Edited By Gourav Chouhan, Updated: 11 Aug, 2022 05:07 PM

हुड्डा ने कहा कि करनाल में राशन लेने के लिए पहले झंडा खरीदने की शर्त रखने वाले डिपो होल्डर ने साफ किया है कि उसने ऐसा अधिकारियों के निर्देश पर किया है।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के करनाल में डिपो होल्डर द्वारा जबरन तिरंगा बेचने के मामले में भले ही आरोपी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया हो, लेकिन इसे लेकर विपक्ष का हमला लगातार जारी है। प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। हुड्डा ने कहा कि करनाल में राशन लेने के लिए पहले झंडा खरीदने की शर्त रखने वाले डिपो होल्डर ने साफ किया है कि उसने ऐसा अधिकारियों के निर्देश पर किया है। पूर्व सीएम ने कहा कि डिपो होल्डर झंडे के लिए 20 रुपए क्यों ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश पर सवा 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कर्जा है, ऐसे झंडे बेचने से तो कर्जा नहीं उतर सकता। हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटना सामने आना निंदनीय है।
बीजेपी-जेजेपी को बताया स्वार्थ का गठबंधन
इस दौरान हुड्डा ने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर शायराना अंदाज में तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि, 'मुझे तरस आता है मेरे हाकिम की फकीरी पर, जो गरीबों से उनके पसीने की कमाई मांगे।' नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस समय हरियाणा में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। इसकी पोल खुद सत्ता में बैठी पार्टियों के विधायक खोल रहे हैं। भाजपा-जजपा गठबंधन पर निशाना साधते हुए हुड्डा ने कहा कि भाजपा- जजपा गठबंधन स्वार्थ के चलते बनाया गया है। हरियाणा में सरकार नाम की चीज है ही नहीं, यह तो गिरी-गराई सरकार है। ये जन सेवा नहीं स्वयं सेवा में लगे हुए है।
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