दीपेंद्र हुड्डा ने किया बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा, बोले- क्षतिग्रस्त घरों, दुकानों के लिए मुआवजे दे सरकार

Edited By Deepak Kumar, Updated: 08 Sep, 2025 11:41 AM

mp deepender hooda visits flood affected areas in hansi

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रविवार को हांसी, नारनौन्द,के करीब दर्जन भर गांवों और शहरी इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं।

हांसी (संदीप सैनी) : सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने रविवार को हांसी, नारनौन्द,के करीब दर्जन भर गांवों और शहरी इलाकों का दौरा किया। उन्होंने बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित गाँव भाटोल जाटान, थुराना, कुंभा-जमावड़ी-शेखपुरा ड्रेन, हांसी सिटी, भटला, चन्नोट, घिराई के विभिन्न इलाकों में लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान सांसद जय प्रकाश भी मौजूद रहे। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी से जलभराव के हालात भयावह हो गए हैं। बड़े पैमाने पर लोगों को नुकसान हुआ है। पूरे प्रदेश में जलभराव के कारण लगभग 10.80 लाख एकड़ फसल क्षतिग्रस्त हो चुकी है। 

इस दौरान ग्रामीणों ने सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को बताया कि बरसात का ज्यादा होना और ड्रैन की सफाई न होना ही जलभराव का प्रमुख कारण है। जलभराव के चलते खेतों में फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं और अगली फसल की बिजाई भी संभव नहीं दिख रही है। लोगों ने बताया कि जलभराव से घरों को भी काफी नुकसान हुआ है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड, कश्मीर, गुजरात समेत कई प्रदेशों ने राहत पैकेज की घोषणा कर दी, लेकिन हरियाणा अकेला ऐसा प्रदेश है जहां कोई राहत पैकेज अब तक घोषित नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से मांग करी कि मुख्यमंत्री जी तुरंत हरियाणा में बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करें, साथ ही स्पेशल गिरदावरी कराई जाए और किसानों को कम से कम 60,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। हर गांव का पोर्टल खोला जाए और जिन किसानों की अगली फसल की बिजाई नहीं हो पाएगी, उनको डबल मुआवजा दिया जाए। बाढ़ प्रभावित रिहायशी इलाकों में क्षतिग्रस्त हुए घरों, दुकानों के लिये भी सर्वे कराकर मुआवजा दिया जाए। युद्धस्तर पर राहत पहुंचाने के लिये राज्य व जिला स्तर पर स्पेशन मॉनीटरिंग कमेटी बनायी जाए।     

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में जलभराव केवल प्राकृतिक आपदा नहीं है बल्कि प्रशासनिक आपदा है। जलभराव से राहत दिलाने के लिए सरकार युद्धस्तर पर कार्य शुरू करे। क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलकर अपने दरवाजों पर ताला न लगाए सरकार। बड़े पैमाने पर गाँव के लोग पोर्टल न खुलने की शिकायत कर रहे हैं। तुरंत पोर्टल खोला जाए। जल निकासी के लिए जरूरत के अनुसार पर्याप्त पम्प-सेट, पाइप लाइन और बिजली कनेक्शन समेत अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएँ। उन्होंने बताया कि कई गांवों में सामान आने के बाद एक-दो दिन रखकर दूसरे गांव भेज दिया गया। न तो कोई बिजली पॉइंट बने, न मोटर और पाइपलाइन उपलब्ध कराई, यहां तक कि बरसात के पहले ड्रेनों की सफाई तक नहीं हुई। पहले से जो तैयारी होनी चाहिए थी वो हुई नहीं अब व्यापक जलभराव के बाद जो प्रशासनिक तेजी दिखनी चाहिए थी वो भी नहीं है। 

दीपेन्द्र ने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण ही लोगों को व्यापक नुकसान हुआ है। आबादी क्षेत्र में पानी घुसने से घरों के गिरने का खतरा हो गया है। कई जगह घरों में दरारें आ गयी हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले 11 साल में कोई नयी ड्रेन नहीं बनवायी गयी न तो पहले से बनवायी गयी ड्रेन की सफाई हुई। सांसद जयप्रकाश ने कहा कि उन्होंने संसद में भी जलभराव का मुद्दा उठाया लेकिन सरकार ने संसद की बात पर भी कोई ध्यान नहीं दिया।

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