Haryana: बाढड़ा में खुलेगी आईआईटी, मांगी 300 एकड़ भूमि

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Mar, 2025 11:49 AM

iit will open in badhra 300 acres of land sought

प्रदेश के अंतिम छोर के रेतीले क्षेत्र मे बसे बाढड़ा उपमंडल को विश्व की अंतरराष्ट्रीय पहचान के रूप में आईआईटी की सौगात मिल सकती है।

बाढड़ा (ब्यूरो) : प्रदेश के अंतिम छोर के रेतीले क्षेत्र मे बसे बाढड़ा उपमंडल को विश्व की अंतरराष्ट्रीय पहचान के रूप में आईआईटी की सौगात मिल सकती है। सांसद धर्मबीर सिंह के प्रयासों से केंद्र सरकार के आदेश पर कदम उठाते हुए राज्य तकनीकी महानिदेशक ने दादरी के जिला उपायुक्त को अति आवश्यक पत्र जारी कर तत्काल प्रभाव से किसी गांव में शामलाती भूमि की तलाश करने रिपोर्ट मांगी है। उपायुक्त कार्यालय ने इसके लिए बाढड़ा तहसीलदार को तुरंत प्रभाव से शामलाती, निजी अधिग्रहण जैसी संभावनाओं वाले रकने को चिन्हित करने व अन्य निर्धारित शतों को लेकर कागजी कार्यवाही पूरी करने का दिशानिर्देश जारी किया है। प्रदेश सरकार की पहल पर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

केंद्र सरकार ने पिछले सत्र मे देश के शिक्षा, ग्रामीण विकास में पिछड़े क्षेत्र को अग्रणी पंक्ति में लाने के लिए महानगरों की बजाय उन क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षा, रोजगार के हब के रूप में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला लिया है। सांसद धर्मबीर सिंह के मांगपत्र पर केन्द्र सरकार ने उनके लोकसभा क्षेत्र में भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान खोलने का फैसला लिया है। मौजूदा समय में कोटपूतली से चंडीगढ़ तक निर्मित 152 डी जैसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के राष्ट्रीय राजमार्ग व दिल्ली से जयपुर होकर कांडला बंदरगाह को जोड़ने वाले प्रस्तावित मेगा हाईवे के निर्माण के बाद दादरी, बाढड़ा, नारनौल वाले क्षेत्रों में औद्योगिक विकास की पूरी संभावना है।

सांसद धर्मबीर सिंह के प्रयासों के बाद केंद्र सरकार ने प्रदेश में संभावित प्रथम आईआईटी निर्माण के लिए दक्षिणी हरियाणा में संभावनाएं तलाशने का फैसला लेते हुए हरियाणा तकनीकी विभाग से प्रथम चरण में क्षेत्र में शामलाती, पंचायती भूमि की रिपोर्ट तलब की है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने इसके लिए कुछ शर्ते भी लगाई है वहीं अब पहले जमीन की खोज कर प्रस्ताव तैयार करने व दूसरे चरण में टीम भेजकर आगामी प्रक्रिया पूरी करने का फैसला लिया है। मौजूदा दौर में बाढड़ा, दादरी व लोहारू क्षेत्र को सीधे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए फरूखनगर से लोहारू रेलवे लाईन सर्वे शुरू होने के बाद अब वर्षों से उपेक्षित प्रदेश के बड़े महानगरों से दूर क्षेत्र मे बसे बाढड़ा उपमंडल को विश्व की अंतरराष्ट्रीय पहचान के रूप में आईआईटी की सौगात मिलने की उम्मीदें मजबूत हो गई हैं। सांसद धर्मबीर सिंह के प्रयासों से केंद्र सरकार के आदेश पर कदम उठाते हुए राज्य तकनीकी महानिदेशक ने दादरी के जिला उपायुक्त को अति आवश्यक पत्र जारी कर तत्काल प्रभाव से किसी गांव में 300 एकड़ शामलाती भूमि की तलाश करने रिपोर्ट मांगी है वहीं कुछ कमी होने पर भविष्य में अधिग्रहण कर किसानों को लाभान्वित किया जा सकता है।

उपायुक्त कार्यालय ने इसके लिए बाढड़ा तहसीलदार सज्जन सिंह को तुरंत प्रभाव से शामलाती, निजी अधिग्रहण जैसी संभावनाओं वाले रकबे को चिन्हित करने व अन्य निर्धारित शर्तों को लेकर कागजी कार्यवाही पूरी करने का दिशानिर्देश जारी किया है। प्रदेश सरकार की पहल पर क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों मे खुशी की लहर दौड़ गई है। तहसीलदार सज्जन कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय से आईआईटी के लिए तीन सौ एकड़ भूमि चयन करने का आदेश मिला है जिस पर आगामी कदम उठाए जा रहे हैं।

सांसद समर्थकों में खुशी की लहरः दी केंद्रीय सहकारी बैंक भिवानी के चेयरमैन सुधीर चांदवास ने बताया कि आईआईटी निर्माण जैसे संस्थान के आने का समाचार पाकर सांसद धर्मबीर सिंह समर्थकों में खुशी की लहर है। धर्मबीर सिंह के अथक प्रयास से ही इस संस्थान का प्रपोजल बनाया गया है। चौधरी धर्मवीर सिंह लगातार शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया और बड़ा करने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उनका मानना है किसी भी क्षेत्र का विकास शिक्षा के बिना संभव नहीं हो सकता। इस पर जिला परिषद चेयरमैन मंदीप डालावास, दी कॉपरेटिव सहकारी बैंक के चेयरमैन सुधीर चांदवास, पार्षद सुनील इंजिनियर, पार्षद अशोक कादमा, धर्मसेना संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बलवान आर्य आदि ने भिवानी महेंद्रगढ़ से सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह का आभार प्रकट किया है।

क्यों जरूरी है इस क्षेत्र में बड़े संस्थान का होना: भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान जैसे बड़े संस्थान खुलने से क्षेत्र के युवाओं का आकर्षण इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की तरफ बढ़ेगा। यह संस्थान बुनियादी विज्ञान और मानविकी में शिक्षा और अनुसंधान में भी महत्वपूर्ण योगदान दे पाएगी। दो सौ किलोमीटर तक किसी बड़े संस्थान का नहीं होने से भी इस क्षेत्र को काफी लाभ मिल सकता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आईआईटी क्षेत्र को बढ़ावा देने की योजना के तहत इस क्षेत्र को चुना तो युवाओं को बहुत लाभ होगा। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के खुलने से इस क्षेत्र में शिक्षा के साथ साथ अन्य क्षेत्र में भी विकास को गति मिल पाएगी। एक माह में जिले के दो मेगा प्रोजेक्टों को मिली राति.... विकास के क्षेत्र में लंबे अरसे से पिछले चरखी दादरी जिले की भाजपा सरकार के तीसरे कार्यकाल में शकल सूरत बदलने वाली है। दादरी के विधायक सुनील सतपाल सांगवान के प्रयासों से सीसीआई परिसर में बडे प्रोजेक्ट्स पर कार्यवाई के बाद अब सांसद धर्मबीर सिंह के अथक प्रयासों से जिले के बाढड़ा क्षेत्र में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के लिए भूमि चयन प्रक्रिया आरंभ होने से विकास को नए पंख लगेंगे।

भविष्य में बड़ा लाभ होगा

आईआईटी बनने से भविष्य में बड़ा लाभ होगा, क्योंकि यह भारत के सबसे प्रतिष्ठित और कठिन प्रवेश वाले संस्थानों में से एक है। आईआईटी में पढ़ाई करने से छात्रों को उत्कृष्ट प्लेसमेंट रिकॉर्ड और किफायती शुल्क संरचनाओं का लाभ मिलता है। आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों को जेईई मेन्स और जेईई एडवांस्ड परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना होता है। जेईई मेन्स में शीर्ष 2.5 लाख उम्मीदवार जेईई एडवांस्ड में शामिल होने के पात्र होते हैं। आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए, छात्रों को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होता है कक्षा 12वीं में न्यूनतम 75त्न अंक छात्रों को कक्षा 12वीं में न्यूनतम 75त्न अंक प्राप्त करने होते हैं। जेईई मेन्स में शीर्ष 2.5 लाख में शामिल होना छात्रों को जेईई मेन्स में शीर्ष 2.5 लाख में शामिल होना होता है।

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