कांग्रेस ने देश के नागरिकों के संवैधानिक एवं लोकतान्त्रिक अधिकारों का दमन करते हुए थोपी थी इमरजैंसी: खट्टर

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Jun, 2025 08:20 PM

congress imposed emergency by suppressing constitutional rights

भाजपा ने बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर आपातकाल दिवस को बड़े ही विशेष तौर पर संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया। इसके तहत जहां अनेक स्थानों पर कार्यक्रम हुए तो वहीं भाजपा ने इस दिवस के दौरान आज की पीढ़ी को देश में लगी इमरजैंसी को अपने अंदाज में बताया।

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): भाजपा ने बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर आपातकाल दिवस को बड़े ही विशेष तौर पर संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया। इसके तहत जहां अनेक स्थानों पर कार्यक्रम हुए तो वहीं भाजपा ने इस दिवस के दौरान आज की पीढ़ी को देश में लगी इमरजैंसी को अपने अंदाज में बताया। इसी प्रकार केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी दिल्ली सरकार द्वारा आपातकाल ‘संविधान हत्या दिवस’ पर आयोजित समारोह में पहुंचे। इस समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर दोहरे लक्ष्यों को साधते नजर आए। 

इसके तहत जहां उन्होंने आपातकाल के अतीत के ‘स्याह पन्नों’ को आधार बनाते हुए देश में खासकर युवाओं में भाजपा के जरिए ‘उम्मीद’ की अलख जगाने का प्रयास किया तो वहीं उन्होंने अपने संबोधन के जरिए भी अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि अब अंधेरे का कोई वजूद नहीं है क्योंकि सूरज उगता रहेगा और वर्तमान की मानिंद कमल खिलता रहेगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का भी मानना है कि आपातकाल के 50 साल पर भाजपा ने जहां एक विशेष रणनीति के तहत देशभर में कार्यक्रम किए हैं तो वहीं केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मास्टर स्ट्रोक लगाते हुए दिखाई दिए हैं जिससे भाजपा कहीं न कहीं इस कार्यक्रम को आधार बनाकर अपने ‘लक्ष्य’ को भेदती नजर आई। 

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यही नहीं दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित इस समारोह के दौरान आपातकाल पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई गई और इस प्रदर्शनी को लेकर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी वीडियो संदेश जारी कर इमरजैंसी के वक्त की यादों को ताजा करने का प्रयास किया है। इस प्रदर्शनी में आपातकाल के दौर में छपी खबरों की कतरनों के साथ साथ उस समय के दुर्लभ चित्र भी प्रदर्शित किए गए थे। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1975 में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने नागरिकों के संवैधानिक एवं लोकतान्त्रिक अधिकारों का दमन करते हुए भारत पर इमरजैंसी थोप दी थी।

अतीत के पन्नों को खट्टर ने इस अंदाज में किया प्रस्तुत

गौरतलब है कि भाजपा द्वारा बुधवार को देशभर में आपातकाल दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम किए गए। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में दिल्ली सरकार द्वारा भी नई दिल्ली स्थित सैंट्रल पार्क में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर मुख्य रूप से उपस्थित हुए जबकि अध्यक्षता दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने की। इस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने चिर परिचित अंदाज में अतीत के पन्नों को खंगालते हुए नया संदेश भी छोड़ गए। उन्होंने कहा कि कई बार जो विपत्तियां, आपत्तियां होती हैं या संकटकाल आते हैं तो वे अपने साथ कुछ न कुछ नए अवसर भी लेकर आते हैं। 

उन्होंने कहा कि मैं अवसर की ही बात बता रहा हूं। आपातकाल के दौरान जनसंघ को तो भंग कर दिया गया और नेताओं को जबरन इसलिए जेलों में ठूंस दिया गया क्योंकि वे सभी भारत माता की जय बोल रहे थे। खट्टर ने बताया उस दौरान जेल में ही जनता पार्टी का गठन हुआ और आपातकाल के बाद जब चुनाव हुए तो जनता पार्टी शासन में आई मगर दुर्भाग्यपूर्ण किन्हीं बातों को लेकर जनसंघ में टूट हो गई और 1980 में आज की भाजपा का जन्म हुआ। ये अवसर हमारे लिए आया मगर उस वक्त काफी बहस छिड़ी कि जनसंघ को ही फिर से खड़ा कर दिया जाए मगर उन्हीं पुराने लोगों ने अपने साथ कुछ नयों को जोडक़र भाजपा बनाई और उगते सूरज के साथ सत्ता के रूप में कमल खिला। 

उन्होंने कहा कि 1980 में अटल जी ने जो कहा वे आज भी प्रेरणादायक हैं। उन्होंने उस वक्त कहा था कि अंधेरा छंटेगा, सूरज निकलेगा और कमल खिलेगा और ऐसा ही हुआ। आज भी देशभर में कमल ही कमल खिले हुए हैं। इस समारोह के दौरान लगाई गई प्रदर्शनी का भी खट्टर ने अवलोकन किया। खास बात ये है कि इस प्रदर्शनी पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक वीडियो संदेश भी जारी किया है। इस वीडियो संदेश के जरिए भी खट्टर ने प्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आपातकाल के उस भयावह दौर को चित्रों के जरिए अपने संदेश में बयां करते हुए कहा कि ये चित्रावली उस दौर की आंखों देखी हैं। इस संदेश में भी उन्होंने कहा कि अब अंधेरा नहीं आएगा, सूरज यूं ही उगेगा और कमल ऐसे ही खिलता रहेगा।

आपातकाल की विभीषिका को नहीं भुला सकता राष्ट्र

खास बात ये है कि दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित समारोह एवं प्रदर्शनी के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि आज नई दिल्ली स्थित सैंट्रल पार्क में आपातकाल पर प्रदर्शनी में सम्मिलित होने का सुअवसर प्राप्त हुआ।  25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय है, जिसकी विभीषिका को राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता। आज ही के दिन सन 1975 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया था। 

उन्होंने कहा कि रातों-रात आपातकाल थोपकर कांग्रेस ने यह साबित कर दिया कि उसके लिए सत्ता सर्वोपरि है, लोकतंत्र और संविधान नहीं। कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि किस प्रकार हमारे संविधान की भावना का सरेआम हनन किया गया था। आज संविधान हत्या दिवस पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर परिस्थिति में अडिग होकर खड़े रहेंगे, ताकि ऐसी तानाशाही की पुनरावृत्ति कभी न हो सके। एक अन्य पोस्ट शेयर करते हुए केंद्रीय मंत्री खट्टर ने कहा कि 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का वो काला अध्याय है जिसे देश कभी नहीं भूल पाएगा। संविधान हत्या दिवस उन लाखों भारतीयों के संघर्ष, त्याग एवं बलिदान को नमन करता है, जिन्होंने कांग्रेस सरकार की तानाशाही एवं यातनाओं के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए अपना जीवन खपा दिया। मैं उन समस्त लोकतंत्र सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने संविधान की मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हेतु अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। देश कांग्रेस के इस दमनकारी कदम को भारतीय इतिहास के काले अध्याय के रूप में हमेशा याद रखेगा।

बिहार में भी संविधान हत्या दिवस समारोह में शामिल हुए केंंद्रीय मंत्री खट्टर

संविधान हत्या दिवस के उपलक्ष्य में बिहार में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ और इस कार्यक्रम में भी केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर पहुंचे थे। इस कार्यक्रम के संदर्भ में एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने लिखा कि ‘बिहार विधानसभा सभागार में कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल के काले अध्याय के 50वें वर्ष की संगोष्ठी में सम्मिलित हुआ। 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का वो काला दिन है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंटा था। लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का निर्णय, उन लाखों भारतीयों के संघर्ष, त्याग एवं बलिदान का सम्मान है जिन्होंने कांग्रेस सरकार की तानाशाही एवं यातनाओं के बावजूद लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष किया। ये आने वाली पीढ़ी को एक संदेश भी है ताकि भविष्य में कांग्रेस जैसी कोई भी तानाशाही मानसिकता इसको दोहरा न पाए। इस संगोष्टी में विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल तथा अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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