Edited By Isha, Updated: 27 Dec, 2025 06:24 PM

जिले में अवैध खनन की स्थिति गंभीर है, जहां अरावली पहाड़ियों में पत्थर का खनन धड़ल्ले से जारी है। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन लगातार छापेमारी और वाहन जब्त कर रहा है, लेकिन यह समस्या बनी हुई है
नारनौल: जिले में अवैध खनन की स्थिति गंभीर है, जहां अरावली पहाड़ियों में पत्थर का खनन धड़ल्ले से जारी है। इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन लगातार छापेमारी और वाहन जब्त कर रहा है, लेकिन यह समस्या बनी हुई है। राजस्थान सीमा से सटा होने की वजह से खनन माफिया सीमा पार कर प्रशासनिक कार्रवाई से बच निकलने में कामयाब हो जाते हैं। स्थिति यह है कि प्रशासन डाल-डाल है तो माफिया पात-पात है। जिले में वर्तमान में दस स्थानों पर माइनिंग के लिए लीज दी हुई है। इनके अलावा अवैध खनन से भी अरावली की पहाड़ियां लगातार गायब हो रही हैं।
दस पहाड़ियों की चोटी ही नहीं, बल्कि भूमि के स्तर से भी कई मीटर गहराई तक पहाड़ गायब हो चुके हैं। जिले से करीब चार से पांच हजार डंपर विभिन्न स्थानों पर क्रशर और रोड़िया लेकर आवागमन कर रहे हैं। एक डंपर में 40 से 50 टन पत्थर की ढुलाई होती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोजाना करीब पांच हजार डंपरों में कितने टन पत्थर पहाड़ियों से निकाला जा रहा है।
माफिया हरियाणा में खनन कर ट्रैक्टर ट्रालियाें के जरिये राजस्थान में ले जाकर स्टोर कर लेता है। यहां से लोह अयस्क वाले इस पत्थर को महंगे दामों में फरीदाबाद और गुजरात सप्लाई कर दी जाती है। अवैध खनन के दौरान तीन साल पहले जैनपुर की पहाड़ी में पत्थर के तले दबने से एक मजदूर की मौत हो गई थी, जबकि एक घायल हो गया था। इसके बाद प्रशासन ने इन पहाड़ियों के प्रवेश द्वार पर गहरी खाई खोद दी थी, ताकि ट्रैक्टर ट्राली न घुस पाए। अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए निगरानी भी बढ़ाई पर माफिया पत्थर चोरी करने से बाज नहीं आता है। इसी वजह से लगातार पहाड़ गायब हो रहे हैं।