Edited By Isha, Updated: 23 Sep, 2024 05:44 PM
मुख्यमंत्री पद को लेकर कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच की खिंचतान किसी से छिपी नहीं है। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव से पहले ही हरियाणा में कांग्रेस सैलजा और हुड्डा के दो गुटों में बंटी हुई नजर आई थी।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : मुख्यमंत्री पद को लेकर कुमारी सैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बीच की खिंचतान किसी से छिपी नहीं है। इतना ही नहीं विधानसभा चुनाव से पहले ही हरियाणा में कांग्रेस सैलजा और हुड्डा के दो गुटों में बंटी हुई नजर आई थी।
कई दिन तक चुप रहने के बाद कुमारी सैलजा ने जहां बीजेपी के नेताओं के ऑफर का जवाब दिया। वहीं, उन्होंने जल्द ही चुनावी मैदान में उतरने की भी बात कही। उधर, कुमारी सैलजा के चुप्पी साधने के बाद से ही भूपेंद्र हुड्डा जहां उन्हें अपनी बहन कहकर संबोधित कर रहे हैं।
वहीं, उन्होंने कांग्रेस में किसी भी प्रकार की गुटबाजी से भी इंकार किया है। इन सबके बारे में तो हर व्यक्ति अच्छे से जानता है, लेकिन क्या आपकों पता है कि कांग्रेस में गुटबाजी नहीं होने की बात कहने वाले भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के उन उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार नहीं कर रहे हैं, जिन्हें कुमारी सैलजा के खेमे से माना जाता है और जिन्हें सैलजा के कारण पार्टी का टिकट मिला है। कुमारी सैलजा की अनुपस्थिति में उनके समर्थित प्रत्याशियों की करीब आधा दर्जन सीटों पर कांग्रेस कमजोर दिखाई पड़ती है।
कांग्रेस उम्मीदवार के सामने उतारी बेटी
अंबाला शहर से हुड्डा गुट के कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह ने अपनी ही बेटी चित्रा सरवारा को अंबाला कैंट विधानसभा से निर्दलीय चुनावी मैदान में उतार दिया है। इससे कांग्रेस कैंडिडेट परविंदर परी की मुसीबत बढ़ गई है। इस सीट पर उनका मुकाबला पहले से ही कड़ा था, क्योंकि यहां से भाजपा ने पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को टिकट दिया है। बता दें कि परी को सैलजा समर्थक नेताओं में माना जाता है।
इसी प्रकार से हिसार में कांग्रेस कैंडिडेट राम निवास राड़ा को हुड्डा समर्थकों का खुलकर समर्थन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा फतेहाबाद विधानसभा में हुड्डा के नजदीकी नेताओं ने बलवान सिंह दौतलपुरिया के प्रचार से दूरी बना ली है।
पंचकूला में पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई और जगाधरी विधानसभा से पूर्व डिप्टी स्पीकर अकरम खान मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन भाजपा से यहां उन्हें सीधी टक्कर मिल रही है। चुनाव प्रचार में दोनों को कुमारी सैलजा की कमी खल रही है। अब कुमारी सैलजा की ओर से जल्द चुनाव प्रचार में नजर आने की बात कहने के बाद इन नेताओं को भी चुनाव प्रचार मजबूत होने की