'किसानों के हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी, फसल का एक-एक दाना MSP पर खरीदा जाएगा'

Edited By Shivam, Updated: 17 Sep, 2020 10:12 PM

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनके हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी और उनकी फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत कर रहे...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनके हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी और उनकी फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने विपक्ष को सीधा निशाने पर लेते हुए कहा कि तीनों कृषि अध्यादेश देश के किसानों के हित में है और मुद्दाविहीन विपक्ष किसानों को गुमराह कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि इन अध्यादेशों के आने से किसी भी प्रकार से सरकारी मंडियां बंद होंगी और एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी। एमएसपी से नीचे किसी भी फसल की खरीद नहीं की जाएगी।

उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनके हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी और उनकी फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी किसान संगठन या अन्य कोई व्यक्ति सुझाव देना चाहते हैं या इन अध्यादेशों के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो वे सरकार से बातचीत करने के लिए आगे आएं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि उनके सुझावों पर सरकार द्वारा गंभीरता से विचार किया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे विपक्ष की दोगली राजनीति से सतर्क रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों के कृषि संबंधी मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष ‘कृृषि अदालत’ की स्थापना की जाएगी ताकि किसानों द्वारा की गई हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेशों में केवल किसानों को यह सुविधा दी गई है कि यदि कोई निजी एजेंसी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य पर सरकारी मंडियों के बाहर उनकी फसल की खरीद करना चाहती है, तो किसान अपनी फसलों को अधिक मूल्य पर बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में एमएसपी से नीचे कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं होगा। हरियाणा में अभी भी कुछ जिलों में 333 कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग हो रही है, जिसमें सिरसा में 1100 एकड़, फतेहाबाद में 350 एकड, भिवानी में 900 एकड़ और गुरुग्राम में 321 एकड़ भूमि पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग होती है। यह एक सफल प्रयोग है।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसान हितैषी होने का दंभ भरने वाले नेता किसानों को गुमराह कर उन्हें भडक़ा रहे हैं, लेकिन किसान अब इन अध्यादेशों के लाभ को समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इतना ही किसान हितैषी है तो कांग्रेस शासित राजस्थान और पंजाब से कहना चाहिए कि वे बाजरा और मक्का की सरकारी खरीद शुरू करें, जैसे हरियाणा कर रहा है। इस बार हमने तय किया है कि प्रदेश सरकार राजस्थान और पंजाब सहित अन्य राज्यों से आने वाली उपज की खरीद नहीं करेगा। जबकि हरियाणा के प्रत्येक किसान की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार खरीफ 2020 खरीद सीजन के  लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर 1 अक्टूबर की बजाय 25 सितंबर, 2020 से खरीद शुरू करने  की अनुमति मांगी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आढ़तियों से संबंधित मुद्दों को भी प्राथमिकता के आधार पर हल किया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें किसी प्रकार की समस्या व कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि पिछले साल बाजरा व धान के लिए दामी के रूप में 252 करोड़ का भुगतान किया गया है और इस वर्ष गेहूं और सरसों के लिए दामी के रूप में 309 करोड़ का भुगतान किया है, 56 करोड़ शेष है, जिसका जल्द भुगतान किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा लस्टर लॉसिस की एवज में 19 करोड़ 37 लाख का भुगतान किया गया। इस वर्ष 26 करोड़ 28 लाख का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने आयोग की अधिकांश सिफारिशें लागू कर दी हैं। 

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