Edited By Manisha rana, Updated: 24 Jan, 2021 10:16 AM
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों का आंदोलन स्थल से पकड़ा जाना पूरी तरह से सरकार की खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न अंकित करती है। सरकार का गुप्तचर तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका...
चंडीगढ़ : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों का आंदोलन स्थल से पकड़ा जाना पूरी तरह से सरकार की खुफिया एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न अंकित करती है। सरकार का गुप्तचर तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है। उन्होंने कहा कि यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति कोई भी कार्रवाई कर देता तो सरकार इसे भोले-भाले किसानों के माथे मंढ़ते हुए उन्हें गुनाहगार साबित कर देती। सैलजा ने पंजाब केसरी से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि जिस तरह से करीब 2 माह से भीषण ठंड में देश के किसान अपनी खेती बचाने के लिए आंदोलन की राह पर हैं और सरकार उन्हें एक तरफ तो बार बार वार्ताओं के लिए बुला रही है तो वहीं दूसरी ओर किसान बिलों को किसानों के हितों में बता रही है। इससे साफ है कि सरकार किसानों को वार्ताओं के नाम पर गुमराह करते हुए उनके हितों पर कुठाराघात कर रही है।
गणतंत्र पर्व पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर परेड निकालने के संदर्भ में किसानों का समर्थन करते हुए कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि चूंकि गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इसे मनाने का सभी को हक है और ऐसे में यदि किसान ट्रैक्टर परेड निकालने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं तो सरकार को भी किसानों का सहयोग करना चाहिए और किसानों के इस शांतिपूर्ण ढंग से निकाली जाने वाली परेड का पूरी तरह से समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि करीब 2 माह से लाखों की संख्या में किसान शांतिपूर्ण ढंग से बैठ सकते हैं तो फिर सरकार को ऐसी क्या आशंका है कि वे दिल्ली में शांति भंग कर सकते हैं? कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार को सुझाव दिया कि सरकार को किसानों पर अपना शक करने की बजाए अपनी गुप्तचर एजैंसियों को सतर्क रखना चाहिए ताकि कोई भी असामाजिक तत्व किसानों के इस प्रदर्शन में घुस कर माहौल को खराब न कर दे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा ने कहा कि जिस तरह से गणतंत्र दिवस पर विभिन्न जिलों में सरकार के मंत्रियों द्वारा ध्वजारोहण किए जाने के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को किसान आंदोलन के चलते बदल दिया गया और कई जिलों में मंत्रियों के स्थान पर अब प्रशासनिक अधिकारी ध्वजारोहण करेंगे उससे साफ जाहिर है कि सरकार के अंदर एक अजीब सा भय पैदा हो गया है और प्रदेश सरकार के मंत्री व विधायक जनता का विश्वास खो चुके हैं और जनता के बीच जाने से डर रहे हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को नैतिकता के आधार पर इस्तीफे दे देने चाहिए।