Edited By Manisha rana, Updated: 10 Apr, 2025 08:52 AM

जिले के गांव कुमासपुर और दीपालपुर के खेतों में बुधवार दोपहर भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई।
सोनीपत (ब्यूरो) : जिले के गांव कुमासपुर और दीपालपुर के खेतों में बुधवार दोपहर भीषण आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। खेतों में तैयार खड़ी गेहूं की फसल और फांस ने अचानक आग पकड़ ली। कुछ ही पलों में तेज लपटों ने कई एकड़ खेतों को चपेट में ले लिया। आग पर काबू पाने के लिए गांव के किसान खुद मोर्चा संभालते नजर आए। उन्होंने 15 से ज्यादा ट्रैक्टरों की मदद से खेतों की जुताई कर आग की सीमा को रोकने की भरपूर कोशिश की।
आग की सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। दोपहर करीब 3 बजे गांव कुमासपुर के बाहर खेतों में आग लगी थी। खेतों में धुआं उठता देख किसान ट्रैक्टर और पानी के टैंकर लेकर मौके पर पहुंचे। गांव के अनेक लोग बाल्टी, पाइप, कुदाल आदि लेकर पहुंच गए और अपने स्तर पर आग बुझाने लगे। किसानों ने तुरंत दमकल विभाग को कॉल करके घटना की सूचना दी। कुछ ही देर में तीन दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग की लपटें काफी दूर तक फैल चुकी थीं, जिससे आसपास के खेतों को भी नुकसान हुआ। गांव कुमासपुर के कृषक कृष्ण कुमार की खेत में खड़ी तीन एकड़ गेहूं की फसल पूरी तरह जलकर राख हो गई। आग से हुए इस नुकसान ने किसानों की मेहनत और उम्मीदों को झुलसा कर रख दिया है।
मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की ओर से राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और नुकसान का जायजा लिया। संबंधित पटवारी और कृषि विभाग के अधिकारियों को भी नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसानों ने बिलखते हुए बताई पीड़ा
कृष्ण कुमार ने बिलखते हुए बताया कि हमने सर्दी-गर्मी सहकर यह फसल तैयार की थी। अब जब फसल कटाई के लिए तैयार थी तो अचानक लगी आग ने सब कुछ तबाह कर दिया। सरकार से बस यही उम्मीद है कि नुकसान का मुआवजा जल्द मिले।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
इस घटना के बाद प्रशासन ने अन्य गांवों में भी सतर्कता बरतने और नियमित निगरानी के निर्देश दिए हैं। सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वह गर्मियों में फसल सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करें और किसी भी प्रकार की घटना की तुरंत सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करें।
आगजनी की घटनाओं से डरे किसान
हाल ही में जिले के अन्य क्षेत्रों में भी फसल जलने की घटनाएं सामने आई हैं। जिससे किसानों में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है। हर साल गर्मियों के मौसम में खेतों में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया है।
आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं
हालांकि आग लगने के कारण का अभी तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट को संभावित कारण माना जा रहा है। खेतों के पास से गुजर रही बिजली की लाइनें और धूप व तेज हवा भी आग के फैलाव में सहायक रही होंगी।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
घटना के बाद किसानों ने प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार थी और आग लगने से उनकी महीनों की मेहनत और लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सरकार को खेतों के पास सुरक्षा दीवारें, बिजली लाइन का नियमित निरीक्षण और निगरानी तंत्र विकसित करना चाहिए।
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