Edited By Shivam, Updated: 11 Sep, 2020 11:08 PM
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद भारतीय किसान यूनियन ने संसद कूच का ऐलान कर दिया है। हरियाणा के जींद जिले में भारतीय किसान यूनियन की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार तीन अध्यादेशों की बजाय फसल पर एमएसपी और...
जींद (जसमेर मलिक): हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद भारतीय किसान यूनियन ने संसद कूच का ऐलान कर दिया है। हरियाणा के जींद जिले में भारतीय किसान यूनियन की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया कि केंद्र सरकार तीन अध्यादेशों की बजाय फसल पर एमएसपी और भुगतान की गारंटी का कानून आगामी संसद के सत्र में पास करे, वरना किसान बड़े आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि हरियाणा, पंजाब व उत्तर प्रदेश से 50-50 किसान संसद तक कूच करेंगे, अगर रोकने की कोशिश की तो किसान गिरफ्तारियां देंगे। हालांकि अब विरोध स्वरूप हरियाणा से 5 लाख पत्र पीएम नरेंद्र मोदी को लिखे जाएंगे, जिनमें लिखा जाएगा कि किसानों को कंपनी राज नहीं बल्कि एमएसपी और भुगतान की गारंटी चाहिए।
किसान नेता रामफल कंडेला ने कहा कि कल कुरुक्षेत्र में हुई बर्बरता की किसान निंदा करते हैं, किसान तीनों कृषि अध्यादेशों की खिलाफ हैं, लेकिन इन अध्यादेशों पर कृषि मंत्री, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री और हरियाणा के बीजेपी अध्यक्ष बढ़ा चढ़ा कर बातें करते हैं। लेकिन असल में किसानों को बरगलाने का काम कर रहे हैं। कंडेला ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार कोरोना के बहाने अगर धारा 144 का फायदा उठाकर किसानों को दबाना चाहती है तो सरकार गलतफहमी में न रहे क्योंकि किसान पीछे नहीं हटने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार जितने मर्जी चाहे मुकदमे बना ले हमें कोई फर्क नहीं, हमें सरकार गांरटी दे कि किसानों की फसल का भुगतान और न्यूनतम समर्थन मूल्य कम्पनियां देगी और उनकी जवाबदेही तय करे तो किसान भी राहत महसूस करेंगे, क्योंकि कम्पनियां अगर फसल लेकर भाग गई तो उनका जिम्मेदार कौन होगा। उन्होंने कहा की हम नहीं चाहते कि कोरोना के नियम टूटे लेकिन हम मजबूर होकर कदम उठाएंगे।