हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण कानून के तहत पहला मामला फरीदाबाद में दर्ज किया गया

Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 05 Dec, 2022 11:14 PM

first case registered in faridabad under haryana

हरियाणा विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 के अंतर्गत एक मामला (प्राथमिकी ) फरीदाबाद ज़िले के एसजीएम नगर थाने में दर्ज किया गया है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 के अंतर्गत एक मामला (प्राथमिकी ) फरीदाबाद ज़िले के एसजीएम नगर थाने में दर्ज किया गया है। इस कानून के अंतर्गत दर्ज यह राज्य में पहला केस है। मीडिया में ऐसा रिपोर्ट किया गया कि उक्त अधिनियम (कानून ) प्रदेश में गत 8 जून, 2022 से प्रभावी है। इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने हरियाणा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव आदि को लिखकर स्पष्ट किया है कि उक्त कानून  की धारा 1 (2 ) के अंतर्गत आज तक राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा इस कानून को विधिवत रूप से प्रदेश में लागू करने सम्बन्धी गजट नोटिफिकेशन ही जारी नहीं की गयी है।

 

हेमंत ने आगे बताया  कि इस वर्ष हरियाणा  प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र  दौरान  हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक (बिल), 2022 सदन द्वारा  पारित किया गया था  जिसे 7 अप्रैल 2022  को  प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय  की स्वीकृति  प्राप्त हो गयी थी  जिससे उक्त  विधेयक  अधिनियम (कानून)  बन गया एवं 12  अप्रैल 2022  को  इसे (अंग्रेजी में)  हरियाणा सरकार के सरकारी गजट में  प्रकाशित भी कर दिया गया. यह वर्ष 2022  का हरियाणा अधिनियम संख्या 16 है। इसके बाद 8 जून 2022  को इस अधिनियम  का   हिंदी अनुवाद का प्रदेश सरकार के गजट (राजपत्र)  में प्रकाशन किया गया जो   हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 की धारा 4 (क ) (क) के  अंतर्गत किया जाता  है.  प्रदेश विधानसभा द्वारा बनाये गये  कानून  की सर्वप्रथम जारी अंग्रेजी भाषा  में गजट नोटिफिकेशन होने  के  बाद उसका  हरियाणा  की राजभाषा अर्थात  हिंदी में अनुवाद कर उसकी भी गजट अधिसूचना प्रकाशित की जाती  है जो उक्त 1969 कानून के अनुसार अनिवार्य  है।  

 

बहरहाल, हेमंत का कहना है कि हालांकि  सामान्यत:  विधानसभा सदन द्वारा पारित विधेयक को राज्यपाल की स्वीकृति प्राप्त होने के  बाद  अधिनियम   के तौर पर गजट में प्रकाशन की तारीख से  ही वह  कानून बन कर उसी तिथि से लागू हो जाता है और  आम तौर पर हर कानून  में ऐसा स्पष्ट उल्लेख भी होता है कि वह कानून तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगा. हालांकि चूँकि हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022   के सम्बन्ध में  ऐसा नहीं है   क्योंकि  इसकी   धारा 1 (2 ) के अनुसार यह  उस तिथि  से लागू होगा   जो कि  राज्य  सरकार अर्थात इस कानून के प्रशासनिक विभाग अर्थात गृह विभाग   द्वारा निर्धारित  कर एक अलग  नोटिफिकेशन जारी कर  नोटिफाई   की जायेगी. आज तक उक्त धारा 1 (2 ) के अंतर्गत ऐसा कोई नोटिफिकेशन हरियाणा सरकार के गजट  में प्रकाशित नहीं की गयी है. ध्यान देने योग्य है कि 8 जून 2022  उपरोक्त कानून के प्रदेश में प्रभावी होने की तिथि /तारीख नहीं है एवं इस दिन केवल उपरोक्त कानून का हिंदी अनुवाद ही प्रदेश सरकार के गजट में प्रकाशित किया गया जैसी  हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के अंतर्गत अनिवार्यता है। हाल ही में 1 दिसंबर 2022 को  हरियाणा मंत्रिपरिषद (कैबिनेट ) की बैठक में उक्त अधिनियम की धारा 19 के  अंतर्गत प्रदेश सरकार द्वारा बनाये जाने वाले हरियाणा  विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियमों, 2022 को भी कैबिनेट  की स्वीकृति प्रदान की गयी है. यह नियम भी विधिवत रूप से प्रदेश में  तभी लागू एवं प्रभावी होंगे जब पहले उपरोक्त  हरियाणा  विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 को लागू किया जाएगा। 

 

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