Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 10 May, 2024 04:19 PM
साल 2020 में गांव सहरावन के पास कैब ड्राइवर को बंधक बनाकर अपहरण करने के मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के दिवान की कोर्ट ने चार आरोपियों को सबूतों एवं गवाहों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में एक आरोपी को अदालत...
गुड़गांव, (ब्यूरो): साल 2020 में गांव सहरावन के पास कैब ड्राइवर को बंधक बनाकर अपहरण करने के मामले में सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के दिवान की कोर्ट ने चार आरोपियों को सबूतों एवं गवाहों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में एक आरोपी को अदालत पहले ही भगाेाड़ा घोषित कर चुकी है।
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एडवाेकेट हेमंत शर्मा खेड़कीदौला ने बताया कि 5 जून 2020 को पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली थी कि गांव सहरावन के पास एनएच-8 से कुछ बदमाशों ने बलीनो गाड़ी लूट ली है। आरोपियों ने ड्राइवर को बंधक बना लिया और वह उसे रेवाड़ी की तरफ ले गए हैं। जब पुलिस जांच करते हुए रेवाड़ी पहुंची तो यहां पीड़ित मिला। पीड़ित राजेंद्र ने पुलिस को शिकायत देकर बताया था कि वह गांव पुखरपुर का रहने वाला है। 4 जून की रात करीब 11 बजे वह गांव खोह से अपने घर पुखरपुर गाड़ी से जा रहा था। जब वह गांव सहरावन के पास बने फ्लाईओवर के नीचे से पचगांव सर्विस रोड की तरफ जाने लगा तो रोड किनारे बैठे युवकों ने उनकी गाड़ी पर पत्थर मार दिया।
इस पर उन्होंने गाड़ी रोककर जैसे ही खिड़की खोली तो कुछ युवकों ने उन पर हमला कर दिया और गाड़ी में बंधक बना लिया। मारपीट कर उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी और उनसे मारपीट करने के बाद 70 हजार रुपए लूट लिए। आरोपियों को जब भी वह छोड़ने के लिए कहता तो आरोपी उसे पीटते। इसी दौरान एक आरोपी का नाम वह विकास ले रहे थे। आरोपी उसे पीटते हुए रेवाड़ी के साबी नदी पुल के पास ले गए और झाड़ियों में उतारकर गोली मारने की बात कहने लगे। इसी दौरान वह मौका पाकर वहां से भाग गए और एक ढाबे पर शरण ली जहां से उसे अस्पताल ले जाया गया। गुड़गांव पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया।
जांच के दौरान पुलिस को 6 जून 2020 को पता लगा कि लूटी गई गाड़ी जली हालत में रेवाड़ी के पिथनवास गांव में खेतों में खड़ी है। इस जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि इस गाड़ी की मदद से बदमाशों ने डबल मर्डर को अंजाम दिया है जिसके आरोपी रेवाड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। जांच के दौरान पुलिस को पता लगा कि वारदात को अंजाम गांव सहरावन के रहने वाले हितेश उर्फ दीपक उर्फ बनवारी, सहरावन की ढाणी मानेसर के रहने वाले नितेश उर्फ पंजा, रेवाड़ी निवासी मनीष, रितिक सैनी उर्फ मोनू उर्फ प्रवीण तथा आकाश ने दिया है। मामले में पुलिस ने नितेश, मनीष, रितिक और आकाश को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की। वहीं, हितेश को पुलिस पकड़ नहीं पाई। मामला अदालत में चला जहां से हितेश को भगोड़ा घोषित कर दिया गया। वहीं, अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत पेश किए उनसे चारों आरोपियों पर कोई भी आरोप साबित नहीं हो पाया जिसके बाद अदालत ने उन्हें किडनेपिंग और लूट के मामले में बरी कर दिया है।