स्वर्ण पदक जीतकर ही स्वदेश वापसी कंरूगी: अंशु मलिक, दादी से मिली थी प्रेरणा

Edited By Shivam, Updated: 12 Apr, 2021 11:56 PM

kanungi returned home after winning gold anshu malik

जींद के खेल गांव निडानी की महिला कुश्ती खिलाड़ी अंशु मलिक ने जापान के टोकिया में होने वाले ओलंपिक खेलों में शामिल होने का टिकट हासिल कर लिया है। जिसके उपरांत अंशु मलिक के गांव में खुशी का माहौल है और हर किसी को विश्वास है कि अंशु खेलों में गोल्ड...

जींद (अनिल): जींद के खेल गांव निडानी की महिला कुश्ती खिलाड़ी अंशु मलिक ने जापान के टोकिया में होने वाले ओलंपिक खेलों में शामिल होने का टिकट हासिल कर लिया है। जिसके उपरांत अंशु मलिक के गांव में खुशी का माहौल है और हर किसी को विश्वास है कि अंशु खेलों में गोल्ड मेडल जीतकर ही वतन वापसी करेगी। अंशु के घर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है। सोमवार को ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में लोग अंशु के घर पंहुचे और परिजनों को मिठाई खिलाकर बधाईयां दी।

'स्वर्ण पदक जीतकर ही स्वदेश वापसी कंरूगी'
बीए अंतिम वर्ष की छात्रा अंशु मलिक ने कुश्ती का अभ्यास गांव के खेल स्कूल से शुरू किया था। उन्होंने जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक खेलों का टिकट हासिल कर लिया है। अंशु ने दूरभाष पर बताया कि ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए मन लगाकर कड़ी मेहनत कर रही हैं। देशवासियों की आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी और हर हाल में स्वर्ण पदक जीतकर ही स्वदेश वापसी करेंगी। उन्होंने इस मुकाम तक पंहुचाने के लिए अपने दादा-दादी, माता-पिता, खेल प्रशिक्षक का भी आभार प्रकट किया और कहा कि इन्हीं की बदौलत इस मुकाम तक पंहुच पाई हैं।

PunjabKesari, haryana

दादी ने किया कुश्ती खिलाड़ी बनने के लिए प्रेरित: 
अंशु मलिक ने बताया कि बचपन मेंं दादा-दादी के साथ सुबह सैर करने के लिए जाती थी। इस दौरान एक दिन दादी ने कहा कि लड़कियां लड़कों से कम नही हैं, वे कुश्ती जैसे खेल में भी आगे बढ़ सकती हैं। उन्होंने कई महिला खिलाडिय़ों के उदाहरण भी दिये। इसी बात से प्रेरित होकर कुश्ती खेलना शुरू किया। 

अंशु मलिक की पारिवारिक पृष्ठभूमि लम्बे समय से खेलों से जुड़ी हुई है। उनके दादा मास्टर बीर सिंह अच्छे एथेलेटिक्स रहे हैं। पिता धर्मबीर मलिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के कुश्ती खिलाड़ी रहे हैं। अंशु के ताऊ पवन मलिक भी भारत कुमार रहे हैं। अंशु मलिक की माता उच्च शिक्षित महिला हैं। अंशु मलिक यह भी बताती हैं कि माता मंजु देवी ने उनके खान-पान का बहुत ध्यान रखा है और आगे बढऩे के लिए प्रेरित भी करती रही हैं।

PunjabKesari, haryana

कुश्ती खेल कर ही मिलता है संतोष: 
अंशु मलिक ने बताया कि बहुत सारे खेल खेले जाते है,लेकिन उनका मन हमेशा कुश्ती में ही लगता था और कुश्ती खेलकर ही मन को संतुष्टी मिलती थी। अब कुश्ती के माध्यम से देश का गौरव बढ़ाने का समय आया है, निश्चित रूप से देश के भरोसे पर खरा उतरने का काम करूंगी। 

अंशु मलिक के पिता धर्मबीर मलिक ने बताया कि अंशु का छोटा भाई शुभम भी उनकी बहन की तरह ही कुश्ती खिलाड़ी बनना चाहता है। लड़का-लड़की में कोई भेद न मानकर दोनों को आगे बढऩे के लिए बराबर सुविधाएं दी जा रही हैं। 
 

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!