ढींगरा आयोग की रिपोर्ट के फैसले पर बोले हुड्डा- दुर्भावना से बनाया आयोग

Edited By Shivam, Updated: 10 Jan, 2019 04:56 PM

hooda statement on decision of dhingra commission report

हरियाणा में पिछली सरकार के दौरान हुए कथित जमीनी सौदों की जांच करने वाले ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई। जिसमें हाईकोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर सरकार को भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है, जिसके बाद हाईकोर्ट...

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा में पिछली सरकार के दौरान हुए कथित जमीनी सौदों की जांच करने वाले ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई। जिसमें हाईकोर्ट ने रिपोर्ट के आधार पर सरकार को भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है, जिसके बाद हाईकोर्ट के इस फैसले पर हुड्डा ने प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट को जो निर्णय आया है, वे उसका सम्मान करते हैं। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हम तो पहले ही कहते थे कि दुर्भावना से आयोग का गठन किया गया है और असंवैधानिक तरीके से काम किया जा रहा था।

दरअसल, हाईकोर्ट में आज हरियाणा में पिछले शासनकाल के दौरान जमीन सौदों की पड़ताल के लिए ढींगरा आयोग के गठन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई, जिसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्ष ने दाखिल किया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक जज ने कहा कि कमीशन नए सिरे से हुड्डा को नोटिस जारी कर सकती है। लेकिन दूसरे जज की राय है कि कमीशन की टर्म पूरी हो चुकी है वो अब नोटिस जारी नहीं कर सकता।

PunjabKesari

दोनों जजों की राय अलग होने के बाद अब चीफ जस्टिस इस मामले को तीसरे जज के पास भेज दिया गया। कोर्ट ने यह भी माना कि आयोग का गठन कानूनन सही है व जनहित के हित में है। वहीं तीसरे जज का फैसले आने तक आयोग की जो रिपोर्ट सील बंद थी वह सील बन्द रहेगी, इसके बीच सरकार उस पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। लगातार दो घंटे सरकार की ओर से पक्ष रखे जाने के बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 18 अप्रैल तक स्थगित कर दी।

मामले पर सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ  इंडिया और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट तुषार मेहता ने कहा कि आयोग को गठन के लिए सरकार के पास पर्याप्त तथ्य थे, सबसे पहले तो कैग की रिपोर्ट ही है जो अपने आप में सबूत के तौर पर पर्याप्त है।

PunjabKesari

उल्लेखनीय है कि पिछली सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा की तरफ से पेश वकील ने दलीलों में कहा था कि पहले तो आयोग का गठन ही बिना किसी आधार के कर दिया गया, फिर इस आयोग के गठन के लिए मुख्य मंत्री ने कैबिनेट तक की मंजूरी नहीं ली। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के कुछ केसों का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी तय कर चुका है कि जिस मामले की जांच के आयोग गठित किया जाए, उसकी पहले एक प्रारंभिक जांच जरूर की जाए, लेकिन यहां सरकार ने ऐसा कुछ किया ही नहीं।

ढींगरा आयोग के खिलाफ पूर्व मुख्य मंत्री ने भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती देते हुए कहा था की, इस आयोग का गठन महज राजनैतिक रंजिश के तहत ही किया गया है। हाई कोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार को ढींगरा आयोग की रिपोर्ट सावर्जनिक करने पर रोक लगाते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। भाजपा सरकार ने गुरुग्राम के भूमि सौदे के मामले में पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राबर्ट वाड्रा की भूमिका की जांच के लिए ढींगरा आयोग का गठन किया था।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!