रोजगार बिल के जरिए युवाओं का दिल जीतने की कवायद! अब नया रोजगार बिल खट्टर का मास्टर स्ट्रोक

Edited By Isha, Updated: 03 Mar, 2021 10:28 AM

exercise to win the hearts of the youth through employment bill

हरियाणा सरकार की ओर से 5 मार्च को होने वाले बजट सत्र पर बेशक हर वर्ग की निगाहें टिकी हुई है। चाहे युवा वर्ग हो अथवा महिलाएं हो या फिर किसी भी व्यवसाय से जुड़ा व्यक्ति हो, हर कोई इस बजट से आस लिए हुए है लेकिन बजट सैशन से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री...

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): हरियाणा सरकार की ओर से 5 मार्च को होने वाले बजट सत्र पर बेशक हर वर्ग की निगाहें टिकी हुई है। चाहे युवा वर्ग हो अथवा महिलाएं हो या फिर किसी भी व्यवसाय से जुड़ा व्यक्ति हो, हर कोई इस बजट से आस लिए हुए है लेकिन बजट सैशन से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मंगलवार को जिस तरह से एक नए उत्साह से लबरेज दिखे और उन्होंने बजट से पहले आम जनमानस के लिए कुछ तोहफे देने का सिलसिला शुरू करते हुए यह जरूर दर्शा दिया कि इस बार बजट कुछ अलग ही होगा।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि मुख्यमंत्री द्वारा कई योजनाओं में बंपर डिस्काउंट की बात कहना और युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत रोजगार बिल के जरिए युवाओं के लिए रोजगार का एक बड़ा द्वार भी खोला है और यह बिल सरकारी नौकरियों में मैरिट प्रथा के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से युवाओं को रिझाने का एक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में आज ही राज्यपाल ने प्रदेश सरकार के इस बिल को मंजूरी भी दे दी है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्शाए गए कड़े स्टैंड ने भी कई उन पहेलियों के अर्थांे को साबित कर दिया जो कोरोना काल के दौरान शराब घोटाले के रूप में जांच को लेकर गाहे बगाहे चर्चाओं में थी। इसके अलावा रजिस्ट्रियों में हुई अनियमितताओं को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अपना एजैंडा क्लीयर करते हुए साफ कर दिया कि घोटाला कोई भी हो मगर दोषी न तो भाजपा सरकार में बख्शे गए और न ही बख्शे जाएंगे। हमारी सरकार ने ऐसे मामलों में तुरंत एक्शन लिया है।

रोजगार बिल सरकार के लिए साबित हो सकता है मील का पत्थर
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की आज की प्रैस वार्ता को लेकर राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि मुख्यमंत्री ने एक बार फिर जहां अपनी नीयत और नीति को स्पष्ट कर दिया है तो वहीं आज अपने बदले तेवरों के साथ विपक्ष को भी आंकड़ों के जरिए घेरने का प्रयास किया। वहीं पर्यवेक्षक सरकारी नौकरियों में पारदॢशता की नीति के बाद अब निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत रोजगार प्रदेश के युवाओं को देने संबंधी बिल पारित होने को भी सरकार के लिए आने वाले समय में एक बड़ा मील पत्थर बता रहे हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने आज अपनी घोषणाओं से प्रदेश के लोगों का बजट से पहले ही दिल जीतने का प्रयास किया है। पिछली बार जहां प्रदेश का बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि व खेल आदि पर अधिक फोकस रहा था तो इस बार यह बजट कृषि, स्वास्थ्य और अंत्योदय योजनाओं पर अधिक आधारित रहने की संभावना है। बजट सैशन 5 मार्च से शुरू होना है और बजट सैशन को लेकर मुख्यमंत्री की ओर से सभी सांसदों व विधायकों के अलावा विभिन्न तबकों के लोगों से रायशुमारी कर बजट तैयार किया गया है। पिछली बार 1 लाख 42 करोड़ रुपए का बजट था, जो इस बार कुछ बढऩे की संभावना है।


सुशासन व पारदॢशता के लक्ष्य को फिर किया पुख्ता
बजट के साथ ही मुख्यमंत्री के तेवर भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर भी सख्त नजर आए और पिछले 6 वर्षों से व्यवस्था परिवर्तन की डगर पर आगे बढ़ रहे मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अपने मुख्य लक्ष्य सुशासन व पारदॢशता को आज भी पुख्ता करने का प्रयास किया। विशेष बात ये है कि मुख्यमंत्री ने खुले दिल से जहां सरकार की कुछ कमियों को स्वीकार किया तो वहीं यह भी स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार के मामले में न तो समझौता किया और न ही करेंगे। साथ ही उन्होंने विपक्षी नेताओं को भी इस बात के साथ करारा जवाब देने का प्रयास किया कि गड़बडिय़ां पहले भी होती रही हैं और अब भी होती हैं, फर्क सिर्फ इतना है कि पहले गड़बडिय़ों को दबाते थे और हम अब उनको सुधारते हैं। उन्होंने शराब घोटाले का उदाहरण देते हुए 1996 से 1998 के बंसीलाल की सरकार में की गई शराबबंदी का अनुभव भी सांझा किया। मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव सांझा करते हुए जिक्र किया कि शराबबंदी समस्या का समाधान नहीं है। शराबबंदी की तो समस्याएं विकराल रूप में सामने आई, ऐसे में शराबबंदी खोलनी पड़ी।

भ्रष्टाचार के खिलाफ 6 सालों से जारी हैं प्रयोग
उल्लेखनीय है कि अक्तूबर 2014 के विधानसभा चुनाव में 47 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा ने अपने बलबूते पर हरियाणा में पहली बार सरकार बनाई। भाजपा हाईकमान की ओर से मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। तभी से हरियाणा को अतीत से बाहर लाकर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत सी.एम. खट्टर ने प्रयोगों का जो सिलसिला शुरू किया वह लगातार आज भी जारी है। भले ही उनके अब तक के 6 वर्ष के कार्यकाल के दौरान कई घोटाले उजागर हुए मगर खुद मुख्यमंत्री ने उन घोटालों का संज्ञान लेकर उन पर व्यवस्था का शिकंजा कसा और भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया। मुख्यमंत्री ने हरियाणा में पहले नौकरियों में सिफारिश और मेहनबानी की व्यवस्था को बंद किया। जमीन की चेंज ऑफ लैंड यूज के नाम पर होने वाले गोरखधंधे को बंद करने के लिए सी.एल.यू. को ऑनलाइन किया गया। तबादला नीति को पारदर्शी बनाया गया तो भ्रष्टाचार पर रोक के लिए सी.एम. विंडो भी स्थापित की। इसी कड़ी में हरियाणा की सरकारी योजनाओं और सुविधाओं को ऑनलाइन करके जनता के धन, समय और ऊर्जा की बचत करने का काम किया गया।

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