Edited By Manisha rana, Updated: 01 Nov, 2023 09:34 AM
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हरियाणा सरकार में चीफ मीडिया क्वार्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कहा है कि 2 नवंबर को करनाल में अंत्योदय महासम्मेलन हरियाणा में आए उस बदलाव का प्रतीक है...
चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा सरकार में चीफ मीडिया क्वार्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कहा है कि 2 नवंबर को करनाल में अंत्योदय महासम्मेलन हरियाणा में आए उस बदलाव का प्रतीक है, जिसका संकल्प मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2014 में जनसेवा का दायित्व ग्रहण करने पर लिया था। आज आम आदमी की आशाएं, आकांक्षाएं फलीभूत हो रही हैं और उनके सपने साकार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री हरियाणा के विकास के इतिहास में नये-नये अध्याय जोड़ने के लिए कृतसंकल्प हैं और हमेशा लोगों का विश्वास जीतते रहेंगे।
सुदेश कटारिया ने कहा कि जो मुख्यमंत्री ठानते है, उसे करके दिखाते है। उन्होंने कहा कि विकास के काम के मामले में जितने कार्य पिछले 9 वर्ष में हुए. चे 48 वर्ष में नहीं हुए। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवाद, भाई भतीजावाद, परिवार बाद की राजनीति को ख़त्म कर हरियाणा एक हरियाणवी एक के नारे का चरित्रार्थ किया है और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय के सिद्धांत पर चलते हुए गरीबों को पूरा हक दिया है। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में सरकारी नौकरियों की बोली लगाई जाती थी। गरीब व्यक्ति की कहीं कोई पूछ नहीं थी, वह सीधे तौर पर अपने क्षेत्र के विधायक तक से नहीं मिल पाता था लेकिन मनोहर लाल खट्टर ने सत्ता में ऐसा परिवर्तन किया कि आज प्रदेश में चारों तरफ शांति है, हर एक व्यक्ति की पहुंच सरकार व प्रशासन तक सीधे है, बिना पर्ची व बिना खर्ची लोगों के काम होते हैं, रेहड़ी लगाने वाले का, सफाई कर्मचारी का बेटा भी सीधा एसडीएम, पुलिस इंस्पेक्टर लग रहा है।
प्राथमिक्ता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं, भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसा गया है और ऐसे अधिकारियों की गर्दन तोड़ने का काम किया गया है जो भ्रष्टाचार में लिप्त थे। पहले प्रदेश में सरकारी नौकरियों की बोली लगाई जाती थी। गरीब व्यक्ति की कहीं कोई पूछ नहीं थी, वह सीधे तौर पर अपने क्षेत्र के विधायक तक से नहीं मिल पाता था लेकिन मनोहर लाल खट्टर ने सत्ता में ऐसा परिवर्तन किया कि आज प्रदेश में चारों तरफ शांति है, हर एक व्यक्ति की पहुंच सरकार व प्रशासन तक सीधे है, बिना पर्ची व बिना खर्ची लोगों के काम होते हैं, रेहड़ी लगाने वाले का, सफाई कर्मचारी का बेटा भी सीधा एसडीएम, पुलिस इंस्पेक्टर लग रहा है। प्राथमिक्ता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं, भ्रष्ट अधिकारियों पर शिकंजा कसा गया है और ऐसे अधिकारियों की गर्दन तोड़ने का काम किया गया है जो भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
सुदेश कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सोच है कि समाज में गरीब से गरीब व्यक्ति का बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे। नई शिक्षा नीति के अनुरूप 4 हजार आगनवाड़ी का प्ले वे स्कूल बनाया गयाहै, जिनका नाम बाल वाटिका रखा गया है, जिनमें 3 से 6 वर्ष तक के बच्चे प्री स्कूल शिक्षा ग्रहण करेंगे। यह बाल वाटिका स्कूलों में ही होगी। अगले चरण में 4 हजार और आगनवाडियों को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे स्कूली शिक्षा के लिए विद्यार्थियों का बेस आरंभ से ही मजबूत होगा। इसी प्रकार जो अनुसूचित जाति के परिवार अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा दिलाने चाहते है, उनके लिए चिराग योजना लागू की गई है। उन्होंने कहा कि गरीब का बच्चा पैसे के अभाव में उच्चतर शिक्षा से वंचित ना हो इसके लिए भी सरकार खर्च वहन करेगी। इसके अलावा व्यवसायिक कोनों के लिए बैंक ऋण गारंटी की ब्याज राशि का वहन करेगी। ऋण वह उम्मीदवार नौकरी लगने पर आसान किस्तों पर बैंक को लौटा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 साल पहले डॉ. भीम राव अंबेडकर मेघावी छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति का एक विद्यार्थी पायलट प्रशिक्षण के लिए सरकार से सहायता मांगने आया, उसके लिए 20 लाख रुपये की व्यवस्था की गई। इसी प्रकार मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान परिवार योजना के तहत 52 हजार परिवारों को स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
सुदेश कटारिया ने कहा कि मनोहर लाल कभी भी जाति-वर्ण की बात नहीं करते। वे कहते हैं कि समाज में केवल दो ही वर्ग हैं। एक सक्षम व समृद्ध लोगों का वर्ग है और दूसरा वंचित वर्ग है। इसलिए उन्होंने वंचितों को आगे लाने की ठानी और इसके लिए पहला काम वंचितों की सही पहचान करना था। यह काम परिवार पहचान पत्र के माध्यम से किया गया और आज इसी परिवार पहचान पत्र से के माध्यम से लाखों लाभार्थियों को प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ घर बैठे मिल रहा है। मनोहर लाल ने अंत्योदय की भावना से काम करना शुरू किया और आज 9 साल बाद अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो गए हैं।
सुदेश कटारिया ने कहा कि वर्तमान सरकार ने 9 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद पुरानी व्यवस्था को समाप्त करने में सफलता हासिल कर ली है। आज प्रदेश का परिदृश्य पूर्णता बदला हुआ है। विकास के लाभ गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंच रहे हैं। प्रदेश सरकार ने हरियाणा एक-हरियाणवी एक के भाव से सबसे पहले सबसे गरीब के उत्थान के लिए ऐसी व्यवस्था बनाई है जिसमें कोई भेदभाव नहीं होता, जिसमें किसी को सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ पाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ते। पहले की व्यवस्था ने लोगों को हमेशा निर्भर बनाए रखा जबकि वर्तमान सरकार ने लोगों को निर्भर नहीं बल्कि स्वाभिमानी बनाया है।