पशुओं को गर्मी में लू से बचाने के लिए पशुपालक बरते एतिहात, पीने का पानी ठंडा रखना अंत्यत जरूरी

Edited By Isha, Updated: 24 Apr, 2024 05:05 PM

animal owners should take precautions to protect animals from heat wave

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि आने वाला समय गर्मी व लू का है। उपायुक्त मोहम्मद इमरान के मागदर्शन में पशुओं को गर्मी में लू

जींद (अमनदीप पिलानिया): पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि आने वाला समय गर्मी व लू का है। उपायुक्त मोहम्मद इमरान के मागदर्शन में पशुओं को गर्मी में लू से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा आवश्यक दिशा- निर्देश जारी कर दिये गए।

उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि पशुओं की उत्पादन क्षमता को बनाए रखने व गर्मी की लू के कारण बीमार न होने से बचाने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा जो आदेश दिये जाते है उनकी निरन्तरता पालना करें। 

उपनिदेशक डॉ. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि पशुओं का शेड खुला एवं हवादार होना चाहिए तथा शेड की छत ऊंची होनी चाहिए, अगर शेड की छत टीन की बनी है तो उस पर पराली आद की परत डाल देनी चाहिए ताकि शेड के अन्दर का तापमान कम रहे। पशुओं के शेड की दिशा पूर्व से पश्चिम की तरफ होनी चाहिए।

पशु शेड के बाहर खुले में केवल घने छायादार वृक्ष के नीचे ही पशुओं को बांधे। पशुओं के शैड में पंखे व डेर्जट कुलर का इस्तेमाल  किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि पशुओं को कम से कम दो बार जोहड़ आदि में ले जाना चाहिए और पुशओं को पीने का पानी थोड़ा ठंडा पिलाना चाहिए।

छोटे पशुओं के लिए ध्यान रखा जाए कि पानी की होदी की ऊंचाई कम होनी चाहिए अन्यथा उसके लिए खुले मुंह का बर्तन में पानी पीने की व्यवस्था करें। गांव के सार्वजनिक स्थलों पर स्थित पानी की होदियों में पशुओं के पीने के लिए स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें। गर्मीयों में हरे चारे की कमी रहती है इसलिए उपलब्धता सुनिश्चित कर लेनी चाहिए तथा हरे चारे का संरक्षण कर साईलेज को प्रयोग भी किया जा सकता है। 

उन्होंने बताया कि पशुओं को आहार सुबह जल्दी व सांय को या रात को देना चाहिए। पशुओं को संतुलित व पौष्टिक आहार देना चाहिए तथा आहार में खनिज मिश्रण का प्रयोग अवश्य करें। उन्होंने बताया कि गर्मियों में भैंस मद के दौरान केवल तार देती है व बोलती नहीं है इसलिए सुबह व सांय को पशु मद में है या नहीं है इसकी जांच अवश्य करवाएं।

विदेशी नस्ल या संकर प्रजाति की गायों में इस मौसम में दुध उत्पादन में भारी कमी आ जाती है इसलिए उन्हें उष्मीय तनाव से बचाने के लिए विशेष ध्यान देना अति आवश्यक है। यदि किसी पशु को लु लग जाए तो पशु पालक तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सा केन्द्र में सम्पर्क कर सकते है और अपने पशु का इलाज करवा सकते है। 

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