Edited By Isha, Updated: 23 Jul, 2023 02:01 PM

हरियाणा में बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या फिर घट गई है। दिसंबर 2022 में 1000 बेटों पर बेटियों की संख्या 917 थी, जो जून 2023 में घटकर 906 पर आ गई। यानी लिंगानुपात 11 प्वॉइंट गिर गया। 6 माह में 2,50,523 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 1,31,461 लड़के व...
चंडीगढ़: हरियाणा में बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या फिर घट गई है। दिसंबर 2022 में 1000 बेटों पर बेटियों की संख्या 917 थी, जो जून 2023 में घटकर 906 पर आ गई। यानी लिंगानुपात 11 प्वॉइंट गिर गया। 6 माह में 2,50,523 बच्चों का जन्म हुआ। इनमें 1,31,461 लड़के व 1,19,062 लड़कियां हैं। रोहतक, चरखी दादरी, गुड़गांव, कैथल, करनाल, भिवानी, नूंह, पंचकूला, नारनौल, पलवल में लिंगानुपात में बड़ी गिरावट आई। जींद, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, झज्जर में यह सुधरा है। दरअसल, 2014 में हरियाणा में 1000 बेटों पर बेटियों की संख्या 871 थी।
इसके बाद पीएम मोदी ने साल 2015 में पानीपत से देशव्यापी अभियान ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ शुरू किया। इस पर 2019 तक लिंगानुपात बढ़कर 923 पर पहुंचा। लेकिन, साढ़े 3 साल में यह फिर 17 प्वॉइंट्स घट चुका है। लिंगानुपात घटने से सरकार सकते में है। महिला एवं बाल विकास विभाग की एसीएस डॉ. सुमिता मिश्रा का कहना है कि अब हर 15 दिन में रिव्यू किया जाएगा। पड़ोसी राज्यों में जहां अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच होती है, वहां से संपर्क बढ़ाया जाएगा।