LLB पास युवक मधुमक्खी पालन के जरिए प्रति माह कमा रहा लाखों रूपए, व्यवसाय के साथ दे रहा 12 युवाओं को रोजगार

Edited By Manisha rana, Updated: 25 Mar, 2023 08:55 AM

llb pass youth earning lakhs of rupees per month through beekeeping

आज बेशक पारंपरिक खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं, जो खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करके हनी प्रोडक्शन से लाखों...

कैथल (जयपाल) : आज बेशक पारंपरिक खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है लेकिन कई किसान ऐसे भी हैं, जो खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करके हनी प्रोडक्शन से लाखों रुपए कमा औरों के लिए प्रेरणा स्तोत्र बने हुए हैं। आपको कैथल के एक ऐसे किसान के बारे में बताते हैं जो खेती करने के साथ-साथ मधुमक्खी पालन का अतिरिक्त व्यवसाय शुरू करके लाखों रुपए तो कमा ही रहा है साथ में 12 बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार देने का काम कर रहा है। किसान का नाम नरेंद्र कुमार है जो कैथल जिले के गांव दयौहरा का रहने वाला जिसने एलएलबी की पढ़ाई की हुई है और उसने वकालत के पेशे में ना जाकर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय करना सही समझा। 

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प्रति महीना कमा रहा लाखों रुपए

बता दें कि नरेंद्र कुमार ने 2007 में कृषि विज्ञान केंद्र में ट्रेनिंग लेकर मधुमक्खियों के पांच बॉक्स से अपना व्यवसाय शुरू किया था। उसके बाद अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए हॉर्टिकल्चर विभाग से 85% सब्सिडी पर 50 बॉक्स लिए और साथ ही खादी कमीशन से 5 लाख का लोन लेकर अपने व्यवसाय को लगातार आगे ही बढ़ाता गया जिसने आज तक भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब नरेंद्र के पास 800 से ज्यादा मधुमक्खियों के बॉक्स हैं जिनसे वह प्रति महीना दो लाख से ज्यादा की आय निकाल कर रहा है और साथ में अपने गांव के 12 बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने का भी काम कर रहा है।


6 महीने का काम होता है मधुमक्खी पालन का काम


किसान नरेंद्र का कहना है कि अप्रैल के बाद जब यहां पर मधुमक्खियों के व्यवसाय का काम खत्म हो जाता है तो वह उसके बाद मधुमक्खियों के बॉक्स को दूसरे राज्यों में ले जाकर रख देता है जहां से उसे और ज्यादा इनकम होती है जिससे उसका खर्च निकालने के बाद भी लाखों रुपए बच जाते हैं। नरेंद्र कुमार ने बताया कि मधुमक्खी पालन का काम केवल 6 महीनों का होता है जो अक्टूबर महीने के लास्ट से शुरू होकर 15 अप्रैल तक चलता है जिसमें वह शहद के साथ-साथ मधुमक्खियों को भी बेचता है जिसे उसे और ज्यादा मुनाफा होता है। सीजन के औसत की अगर बात की जाए तो मधुमक्खियों के एक बॉक्स से वह 20 से 25 किलो शहद को निकाल लेता है जिसकी बाजारी कीमत 140 से 145 रुपए प्रति किलो होती है। परंतु अब की बार बारिश का मौसम होने की बजाएं उसका यह सीजन अच्छा नहीं गया जिस कारण उसे लाखों रुपए का नुकसान भी हुआ है। वह फिर भी घबराया नहीं क्योंकि बिजनेस में नफा नुकसान तो चलता रहता है इसीलिए आज भी उसके हौसले वैसे ही बुलंद है।  

डॉ प्रमोद कुमार का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन की बहुत अच्छी स्कीम चलाई हुई है जिस पर सरकार द्वारा किसानों को 85% अनुदान राशि पर मधुमक्खियों के बॉक्स दिए जाते हैं। इसके साथ ही जो किसान अपने व्यवसाय को बढ़ाना चाहता है तो उसको अनुदान राशि पर लोन भी मुहैया करवाया जाता है। इसलिए किसानों को मधुमक्खी पालन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए जिस पर खर्च सिर्फ नाम मात्र होता है परंतु दूसरी फसलों की वजह कई गुना ज्यादा पैसा कमा सकते हैं। 

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