Edited By Yakeen Kumar, Updated: 21 Dec, 2024 06:16 PM
हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने राज्यभर में भू-जल कमी वाले प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम पांच जलाशयों के विकास की महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है।
चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने राज्यभर में भू-जल कमी वाले प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम पांच जलाशयों के विकास की महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है। इस प्रयास का उद्देश्य बारिश के पानी का प्रभावी ढंग से संरक्षण करना और पानी की कमी की बढ़ती संभावना के दृष्टिगत पानी की उपलब्धता की चुनौतियों का समाधान करना है।
श्रुति चौधरी ने इस संबंध में आयोजित बैठक के दौरान जलाशयों के विकास हेतु प्रशासनिक सचिवों और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाए जाने का प्रस्ताव रखा। इसका प्राथमिक उद्देश्य इन जलाशयों के निर्माण के लिए प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक हेक्टेयर पंचायत भूमि की पहचान करने हेतु समन्वय स्थापित करना है।
मानसून जल उपयोग के लिए तकनीकी योजना
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री ने मानसून के मौसम में मारकंडा, टांगरी, घग्गर और यमुना जैसी प्रमुख नदियों से अतिरिक्त जल का दोहन और संरक्षण करने के लिए तकनीकी रूप से व्यवहार्य योजना की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सतत विकास और कृषि आवश्यकताओं के लिए इस जल का उपयोग करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
चैनलों का पुनर्वास और दो वर्षीय कार्य योजना
चौधरी ने फील्ड अधिकारियों को राज्य में सभी चैनलों का निरीक्षण करने और पुनर्वास की आवश्यकता वाले चैनलों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। उन्होंने विभाग के सिंचाई नेटवर्क के अंतिम छोर के लाभार्थियों को प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए दो वर्षीय चरणबद्ध कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।
इन पहलों का समर्थन करने के लिए सिंचाई मंत्री ने राज्य के नियमित बजट के साथ-साथ नाबार्ड, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से सहायता सहित अन्य वित्तपोषण विकल्पों की संभावनाएं तलाशने का भी आग्रह किया। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।