Edited By Shivam, Updated: 28 Oct, 2020 04:20 PM
आए दिन गिर रहे भू जलस्तर को रोकने लिए हरियाणा सरकार भरसक प्रयासरत है। अब हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों की मूंगफली भी खरीदने का मन बना चुकी है। धान किसानों को कम पानी वाली फसलों की ओर मोडऩे के लिए सरकार ने मूंगफली 5275 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने का...
चंडीगढ़ (धरणी): आए दिन गिर रहे भू जलस्तर को रोकने लिए हरियाणा सरकार भरसक प्रयासरत है। अब हरियाणा सरकार प्रदेश के किसानों की मूंगफली भी खरीदने का मन बना चुकी है। धान किसानों को कम पानी वाली फसलों की ओर मोडऩे के लिए सरकार ने मूंगफली 5275 रूपये प्रति क्विंटल खरीदने का मन बनाया है। यह जानकारी खाद्य एवम् आपूर्ति विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी पीके दास ने दी। यह खरीद मेरी फसल-मेरा ब्योरा के तहत रजिस्ट्रड किसान ही कर पाएंगे जो कि प्रदेश की सात मण्डियों जिसमें हिसार, आदमपुर, सिरसा, कालांवली, ऐलनाबाद, भट्टूकलां और फतेहबाद में की जाएगी।
दास ने बताया कि पिछले साल हमने प्रदेश के किसानों से जो बाजरा खरीदा, उसकी देखरेख करने में जो खर्च आया और फिर वो बेचा, उसमें प्रदेश सरकार को करीब 500-600 रूपये प्रति क्विटंल का नुकसान हुआ। लेकिन उसके बावजूद हरियाणा सरकार किसानों के प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए यह खर्च करती है। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्य जहां बाजरे की खरीद नहीं होती या जहां हमारे यहां से रेट कम होते हैं। उन राज्यों के किसानों और ट्रेडरों पर नजर रखी जाएगी कि कहीं वह लोग हमारे यहां बाजरे को बेचकर प्रदेश को चूना न लगा दें।
दास ने बताया कि मूंग, बाजरा, मक्का, मूंगफली ऐसी फसलें हैं, जिन्हें उगाने में धान के मुकाबले बहुत कम पानी खर्च होता है, जिसके तहत प्रदेश सरकार का यह एक फार्मूला है कि प्रदेश के किसान इन फसलों की ओर प्रभावित हों और प्रदेश में भू जलस्तर बना रहे और हम इस विरासत को अगली पीढ़ी के सुपुर्द कर सकें।