Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 26 Dec, 2025 09:27 PM
साइबर सिटी गुड़गांव की साइबर पुलिस ने जहां पिछले साल बैंक कर्मचारियों पर शिकंजा कसा था। वहीं इस साल साइबर पुलिस ने विदेशों में बैठकर काम कर रहे साइबर सिंडिकेट्स को निशाना बनाया।
गुड़गांव, (ब्यूरो): साइबर सिटी गुड़गांव की साइबर पुलिस ने जहां पिछले साल बैंक कर्मचारियों पर शिकंजा कसा था। वहीं इस साल साइबर पुलिस ने विदेशों में बैठकर काम कर रहे साइबर सिंडिकेट्स को निशाना बनाया। ये आरोपी भारतीय युवाओं को नौकरी का झांसा देकर साइबर फ्रॉड में धकेल रहे थे। साइबर पुलिस की टीमों ने करीब विदेशों में बैठे एक दर्जन साइबर अपराधियों को डिपोर्ट कराकर गिरफ्तार किया।
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दरअसल, साइबर सिटी गुडग़ांव भारत के सबसे बड़े आईटी हब में से एक है। जहां 500 से ज्यादा बड़ी टेक और फॉर्च्यून कंपनियों के कार्यालय हैं, और यह लगातार विकसित हो रहा है। गुरुग्राम आज देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरी क्षेत्रों में शामिल है। आईटी, उद्योग, रियल एस्टेट और रोजगार के अवसरों ने यहां आबादी की संख्या में लगातार इजाफा किया है। ऐसे में यहां साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ना लाजमी है।
साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाने के लिए पहला साइबर थाना खुला:
साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने को लेकर प्रदेश का पहला साइबर थाना 7 मार्च, 2018 को डीएलएफ फेज-5 में खोला गया। जिसका उद्घाटन उस दौरान के जीएमडीए के सीईओ वी. उमाशंकर ने किया था। यह राज्य में साइबर अपराधों के पंजीकरण और जांच के लिए पहला थाना था, जिससे साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने में मदद मिली। इसका उद्देश्य साइबर क्राइम (ऑनलाइन धोखाधड़ी, हैकिंग) से संबंधित मामलों को दर्ज करना और उनकी जांच करना था, जिससे नागरिकों को राहत मिल सके। यह हरियाणा का पहला साइबर पुलिस थाना था, जिसमें जांच के लिए आधुनिक तकनीक और विशेषज्ञ पुलिसकर्मी शामिल थे। मौजूदा दौर में गुडग़ांव में साइबर क्राइम ईस्ट, वेस्ट, साउथ व मानेसर सहित चार थाना स्थापित किए गए हैं।
विदेशों में बैठकर फ्रॉड करने वालों पर कसा शिकंजा:
सिंडिकेट म्यांमार, दुबई, हांगकांग और अन्य देशों में बैठकर बड़े पैमाने पर फ्रॉड कर रहे थे। साइबर पुलिस ने फ्रॉड ट्रांजैक्शन को ट्रैक कर विदेशों में काम कर रहे सिंडिकेट्स को भी काबू किया। इस साल, विदेशों में साइबर सिंडिकेट्स के लिए काम करने वाले दस से ज़्यादा साइबर अपराधियों को पकड़ा गया। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, पिछले महीने म्यांमार से इन सिंडिकेट्स के लिए काम करने वाले बड़ी संख्या में लोगों को डिपोर्ट किया गया।
राहत भरा रहा यह साल:
2021 में, गुरुग्राम पुलिस को 6.82 करोड़ रुपये के फ्रॉड की शिकायतें मिलीं। यह आंकड़ा साल-दर-साल बढ़ता रहा। 2025 के नवंबर माह तक साइबर फ्रॉड में गंवाई गई रकम 248 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। हालांकि वर्ष 2024 की बजाय वर्ष 2025 लोगों के लिए कुछ राहत भरा रहा। वर्ष 2024 में लोगों के साथ 394 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। साइबर फ्रॉड के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए, गुरुग्राम पुलिस ने अन्य संगठनों के साथ मिलकर इसे रोकने के लिए व्यवस्थित तरीके से प्रयास शुरू किए।
ढाई हजार अपराधियों को किया गिरफ्तार:
भारत सरकार और अन्य देशों की सरकारों द्वारा साइबर फ्रॉड करने वालों पर लगातार कार्रवाई से विदेशों से होने वाले घोटालों में कमी आई है। जहां पिछले साल नवंबर तक साइबर पुलिस ने 1,658 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं इस साल नवंबर तक यह संख्या बढक़र 2,434 हो गई। पिछले साल नवंबर तक 36,702 शिकायतें मिली थीं, जबकि इस साल नवंबर तक यह संख्या 38,121 हो गई है। पिछले साल इस दौरान 1,218 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि इस साल 1,540 केस दर्ज किए गए।
साइबर ठगी रोकने के लिए किया जागरूक:
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने कहा कि साइबर फ्रॉड के मामले अभी भी चिंता का विषय हैं। इन्हें और कम करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जब गुरुग्राम सहित देश भर के कई बैंकों में काम करने वाले कर्मचारी फ्रॉड में शामिल पाए गए, तो साइबर पुलिस ने उन्हें गाइडलाइन जारी कीं। अब बैंक कर्मचारियों पर नजर रखी जा रही है। गुरुग्राम पुलिस, साइबर अपराधों को रोकने और उनसे निपटने के मकसद से, आउटरीच प्रोग्राम, फुट पेट्रोलिंग और स्पेशल इवेंट्स करके लोगों में जागरूकता बढ़ा रही है। वे साइबर अपराधों के प्रकार, उनकी रोकथाम और खुद को कैसे सुरक्षित रखें, इसके बारे में जानकारी देते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए 2025 में ऐसे 1000 से ज़्यादा स्पेशल प्रोग्राम आयोजित किए गए। ये प्रोग्राम स्कूलों, कॉलेजों, कंपनियों, सोशल जगहों, संस्थानों और शॉपिंग मॉल में आयोजित किए गए।