हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी ने मुख्यमंत्री पद को लेकर दिया बड़ा बयान, क्या बिना सेनापति के चुनाव मैदान में उतरेगी कांग्रेस ?

Edited By Isha, Updated: 29 Aug, 2024 05:39 PM

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हरियाणा में गुटों में बिखरी कांग्रेस के नेताओं को एकजुट करने के लिए हाई कमान की ओर से एक ओर पैतरा चला गया है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने मुख्यमंत्री पद को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हरियाणा

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा में गुटों में बिखरी कांग्रेस के नेताओं को एकजुट करने के लिए हाई कमान की ओर से एक ओर पैतरा चला गया है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया ने मुख्यमंत्री पद को लेकर एक और बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हरियाणा में किसी भी चेहरे को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव नहीं लड़ने वाले नेता भी हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा हो सकते हैं। यानि प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के बीच उलझी कांग्रेस इस चुनाव में बिना सेनापति के ही चुनावी मैदान में उतरने का मन बना चुकी है। हालांकि इस दौरान भी भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा गुट में अपने-अपने नेता को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता रहा है।

पहले दिया था यह बयान

दीपक बावरिया ने एक दिन पहले 28 अगस्त को बयान दिया था कि पार्टी की ओर से किसी भी मौजूदा राज्यसभा और लोकसभा के सांसद के विधानसभा के चुनाव में टिकट नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यदि इसके बाद भी कोई सांसद चुनाव लड़ना चाहता है तो उसे इसके लिए हाई कमान से बात करनी होगी।

चुनाव लड़ने पर अड़ी थी सैलजा

दीपक बावरिया की ओर से सांसद को विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिए जाने के बावजूद कुमारी सैलजा विधानसभा चुनाव लड़ने की अपनी बात पर अडिंग थी। सैलजा ने साफ किया था कि वह विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है और मुख्यमंत्री बनना उनके समर्थकों का दवाब है। चुनाव लड़ने के लिए सैलजा ने हाई कमान से मिलकर बात करने संबंधी बयान भी दिया था। 

उम्मीदवारों के नाम पर हो रही थी देरी

हरियाणा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के चलते कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर भी कोई फैसला नहीं हो पा रहा था। इसी के चलते कांग्रेस पहले प्रदेश में चल रही गुटबाजी पर अंकुश लगाना चाहती थी, क्योंकि गुटबाजी के चलते चुनाव के दौरान जहां पार्टी को भीतरघात का खतरा था।

वहीं, समर्थकों का टिकट कटने पर दिग्गज नेता बगावत करने के अलावा दूसरे नेता के उम्मीदवार के वोट काटने का भी काम कर सकते है। ऐसे में पार्टी ने उम्मीदवारों के नाम के ऐलान से पहले गुटबाजी पर रोक लगाने की कोशिश की है। ऐसे में अब उम्मीद जताई जा रही है कि एक से 3 सितंबर के बीच कांग्रेस की ओर से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के नामों की पहली लिस्ट फाइनल की जा सकती है। खैर देखना होगा कि दीपक बावरिया के इस नए बयान के बाद कुमारी सैलजा या फिर भूपेंद्र हुड्डा की ओर से क्या प्रतिक्रिया दी जाती है।

 

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