Edited By Gourav Chouhan, Updated: 16 Sep, 2022 09:15 PM

पुलिस के पांच हजार जवानों को साइबर क्राइम से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह जवान इस समय प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में तैनात हैं।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में लगातार बढ़ रही साइबर अपराध की घटनाओं के मद्देनजर पुलिस के पांच हजार जवानों को साइबर क्राइम से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। यह जवान इस समय प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में तैनात हैं। पुलिस के पास साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं की शिकायतों में 136 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अगस्त तक साइबर क्राइम की 36 हजार 996 शिकायतें हुई दर्ज
साइबर क्राइम के मद्देनजर बतौर नोडल अधिकारी तैनात किए गए आईपीएस ओपी सिंह ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बढ़ते साइबर अपराधों के बीच हरियाणा पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र (साइट्रेन) के पोर्टल पर साइबर अपराध जांच में 5,000 से अधिक इच्छुक पुलिस कर्मियों और अधिकारियों के ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है। इस प्रशिक्षण के बाद सामान्य पुलिसकर्मी भी साइबर अपराध की शिकायतों पर कार्रवाई कर सकेंगे। ओपी सिंह ने साइबर अपराध के लिए 29 साइबर पुलिस थाना एसएचओ और सभी जिला नोडल अधिकारियों (डीएसपी और एएसपी) की बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों से साइबर अपराधों की शिकायतों का अधिक तेजी से निपटान करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि इस साल अगस्त तक साइबर क्राइम की 36 हजार 996 शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुई। इनमें से 20 हजार 484 की जांच चल रही है और 15 हजार 057 का निपटारा किया जा चुका है।
एडीजीपी के अनुसार सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संचालित साइबर सेफ पोर्टल का अधिक से अधिक उपयोग करें और साइबर अपराध करने के लिए दुरुपयोग किए जाने वाले फोन नंबर अपलोड करें।
साढे आठ हजार फोन नंबर रडार पर
एडीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि इस साल अगस्त तक इस तरह के 8516 फोन नंबर इस पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं। गुरुग्राम, फरीदाबाद और रेवाड़ी उन शीर्ष तीन जिलों में शामिल हैं, जिन्होंने साइबर अपराध करने में वाले फोन नंबरों को सबसे अधिक संख्या में पोर्टल पर अपलोड किया गया।
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