर वर्ष 2014 – 15 में WPI था 113.9, वर्ष 2024-25 में WPI है 154.8। इसका अर्थ हुआ कि आपके 61,904 करोड़ रुपये जोकि 2014-15 का वास्तविक बजट था, वो केवल महंगाई के हिसाब से बढ़ता तो आज केवल 78,618 करोड़ रुपये होता, जबकि हमारा 2025 -26 का बजट प्रस्ताव 2,05,017 करोड़ रुपये है। विपक्ष को सपने में भी पी पी पी नजर आता है, ये पी पी पी में यानि पेज, पैराग्राफ और प्रतिशत में ही देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बिजली निगमों का सरकारी विभागों और उपक्रमों की तरफ 46,193 करोड़ रुपये बकाया, जो बिजली मंत्रालय, भारत सरकार की प्रेजेंटेशन में छपा है। वास्तव में यह आंकड़ा 461.93 करोड़ रुपये है ना कि 46,193 करोड़ है। जिस प्रेजेंटेशन को भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पढ़ा वो सितंबर 2021 की है और उसमें 30 जून 2021 को जो सरकार के डिस्कॉमस के प्रति देनदारी थी, वह बताई गई। उन्होंने कहा कि मैं रिकॉर्ड पर कह रहा हूं कि आज के दिन DHBVN और UHBVN की ओर से सरकार की देनदारी केवल 383 करोड़ रुपये है।
सीएम ने कहा कि 2014 में यह देनदारी 663 करोड़ रुपये थी और उस वक्त दोनों पर 34,600 करोड़ रुपये का लोन था, जो आज कम होकर 19,326 करोड़ रुपये रह गया है। कैग रिपोर्ट की हाउस में चर्चा नहीं होती है, इसका निरीक्षण पब्लिक अकाउंट्स कमेटी द्वारा किया जाता है। पिछले कार्यकाल में इस कमेटी के अध्यक्ष वरूण चौधरी थे, इस समय अफताब अहमद हैं। यह कमेटी कैग के ऑडिट पैरा के संबंध में विभाग के अधिकारियों द्वारा दिए गए विस्तृत उत्तर का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट हाउस में पेश करेगी।
नागरिकों को भ्रामक बयान देकर चिंतित करना ठीक नहींः सीएम
सैनी ने कहा कि सरकार का शेड्यूल बैंक से पर्सनल लोन, कृषि लोन, इंडस्ट्रियल लोन भी है 5,82,106 करोड़ बताया गया। ये भी कहा गया कि इस प्रकार टोटल लाइबिलिटी 10,50,515 करोड़ रुपये बनती है। बीबी बत्तरा से आग्रह कि वें पता कर लें कि क्या उनके समय में ये पर्सनल लोन, कृषि लोन, इंडस्ट्रियल लोन आधि राज्य की डेबिट लायबिलिटी में जोड़े जाते थे। ये भी कहा गया कि प्रदेश के हर एक नागरिक पर 2 लाख रुपए का कर्ज है। फिर कोई 3 लाख रुपए का कर्ज बता देगा। मेरा सभी साथियों से मेरा एक अनुरोध है कि वो ऐसे 5 -10 लोगों को ले आए जिनसे किसी भी बैंक ने प्रदेश सरकार द्वारा लिए हुए ऋण या लोन की वसूली के लिए कहा हो या कोई फोन उसने किया हो। नागरिकों को भ्रामक बयान देकर चिंतित करना और फिर यह कहना कि हमें उनकी चिंता की चिंता हैं, ठीक नहीं है।
कर्जा सरकार ने लिया है तो चुकाएगी भी सरकारः सैनी
बजट सेशन में सीएम सैनी ने कहा कि अगर कर्जा सरकार ने लिया है तो चुकाएगी भी सरकार ही। प्रदेश के किसी नागरिक से उसकी भरपाई नहीं होगी और न उनसे कोई पैसा मांग रहा है। बजट अनुमान 2025-26 में कुल डेब्ट लाइबिलिटी 3,52,819 करोड़ रूपये अनुमानित, जो यह राज्य जीडीपी का 26.18 प्रतिशत है। यह 15वें वित्त आयोग की निर्धारित सीमा 32.5 प्रतिशत के भीतर है। उन्होंने कहा कि RBI के Data के अनुसार राज्य बजट 2024-25 की कुल देनदारियों के आरबीआई के आकड़ों 3,69,242 करोड़ की देनदारियां का हवाला दिया। कोई भी राज्य सरकार किस वर्ष कितना ऋण ले सकती है यह एफआरबीएम तथा वित्त आयोग द्वारा निर्धारित होता है। आरबीआई का रोल सिर्फ उस स्थिति में पैदा होता है जब कोई राज्य सरकार खुले बाजार से बॉन्ड द्वारा ऋण लेना चाहती है। देश में किसी भी राज्य का फिस्कल डेफिसिट कभी भी जीरो न था और न होगा।
सैनी ने कहा कि वर्ष 2014-15 के दौरान स्टेट जीडीपी का 1.90 प्रतिशत था, जबकि हमारे समय में पिछले ही वित्त वर्ष में यह 1.09 प्रतिशत अनुमानित है। हमारी कोशिश है कि इस राजस्व घाटे को भी तिगुनी गति से काम करें। मेरा मानना है कि वर्ष 2025-26 के अंत में राजस्व घाटे का आंकड़ा एक प्रतिशत से भी कम रहेगा। 15वें केंद्रीय वित्त आयोग के अनुसार fiscal deficit 3 प्रतिशत की सीमा के अंदर होना चाहिए। हमने इसे वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य GDP का 2.68 प्रतिशत व बजट 2025-26 में 2.67 प्रतिशत अनुमानित किया। बजट 2025-26 में राज्य का ऋण, जीडीपी अनुपात 32.5 प्रतिशत की निर्धारित सीमा के मुकाबले में महज 26.18 प्रतिशत है।
सीएम ने दिया ये बचन
भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमारे कार्यों के हिसाब से उन्हें लगता है कि हमें अभी 20 हजार करोड़ रुपये का और लोन लेना पड़ेगा। इस पर सीएम ने कहा कि मैं वचन देता हूं कि हम अपनी सभी घोषणाओं को बजट 2025-26 की प्रस्तावित धनराशि 2,05,017 करोड़ रुपये से ही धरातल पर क्रियान्वयन करके दिखाएंगे। State Public Enterprises का ऋण Rs. 68,995 crore है। State Public Enterprises का यह लोन वर्ष 2014-15 में 69,922 करोड़ रुपये था। हमने दस साल की मेहनत से उसको घटाकर वर्ष 2023-24 में 68,295 करोड़ रुपये कर दिया। सरकारी उपक्रमों का यह कर्जा 2014-15 में स्टेट जीडीपी का 16 प्रतिशत था जो 2023-24 में घटकर मात्र 5.6 प्रतिशत रह गया।
श्वेत पत्र लाने की कोई आवश्यकता नहीं हैः सीएम
सीएम ने हुड्डा के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि व्हाइट पेपर की जरूरत वहां पड़ती है, जहां आंकड़े सार्वजनिक न हों अर्थात पब्लिक डोमेन में न हों। हरियाणा सरकार के कर्ज के सारे तथ्य तथा आंकड़े कैग की रिपोर्ट में हर वर्ष प्रकाशित किए जाते हैं, इसलिए श्वेत पत्र लाने की कोई आवश्यकता नहीं है। वर्ष 2004-05 तक पावर कम्पनियों का ऋण मात्र 1,337 करोड़ से 2014-15 में 24 गुना बढ़कर 31553 करोड़ रुपये हो गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उदय (Ujjawal Discom Assurance Yojana) योजना लागू की गई। इससे पावर कम्पनियों पर जो ऋण 11.2 प्रतिशत ब्याज पर था, उसमें से 25950 करोड़ रुपये हमारी सरकार ने सिर्फ 8.2 प्रतिशत ब्याज पर टेक ओवर कर लिया। इस प्रकार 6 हजार 197 करोड़ रुपये तो सिर्फ और सिर्फ ब्याज के बचाये। वर्ष 2024-25 तक 20 हजार 30 करोड़ रूपये का मूल व अब तक का सारा ब्याज अदा हो जाएगा। पिछले वर्ष जो हमारी उदय योजना की देनदारी मूल व ब्याज मिलाकर 6536 करोड़ रूपये थी, वह अगले वर्ष घटकर 5686 करोड़ रूपये और उससे अगले वर्ष यानि 2026-27 में सिर्फ 1,800 करोड़ रुपये रहेगी। उन्होंने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष 2026-27 का बजट पढूंगा, उस समय पिछले वर्ष के मुकाबले हमें लगभग 4700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध होगी और हम अपनी रफ्तार चार गुणी कर देंगें। मिसलेनियस कैपिटल रीसीट्स के लिए हमने Asset Management Cell बनाया है, जो 2025-26 में इस कार्य को पूरा करने के लिए एक एस.ओ.पी. बनाकर तीव्र गति से कार्य करेगा।
सीएम ने ये भी कहा गया कि बजट अनुमान 2013-14 में जो कर्ज था वह 1,50,900 करोड़ रुपये था और वर्ष 2024-25 में अब वह 5,22,000 करोड़ हो गया। राज्य का ऋण 2004-05 में 17,347 करोड़ रुपये था। अगले दस वर्षों में यह लगभग पांच गुणा बढ़कर वर्ष 2014-15 में 96,875 करोड़ रुपये हो गया था। इसकी तुलना में अगले 10 वर्षों में वित्त वर्ष 2014-15 से 2024-25 में यह कर्जा लगभग 3 गुणा ही बढ़ा है। राज्य सरकार की debt liability वर्ष 1999-2000 से 2003-04 की CAGR अर्थात कम्पाउंडिड वार्षिक वृद्धि दर 18.15 प्रतिशत थी। वर्ष 2004-05 से 2014-15 तक यह CAGR 15.12 प्रतिशत रही। वर्ष 2015-16 से 2025-26 BE तक CAGR और कम होकर 13.25 प्रतिशत रही। हमारे बजट में आपका जो कैपिटल आउटले है, वो 16,164 करोड़ रूपये बताया गया।
CAG की क्लासीफिकेशन के अनुसार वर्ष 2025-26 का कुल कैपिटल आउटले 16,164 करोड़ रुपये अनुमानित, परंतु अनुदान 6,798 करोड़ रुपये, पूंजीगत कार्यों के लिए दिए गए ऋण 4,648 करोड़ रुपये, मरम्मत और रखरखाव 2,516 करोड़ रुपये भी कैपिटल आउटले पर खर्च किए जाएंगे। इस प्रकार हमारा प्रभावी कैपिटल आउटले 30,126.25 करोड़ रूपये है, जोकि बजट 2025-26 का 14.69 प्रतिशत है।
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