Edited By Yakeen Kumar, Updated: 21 Mar, 2025 05:22 PM

बहादुरगढ़ से निर्दलीय विधायक राजेश जून में नूना माजरा प्राइमरी हेल्थ क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान यहां पर तैनात 13 में से 5 डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ गैर हाजिर मिला। विधायक राजेश जून ने गैरहाजिर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार...
बहादुरगढ़ (प्रवीण कुमार) : बहादुरगढ़ से निर्दलीय विधायक राजेश जून में नूना माजरा प्राइमरी हेल्थ क्लिनिक का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान यहां पर तैनात 13 में से 5 डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ गैर हाजिर मिला। विधायक राजेश जून ने गैरहाजिर कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखने की बात कही। वहीं स्वास्थ्य मंत्री आरती राव से भी इन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की।
विधायक राजेश जून का कहना है कि सरकार ने 2009 में करोड़ों रुपए की लागत से नूना माजर गांव में प्राइमरी हेल्थ क्लिनिक बनाया था। यहां सरकार द्वारा अत्याधुनिक मशीन पहुंचाई गई हैं। इसके बावजूद 16 साल के अंतराल में किसी भी मरीज को यहां दाखिल करके इलाज नहीं किया गया।
मरीजों को काटने पड़ते हैं कई चक्कर
नूना माजरा गांव के लोगों का कहना है कि लोग यहां इलाज के लिए आते हैं तो उन्हें डॉक्टर नहीं मिलता। कर्मचारी बिना बताए यहां गैर हाजिर रहते हैं। उन्हें छोटे-मोटे काम के लिए भी शहर की तरफ भागना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी डॉक्टर के कार्यालय के कई चक्कर काटने पड़ते हैं, मगर यहां स्टाफ नहीं मिलता।

जिसे जिम्मेदारी सौंपी वो भी गायब
विधायक राजेश जून ने बताया कि यहां 13 कर्मचारी सरकार ने नियुक्त किए हैं। जिनमें से 4 कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने ना तो आज किसी तरह की छुट्टी की एप्लीकेशन भेजी है और ना ही अपने सीनियर डॉक्टरों को नहीं आने के लिए अवगत करवाया है। जिस महिला डॉक्टर को पीएचसी की जिम्मेदारी सौंप गई है वह स्वयं भी गैर हाजिर है। इसके साथ ही दो महीने पहले सोमवार के दिन एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर की ड्यूटी भी सीएमओ ऑफिस की तरफ से पीएचसी में लगाई गई है। पिछले 2 महीने से वह डॉक्टर एक बार भी सीएचसी में नहीं आया है।
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