Edited By Saurabh Pal, Updated: 25 Sep, 2024 06:15 PM
हरियाणा विधानसभा का चुनाव चल रहा है, यह चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के वंशजों के लिए सिर्फ चुनावी जंग नहीं, बल्कि सियासी विरासत की जंग बन गई है। क्योंकि तोशाम विधानसभा सीट से बंसी लाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी और पोती श्रुति चौधरी में सीधी टक्कर...
हरियाणा डेस्क(सौरभ पाल): हरियाणा विधानसभा का चुनाव चल रहा है, यह चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री बंसी लाल के वंशजों के लिए सिर्फ चुनावी जंग नहीं, बल्कि सियासी विरासत की जंग बन गई है। क्योंकि तोशाम विधानसभा सीट से बंसी लाल के पोते अनिरुद्ध चौधरी और पोती श्रुति चौधरी में सीधी टक्कर है। यह स्थिति किरण चौधरी के पार्टी बदलने से उतन्न हुई है। दरअसल बीते दिनों कांग्रेस से नाराज किरण चौधरी अपनी बेटी के साथ भाजपा में चलीं गईं, जिसके बाद भाजपा ने किरण चौधरी को राज्यसभा भेज दिया और उनकी सीट श्रुति को हरियाणा के चुनावी दंगल में उतार दिया। फिर क्या था बंसी लाल की विरासत की जंग शुरु हुई और कांग्रेस ने अनिरुद्ध चौधरी को टिकट देकर लड़ाई को दिलचस्प मोड़ दे दिया।
जिस बंसी लाल की विरासत के लिए परिवार के दो सदस्य आमने-सामने हो गए हैं, ऐसे में उनकी सियासी विरासत को जानना और भी आवश्यक हो जाता है कि बंसीलाल हरियाणा के हीरों हैं, जिन्हें महिलाओं ने भगीरथ कहकर पुकारा या इमरजेंसी के सबसे बड़े विलेन हैं। कथित रूप से उनके कार्यों का विभत्स नमूना भरी पंचायत में देखने को मिला। जब एक व्यक्ति ने सरेआम अपनी धोती खोल दी। इसके साथ एक और किस्सा बंसी लाल से जुड़ा हुआ है कि हरियाणा के दिग्गज नेता चौधरी देवी लाल की बातें इतनी नापशंद आईंं कि उन्होंने अपने चालक से कहा कि कहीं पेड़ देखकर इन्हें गाड़ी से उतार दो।
भरी पंचायत में नजवान ने खोली धोती
इमरजेंसी के बाद 1977-78 साल था। हरियाण के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल राज्य के दौरे पर निकले थे। इस दौरान वे एक गांव की पंचायत में बैठकर लोगों से बातचीत कर रहे थे। अचानक एक नौजवान खड़ा हुआ और भरी पंचायत में अपनी धोती खोल दी। सब हैरान रह गए कि इसे क्या हुआ। नौजवान ने बंसीलाल से कहा- ‘मैं चीख-चीखकर कह रहा था कि मेरी शादी नहीं हुई है। मैं कुंवारा हूं, लेकिन मुझे जबरन पकड़ लिया गया। नसबंदी कर दी गई।’
दरअसल, इमरजेंसी के दौरान बंसीलाल पर आरोप लगा था कि उन्होंने पुलिस को नसबंदी करने का टारगेट दिया था। पुलिस गांव में घुसकर पुरुषों-नौजवानों को पकड़ती और उनकी जबरन नसबंदी करवा देती। उस दौरान नारा चलता था- 'नसबंदी के तीन दलाल: इंदिरा, संजय, बंसीलाल।'
ताऊ देवीलाल को कार से नीचे उतार दिया
हरियाणा में बंसी लाल द्वारा ताऊ देवी लाल को कार से उतारने का किस्सा उस वक्त बहुत चर्चित हुआ था। इस किस्से का जिक्र करते हए भीम एस दहिया लिखते हैं कि बंसी लाल ने चौधरी देवी लाल को हरियाणा स्टेट खादी बोर्ड का चेयरमैन बना दिया था। एक बार दोनों किसी काम से साथ दिल्ली जा रहे थे। देवीलाल बार–बार बंसीलाल को किसी मसले पर सलाहें दे रहे थे। अपने सख्त अंदाज के लिए जाने जानें वाले बंसीलाल उस समय इतना चिढ़ गए कि उन्होंने उन्होंने अपने ड्राइवर से गाड़ी रोकने को बोल दिया। ड्राइवर ने रास्ते में ही गाड़ी रोक दी।बंसीलाल ने चौधरी देवीलाल को गाड़ी से उतार दिया और चले गए। हालांकि ये अलग बात है कि इमरजेंसी के बाद देवीलाल ने बंसीलाल को गिरफ्तार भी करवाया।
मॉडर्न हरियाणा के निर्माता, भगीरथ कहे गए बंसी लाल
चार बार हरियाणा के मुख्यमंत्री और 2 बार केंद्रीय मंत्री रहे चौधरी बंसी लाल को मॉडर्न हरियाणा का निर्माता कहा जाता है। उनके समय के अफसर कहते थे कि मुख्यमंत्री महीने के 25 दिन हरियाणा टूर पर रहते थे। जब तक वह हर प्रोजेक्ट की तसल्ली खुद नहीं कर लेते थे तब तक वह आराम नहीं करते थे। हरियाणा में नहरों का जाल बिछाने का श्रेय उन्हे ही दिया जाता है। इसके लिए उन्हें महिलाओं ने हरियाणा का भगीरथ कहा था। चौधरी ने गांवों की तरफ विशेष ध्यान दिया। हरियाणा देश का पहला राज्य बना जहां हर गांव घर में बिजली पहुंची। बंसी लाल की सरकार ने गांवों के पक्की सड़कों प्रबंध किया। हालांकि भिवानी के बाद आने वाले जिले महेंद्रगढ़ में जब बंसीलाल के बारे में बातें की जाती हैं तो कहते हैं कि आदमी तो बढ़िया थे, पर म्हारे कानी कम ध्यान दियो (आदमी तो बढ़िया था मगर हमारी तरफ कम ध्यान दिया)।