हरियाणा की रेनू को मिलेगा राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवॉर्ड, महज 9 गायों से शुरू किया था गोपालन

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Nov, 2024 03:50 PM

haryana s renu will receive the national gopal ratna award

झज्जर जिले के खरमाण गांव की रेनू सांगवान ने गोपालन में मिसाल कायम की है। इस उपलब्धि पर उन्हें राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर 26 नवंबर को पूसा दिल्ली में राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड से नवाजा जाएगा। यह अवार्ड केंद्रीय कृषि मंत्री लल्लन यादव और गृह मंत्री...

झज्जर (प्रवीण कुमार) : झज्जर जिले के खरमाण गांव की रेनू सांगवान ने गोपालन में मिसाल कायम की है। इस उपलब्धि पर उन्हें राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर 26 नवंबर को पूसा दिल्ली में राष्ट्रीय गोपाल रत्न अवार्ड से नवाजा जाएगा। यह अवार्ड केंद्रीय कृषि मंत्री लल्लन यादव और गृह मंत्री अमित शाह उन्हें देंगे। इतना ही नहीं रेनू का मिलेनियम फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड के लिए भी चयन हुआ है। 

रेनू ने महज 9 देसी गायों से गोपालन की शुरुआत की थी। आज उनके पास करीब 280 गोवंश है। गाय के दूध से बनने वाले घी का वे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका व फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात भी करती हैं और मोटा मुनाफा कमाती है।

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झज्जर जिले के खरमाण गांव की रेनू सांगवान किसान परिवार से संबंध रखती हैं। 2016-17 में उन्होंने अपने पति कृष्ण पहलवान के साथ मिलकर 9 देसी गायों से गोपालन की शुरुआत की थी। आज उनके पास करीब 280 गोवंश है। उनके पास है गिर, थार पारकर, राठी, साहीवाल, और देसी समेत विभिन्न तरह की उम्दा नस्लों की गाय है। 2018 में उनके पति कृष्ण पहलवान का निधन हो गया था। लेकिन रेनू ने हिम्मत नहीं हारी। पति की मौत के बाद उन्होंने अपने बेटे विनय को वेटरनरी को कोर्स कराया। अब मां-बेटे मिलकर गो संरक्षण और गो संवर्धन के साथ-साथ मुनाफा भी कमा रहे हैं।

देसी घी ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड समेत 12 देश में करते हैं निर्यात  

रेनू सांगवान के बेटे डॉ. विनय ने बताया कि अब उनके पास अच्छे नस्ल की 280 गाय हैं। जो रोज करीब 800 लीटर से ज्यादा दूध का देती हैं। इस दूध को वह दिल्ली स्थित अपने प्लांट में बोतलों में पैक कर दिल्ली और गुड़गांव में सप्लाई करते हैं। इसके अलावा वैदिक बिलोना विधि से तैयार गाय के शुद्ध घी का भी उत्पादन किया जाता है। इस घी को वे ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, जर्मनी, अमेरिका और फिलिपींस जैसे 12 देश में निर्यात करते हैं। जहां करीब 3500 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उनका घी बिकता है। 

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डॉ. विनय का कहना है कि महज छोटे स्तर से उनके माता-पिता ने गाय पालकर दूध का उत्पादन करना शुरू किया था। लेकि मां की मेहनत और लगन के सहारे वह गोपालन के क्षेत्र में खूब नाम कमा रहे हैं।

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बतां दें कि रेनू सांगवान प्रदेश के साथ-साथ देशभर में गोपालन करके खूब नाम कमा रही हैं। प्रदेश स्तर की कई प्रदर्शनियों में उनके गोवंश भी कई इनाम हासिल कर चुके हैं। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनने का भी संदेश दिया है। रेनू सांगवान का कहना है कि महिलाओं को कभी भी हौसला नहीं हारना चाहिए। नेक नीयत, अच्छी सोच और हौसले के दम पर ही महिलाएं अच्छे मुकाम हासिल कर सकती हैं।

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