Edited By Isha, Updated: 07 Aug, 2024 02:24 PM
हरियाणा के के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रोहतक पीजीआई में मरीजों को परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। यहां पर तकरीबन 1200 नर्सिंग ऑफिसर आज एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर है। पिछले कईं दिनों से यह केवल एक ही शिफ्ट में सुबह 8 बजे से दोपहर 3
चंडीगढ़(चंद्रशेखऱ धरणी); हरियाणा के के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रोहतक पीजीआई में मरीजों को परेशानी से दो चार होना पड़ रहा है। यहां पर तकरीबन 1200 नर्सिंग ऑफिसर आज एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर है। पिछले कईं दिनों से यह केवल एक ही शिफ्ट में सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही काम कर रहे हैं। इसके चलते नाइट शिफ्ट में कोई भी नर्सिंग कर्मचारी नहीं होता। यहीं कारण है कि अब पीजीआई में भर्ती मरीजों को डॉक्टर छुट्टी देकर घर भेज रहे हैं।
रोहतक पीजीआई प्रदेश का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान होने के कारण यहां पर प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। रोजाना तकरीबन 7 से 8 हजार के आसपास मरीज तो यहां पर ओपीडी में आते हैं। इसके अलावा हजारों की संख्या में मरीजों को इमरजेंसी सेवाओं की जरूरत होती है। सामूहिक अवकाश पर गए नर्सिंग ऑफिसर्स की मांग है कि उनका नर्सिंग अलाउंस जो सातवें वेतन आयोग के मुताबिक 7200 रुपए है, जबकि उन्हें महज 1200 रुपए दिए जा रहे हैं। वे चाहते हैं कि केंद्र की तर्ज पर उन्हें नर्सिंग अलाउंस दिया जाए।
नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान विकास फोगाट ने कहा कि उनकी मांगें काफी पुरानी हैं और कई बार सरकार की तरफ से आश्वासन मिल चुका है, लेकिन अभी तक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सामूहिक अवकाश पर जाने से पहले बाकायदा सरकार और मेडिकल प्रबंधन को इसके बारे में सूचित किया गया था, लेकिन कोई आश्वासन नहीं मिला। अब मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है और वह सरकार को चेतावनी देते हैं कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वह अनिश्चितकाल के लिए भी हड़ताल पर जा सकते हैं।
नर्सिंग अलाउंस के अलावा नर्सिंग ऑफिसर्स की अन्य मांगे भी हैं, जिनमें मुख्य तौर पर चाइल्ड केयर लीव है, जोकि जरूरत के समय पर नहीं मिलती, उसका सरलीकरण किया जाए. नर्सिंग ऑफिसर्स को ग्रुप-सी से ग्रुप-बी में शामिल किया जाए. फिलहाल, अस्पताल आ रहे मरीज परेशान हो रहे हैं।
आज रात तक का समय
नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान विकास फोगाट का कहना है कि यदि आज रात 12 बजे तक सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। यदि नर्सिंग स्टाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया तो पीजीआई में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पहले हुई हड़ताल के समय में पीजीआई प्रशासन ने नर्सिंग छात्राओं को तैनात कर काम चलाया था, लेकिन इस बार नर्सिंग छात्राएं भी स्टाफ के साथ खड़ी है, जिसके चलते व्यवस्था बिगड़ती दिखाई दे रही है।