Edited By Saurabh Pal, Updated: 14 Jul, 2024 08:09 PM
हरियाणा के सिक्ख अपने राजनैतिक प्रतिनिधित्व को लेकर भाजपा और कांग्रेस को सिरदर्द देने वाले हैं। विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के विभिन्न दलों से जुड़े सिक्ख अब एक झंडे के नीचे इकट्ठे होंगे। सिक्ख समुदाय के लोगों द्वारा सितबंर माह में एक राज्यस्तरीय...
फतेहाबाद(रमेश भट्ट): हरियाणा के सिक्ख अपने राजनैतिक प्रतिनिधित्व को लेकर भाजपा और कांग्रेस को सिरदर्द देने वाले हैं। विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के विभिन्न दलों से जुड़े सिक्ख अब एक झंडे के नीचे इकट्ठे होंगे। सिक्ख समुदाय के लोगों द्वारा सितबंर माह में एक राज्यस्तरीय सिक्ख सम्मेलन आयोजित किया जाने वाला है। जिसमें प्रदेशभर के सिक्ख एकजुट होकर विधानसभा चुनाव में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने सहित अन्य मांगों को उठाएगा। इसी को लेकर करनाल से सिख समाज के प्रतिनिधि रविवार को फतेहाबाद पहुंचे और यहां के सिक्ख समाज के लोगों के साथ मीटिंग की।
मीटिंग में साफ तौर पर कहा गया कि उन्हें 15 से 20 सीटों पर प्रतिनिधित्व पार्टियां दें, प्रदेश के स्कूलों में पंजाबी के अध्यापक भर्ती करें। इसके अलावा परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों को पांच ककार को उतारने के लिए मजबूर न करने, लोकसभा में 3 सीटों पर प्रतिनिधित्व और सिक्खों के प्रति सोशल मीडिया पर नफरती पोस्टों पर नकेल के लिए एसआईटी गठित करने सहित कई मांगें उठाई गईं। सिख समाज के प्रतिनिधियों ने कहा कि इन मांगों को लेकर वे सत्तारूढ़ व विपक्षी पार्टियों के सामने जाएंगे, जो उनकी मांगों को पूरा करने का वादा करेगा समाज उनका साथ देगा। यदि कोई भी दल उनकी मांगें नहीं मानता तो अपने स्तर पर समाज अपने बैनर तले चुनाव लड़ेगा और अपने उम्मीदवार उतारेगा।
इस दौरान प्रीत पाल सिंह पन्नू ने मीटिंग के एजेंडे के बारे कहा कि हरियाणा में सिखों की आबादी लगभग 18 लाख है, लेकिन राजनीतिक दलों ने सिक्खों को पीछे धकेलने के लिए आबादी को जातियों में बांट दिया। इनमें जट्ट सिख को अलग दिखा दिया, खत्री सिखों को पंजाबियों में गिन दिया। रामदासिया, मजहबी सिक्खों को अनुसूचित जातियों में गिन दिया। जबकि सिख समाज एक ही है और उनसे ज्यादतियां हो रही हैं। पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा तो दिया, लेकिन पढ़ाने के लिए अध्यापक ही नहीं दिए। इसके अलावा सिक्ख अलग अलग पार्टियों व धार्मिक संगठनों से जुड़े हैं, लेकिन अपनी मांगों को लेकर एक मंच पर नहीं आ पाते। अब पूरे प्रदेश में जा जाकर उन्हें एकजुट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पार्टियों से वे 15 से 20 विधानसभा सीटों, 3 लोकसभा सीटों पर प्रतिनिधित्व मांगते हैं। उनके लिए किसी भी शहर में धर्मशाला तक नहीं है, जबकि अन्य समाज के लिए सरकारें जमीन भी देती हैं। यदि पार्टियों ने समाज के उम्मीदवार नहीं दिए तो समाज इकट्ठा होकर चिन्हित 15 से 20 सीटों पर अपने ऐसे लोगों को खड़ा करेगा, जो लोग 36 बिरादरियों को साथ लेकर चल सकें। बैठक में इंटरनेशनल सिख फोरम के महासचिव प्रीतपाल सिंह पन्नु, किसान यूनियन के प्रधान जगदीप सिंह औलख, किसान नेता राणा जोहल, अरविन्दर सिंह, गुरुद्वारा सिंह सभा फतेहाबाद के सचिव मोहिन्दर सिंह वधवा, अवतार सिंह ने संबोधित किया।
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