Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 24 Dec, 2025 07:02 PM

शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए भले ही कोई कारगर कदम न उठाए जा रहे हों, लेकिन अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठक कर प्रदूषण कम करने के उपायों पर मंथन जरूर कर रहे हैं।
गुड़गांव, (ब्यूरो): शहर में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए भले ही कोई कारगर कदम न उठाए जा रहे हों, लेकिन अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठक कर प्रदूषण कम करने के उपायों पर मंथन जरूर कर रहे हैं। हालांकि पिछले कई वर्षों से इस तरह से मंथन किया जा रहा है, लेकिन इसका नतीजा महज चार चालान और अधिकारियों के निवास स्थान और मंत्री आवास के आसपास क्षेत्र में पानी के छिड़काव करने तक ही सीमित रह गया। यही कारण है कि आज शहर में उड़ रही धूल अधिकारियों को दिखाई नहीं देती। धरातल पर जाकर प्रदूषण नियंत्रण की हकीकत देखने की बजाय केवल कागजी रिपोर्ट पर ही भरोसा किया जा रहा है। आज एक बार फिर नगर निगम कार्यालय में प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए अधिकारियों ने मंथन किया और जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण किए जाने के दावे किए हैं।
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नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों में अब और अधिक तेजी लाई जाएगी, ताकि शहरवासियों को स्वच्छ और बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सड़कों से धूल-मिट्टी हटाने के अभियान को और प्रभावी बनाया जाएगा तथा धूल को उड़ने से रोकने के लिए शोधित पानी के छिड़काव का दायरा भी बढ़ाया जाएगा।
सड़को पर छिडक़ाव और धूल मिट्टी उठाने के निर्देश
बुधवार को वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर आयोजित समन्वय बैठक में निगमायुक्त ने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उनके अधीन आने वाली सड़को पर शोधित पानी के छिड़काव का दायरा बढ़ाएं। इसके साथ ही धूल-मिट्टी हटाने के अभियानों में तेजी लाने, ग्रीन बैल्ट को दुरुस्त करने तथा सेंट्रल वर्ज और ग्रीन बैल्ट में नियमित रूप से पानी डालने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।
अंडरपास, फ्लाइओवर और बस क्यू शेल्टर की धुलाई
निगमायुक्त ने शहर के बस क्यू शेल्टर, अंडरपास और फ्लाईओवर की दीवारों की नियमित धुलाई कराने के निर्देश दिए, ताकि इन स्थानों पर जमी धूल और गंदगी को हटाकर प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके।
जंक्शन सुधार और यातायात प्रबंधन पर जोर
बैठक में जंक्शन सुधार पर भी विस्तार से चर्चा की गई। ले-बाई और स्लिप रोड बनाने की योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया गया। साथ ही हाई-राइज भवनों पर एंटी स्मॉग गन लगाने तथा नागरिकों को साझा वाहन और कार पूलिंग अपनाने के लिए जागरूक करने पर भी बल दिया गया।
महरोली-गुरुग्राम रोड को मॉडल सडक़ बनाने पर हुई चर्चा
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि महरोली-गुरुग्राम रोड (महावीर चौक से आया नगर बॉर्डर तक) को मॉडल सडक़ के रूप में विकसित किया जाए। इसके तहत सडक़ से अतिक्रमण और रेहड़ी-पटरी हटाने, सीएंडडी वेस्ट, मिट्टी, कचरा और बागवानी कचरे की सफाई, निर्धारित पार्किंग व्यवस्था लागू करने तथा यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा सडक़, फुटपाथ और ग्रीन बैल्ट में सुधार कार्य भी किए जाएंगे। यह सभी कार्य नगर निगम, जीएमडीए और यातायात पुलिस के समन्वय से किए जाएंगे।
ड्रेनेज-सीवरेज सफाई में गाद तुरंत उठाने के निर्देश
बैठक में निर्णय लिया गया कि ड्रेनेज और सीवरेज की सफाई के दौरान निकाली गई मिट्टी और गाद को तुरंत मौके से उठाया जाए, ताकि इससे दोबारा प्रदूषण न फैले। साथ ही प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधियों में संलिप्त लोगों के विरुद्ध चालान कार्रवाई को और तेज करने के निर्देश दिए गए।
शोधित पानी के उपयोग को बढ़ावा
निगमायुक्त ने पार्कों, ग्रीन बेल्ट और निर्माण कार्यों में शोधित पानी के उपयोग को बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि पेयजल की खपत को कम किया जा सके। इसके लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए।
10436 शिकायतों में से 7387 का समाधान
बैठक में एयर पॉल्यूशन एक्शन ग्रुप (एपीएजी) के प्रतिनिधियों ने बताया कि उनकी सर्वे टीम द्वारा गुरुग्राम क्षेत्र में 10436 शिकायतें चिन्हित की गई थीं, जिनमें से 7387 शिकायतों का समाधान संबंधित विभागों द्वारा किया जा चुका है। इस पर निगमायुक्त ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्राप्त होने वाली शिकायतों का गंभीरता और तत्परता से समाधान सुनिश्चित करें। निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी शिकायत पर गलत रिपोर्ट प्रस्तुत न की जाए। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा ऐसा किया जाता है, तो उसके विरुद्ध सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। निगमायुक्त ने कहा कि सभी विभागों द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से शहर में वायु गुणवत्ता सुधारने और नागरिकों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।