गांवों को सुरक्षित रखने का बड़ा माध्यम बनेगी ग्रामीण सुरक्षा ऐप: डॉ उषा गुप्ता

Edited By Manisha rana, Updated: 10 Sep, 2021 02:26 PM

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कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में एकाएक पॉजिटिव केसों की बढ़ोतरी ने प्रदेश सरकार के खूब हाथ पांव फुलाए थे। जिसके चलते हरियाणा के सभी गांवों का सर्वे किया गया...

चंडीगढ़ (धरणी) : कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में एकाएक पॉजिटिव केसों की बढ़ोतरी ने प्रदेश सरकार के खूब हाथ पांव फुलाए थे। जिसके चलते हरियाणा के सभी गांवों का सर्वे किया गया था। सभी की बेसिक जांच करके आईएलआई केसों को ढूंढा गया। जिसके फलस्वरूप 15-20 दिनों में ही ग्रामीण क्षेत्र में पॉजिटिविटी 6 फ़ीसदी से 0 फ़ीसदी पर आई। लेकिन डाटा मैनुअल होने के कारण प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। रिपोर्ट आने में भी काफी दिक्कत हो रही थी और देरी भी हो रही थी। इस चीज को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार करने का फैसला किया था। जिसके चलते मई 2021 में हरियाणा ग्रामीण स्वास्थ्य सुरक्षा प्रोग्राम के तहत ग्रामीण सुरक्षा ऐप लांच की गई। इस बारे में आईडीएसपी मे डायरेक्टर एवं डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज डॉ उषा गुप्ता से विशेष बातचीत की गई और जाना गया कि आख़िर इस सुरक्षा ऐप का इस्तेमाल कैसे होगा और इसका लाभ ग्रामीण समाज को कैसे होगा ?

डॉ गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हर आशा, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर को यह ऐप डाउनलोड करनी है। अगर किसी कारणवश तीसरी लहर आती है और ग्रामीण क्षेत्रों की तरफ बढ़ती है तो इस ऐप के जरिए वही एक्टिविटी रिपीट की जाएंगी। आशा हर घर में जाकर परिवार के सदस्यों की जांच करेगी। उनका सर्वे करेगी और आईएलआई केसों को डिटेक्ट करेगी और वहां के वीआईसी सेंटर्स में रेफर करेगी। इस प्लेटफार्म के जरिए एक और जहां लोगों को इसका लाभ होगा। वहीं स्वास्थ्य विभाग को भी इस काम में आसानी भी मिलेगी और जल्द से जल्द हम समस्या का जल्द निदान कर सकेंगे। 

गुप्ता ने बताया इस ऐप में हमने वैक्सीनेशन का भी प्रोविजन रखा है। जब आशाएं घरों में जाएंगी, तो वहां परिवार के वैक्सीनेशन का डाटा भी देखेंगी। अगर घर में कोई अनवैक्सीनेशन सदस्य पाया गया तो वही ऑन द स्पॉट उसे वैक्सीनेशन भी देने का सिस्टम रहेगा। डॉ उषा गुप्ता ने बताया कि हरियाणा में वैक्सीनेशन की ड्राइव भी काफी अच्छी चल रही है। एक अच्छा बड़ा टारगेट हम अचीव कर चुके हैं। प्रदेश में आशाओं, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर, एएनएम सभी को इस काम में शामिल किया गया है।

इस मौके पर डॉ उषा गुप्ता ने बताया कि इस बार का सिरो सर्वे पिछले दोनों सिरो सर्वे से कुछ अलग होगा। इसमें विशेष तौर पर उम्र की तीन कैटेगरी शामिल की जाएंगी। जिसमें 6 से 9 साल की उम्र के बच्चों के 3600 सैंपल, 10 से 17 साल की उम्र के 11,000 सैंपल तथा 18 से ऊपर की उम्र के 22000 सैंपल लिए जाएंगे। इस सर्वे में ग्रामीण आंचल और शहरी क्षेत्रों के सैंपल 60-40 के अनुपात से शामिल किए जाएंगे। पहले सर्वे एलाइजा मशीनों से किये गए। लेकिन इस बार सीआईएलए मशीन सैंपल की जांच करेंगे। स्पाइक प्रोटीन की जांच होगी। इस बार सिरो सर्वे में वैक्सीनेशन का डाटा इस्तेमाल किया जाएगा।जिससे हमें पता चलेगा कि कोविड की फर्स्ट डोज के बाद कितना में पॉजिटिविटी मिली है। दोनों डोज के बाद कितनों में मिली? कोवा शील्ड और को वैक्सीन के बाद कितनों में मिली ? इस बार सैंपल की संख्या पहले से डबल है। इसलिए टीम भी बड़ी बनाई गई है।

डॉ गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की देखरेख में यह पूरा प्रोग्राम किया जाएगा। जिलों में 3 दिनों के अंदर सैंपल इकट्ठे करके हमने भेजने के लिए बोला है। जोकि पंचकूला की लैब सैंपल की जांच के लिए चिन्हित की गई है। हर जिले में कोरोना के पॉजिटिव केसों की संख्या को देखते हुए अलग-अलग संख्या में सैंपल इकट्ठे किए जाएंगे। इस सर्वे के बाद तीसरी लहर के प्रति तैयारियां करने में विभाग को काफी लाभ मिलेगा। 18 साल से अधिक उम्र और कम उम्र के कितने लोगों में एंटीबॉडीज बन चुकी हैं? इससे इसका भी पता लग जाएगा। 

गुप्ता ने बताया कि हेड क्वार्टर पर मेरी आईडीएसपी की टीम मॉनिटरिंग कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी राजीव अरोड़ा रोजाना हमसे इनपुट लेते रहते हैं। स्टेट आरआरटी की टीम का गठन किया गया है। जिसमें प्राइवेट एवं सरकारी मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन के सीनियर प्रोफेसर एचओडी और अन्य प्रोफेसर शामिल किए गए हैं। मेरे हेडक्वार्टर के आईडीएसपी की टीमें भी फील्ड में जा रही है। इस तरह से बड़े स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। हम हर टीम की जियो लोकेशन देख सकते हैं। सारा सिस्टम डिजिटल होगा। एक डैशबोर्ड होगा। जिसके जरिए जिला अपनी मॉनिटरिंग कर सकता है और हेड क्वार्टर भी सारी चीजें देख सकता है। पंचकूला की लैब जिला सिविल अस्पताल की देखरेख में काम करेगी। टेक्निकल सपोर्ट के लिए पीजीएमएस रोहतक मेडिकल कॉलेज के डॉ धूप चौधरी, स्टेट नोडल अधिकारी के साथ कम्युनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉक्टर विनोद इसकी सुपरविजन कर रहे हैं।

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